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BIHAR ELECTION : 20 रुपए में एक रसगुल्ला तो पुड़ी-सब्जी के लिए 30 रुपए हुआ तय; चुनाव आयोग ने तय कर रखा है प्रत्याशियों के खर्च की दरें

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रत्याशियों के खर्च का लेखा-जोखा रखने के लिए व्यय कोषांग ने खाद्य, मंच, वाहन और श्रमिकों की दरें तय की हैं। अधिकतम खर्च सीमा 40 लाख रुपये है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 12 Oct 2025 03:28:53 PM IST

BIHAR ELECTION : 20 रुपए में एक रसगुल्ला तो पुड़ी-सब्जी के लिए 30 रुपए हुआ तय; चुनाव आयोग ने तय कर रखा है प्रत्याशियों के खर्च की दरें

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BIHAR ELECTION : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जिले की 11 सीटों पर शुक्रवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। साथ ही प्रत्याशियों के चुनावी खर्च का लेखा-जोखा रखने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इस बार व्यय कोषांग (Expenditure Cell) ने चुनाव में इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुओं और सेवाओं की दरें निर्धारित कर दी हैं, ताकि प्रत्याशी निर्धारित सीमा के भीतर रहकर चुनाव प्रचार कर सकें।


चुनाव में प्रत्याशियों की अधिकतम खर्च सीमा 40 लाख रुपये तय की गई है। इस बार व्यय कोषांग ( Expenditure Cell) ने खाद्य सामग्री, सजावट, वाहन, मंच, श्रमिक मजदूरी और अन्य आवश्यक चीजों की दरें निर्धारित कर दी हैं। उदाहरण के लिए, रसगुल्ले एवं अन्य मिठाइयों का खर्च प्रति पीस 20 रुपये, पूड़ी-सब्जी 30 रुपये, शाकाहारी थाली 80 रुपये, मांसाहारी थाली 125 रुपये, अंडा करी-चावल 75 रुपये, चाय 10 रुपये, कोल्ड ड्रिंक्स 20 रुपये (200 एमएल) और काफी 15 रुपये रखी गई है। इसके अलावा सिंधारा या कचौड़ी दो पीस के लिए 25 रुपये खर्च में जोड़ा जाएगा।


फूलों की दर भी तय की गई है। गुलाब, गेंदा और रजनीगंधा की माला के लिए 20 रुपये प्रति फूल खर्च में शामिल होगा। मंच और तोरण की दरें भी स्पष्ट कर दी गई हैं। तोरण के लिए प्रतिदिन 1300 रुपये, वाटरप्रूफ स्टेज 25 रुपये, नॉन वाटरप्रूफ स्टेज 15 रुपये, और दरी 25 रुपये प्रति वर्गफीट रखी गई है।


चुनाव प्रचार में प्रयुक्त श्रमिक और सेवाओं की दरें भी तय हैं। कुशल मजदूर 600 रुपये, प्रचारक 600 रुपये, उद्घोषक 1000 रुपये, ठेला चालक सहित मजदूर 500 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे। होटल और ठहरने के लिए भी विभिन्न दरें निर्धारित की गई हैं। सिंगल बेड नॉन एसी कमरे के लिए 800 रुपये, डबल बेड एसी 2500 रुपये, एसी सिंगल बेड 1500 रुपये, नॉन एसी डबल बेड 1200 रुपये, डार्मेटरी 500 रुपये और सुइट कमरे के लिए 4500 रुपये प्रतिदिन खर्च में जोड़े जाएंगे।


चुनाव प्रचार में वाहन उपयोग के लिए भी खर्च तय है। बस 50 सीटर के लिए 3500 रुपये, 50 सीटर से अधिक की बस 4500 रुपये, 40-49 सीटर की बस 2600 रुपये, मिनी बस 2200 रुपये, मैक्सी, सिटी राइड, विंगर और ट्रैवलर 2000 रुपये, छोटी कार 1000 रुपये, बोलेरो, सूमो, मार्शल 1200 रुपये, एसी वाहन 1500 रुपये, स्कार्पियो, जाइलो, क्वालिस 1600 रुपये, इनोवा और सफारी 2000 रुपये, ई-रिक्शा 600 रुपये और ऑटो-रिक्शा 500 रुपये प्रतिदिन खर्च में शामिल होगा। मोटरसाइकिल और साइकिल का खर्च क्रमशः 250 रुपये और 50 रुपये प्रतिदिन जोड़ा जाएगा। इसके अलावा मालवाहन वाहनों के किराए भी निर्धारित किए गए हैं।


जिला निर्वाचन पदाधिकारी के आदेश के तहत यह खर्च सूची तैयार की गई है। इस सूची में तोरण, मंच, वाहन, जनरेटर, होटल, मजदूर, प्रचार सामग्री और अन्य खर्चों का पूरा विवरण शामिल है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी प्रत्याशी निर्धारित 40 लाख रुपये की सीमा के भीतर रहकर खर्च करें और चुनाव में पारदर्शिता बनी रहे।


चुनाव आयोग के अनुसार, प्रत्याशियों को अपने खर्च का विवरण देना अनिवार्य होगा। तय दरों के हिसाब से ही उनके खर्च की समीक्षा की जाएगी। यह कदम चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और अनावश्यक खर्च को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।


इस प्रकार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नामांकन प्रक्रिया के साथ-साथ प्रत्याशियों के खर्च की सख्त निगरानी भी शुरू हो गई है। प्रत्याशियों को चाहिए कि वे सभी खर्चों का सही हिसाब रखें और निर्धारित दरों का पालन करें, ताकि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी रूप से संपन्न हो सके।