ब्रेकिंग न्यूज़

Indigo Crisis: इंडिगो संकट के बीच स्पाइसजेट ने दिल्ली-मुंबई से पटना-दरभंगा के लिए शुरू की नई उड़ानें, विमानों का शेड्यूल जारी Indigo Crisis: इंडिगो संकट के बीच स्पाइसजेट ने दिल्ली-मुंबई से पटना-दरभंगा के लिए शुरू की नई उड़ानें, विमानों का शेड्यूल जारी Arwal road accident : NH-139 पर तेज रफ्तार कंटेनर ने बाइक सवार को कुचला, मैकेनिक की मौके पर मौत Bihar News: बिहार में स्कूल जा रही छात्राओं पर टूटकर गिरा बिजली का हाई टेंशन तार, हादसे में एक लड़की की मौत; कई झुलसीं Home Minister Bihar : गृह मंत्री सम्राट चौधरी का तीन महीने का अल्टीमेटम, DGP को मिले 5 बड़े टारगेट; पढ़िए क्या है पूरी खबर Patna news: पटना में ऑटो स्टैंड और वेंडरों की व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय, नगर आयुक्त और DM-SSP ने किया निरीक्षण; दिए यह निर्देश Patna news: पटना में ऑटो स्टैंड और वेंडरों की व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय, नगर आयुक्त और DM-SSP ने किया निरीक्षण; दिए यह निर्देश बिहार में नए साल के जश्न की तैयारी: ट्रक से 50 लाख से अधिक की शराब बरामद, सड़े हुए आलू में छिपाकर रखी थी बड़ी खेप बिहार में नए साल के जश्न की तैयारी: ट्रक से 50 लाख से अधिक की शराब बरामद, सड़े हुए आलू में छिपाकर रखी थी बड़ी खेप Patna tourism : पटना के मरीन ड्राइव पर दिखेगा बदला नजारा,पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान को मिलेगा नया आयाम

Bihar tribal voters: बिहार में पहली बार इस समाज के हर वयस्क को मिला वोट का हक ,कभी नहीं जानते थे वोट क्या होता है!

Bihar tribal voters: बिहार में पहली बार आदिम जनजातियों के सभी वयस्कों को मिला लोकतंत्र में भागीदारी का अधिकार। जो कभी वोट की परिभाषा से भी अनजान थे, अब वे भी देश की राजनीति में अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 21 Apr 2025 10:36:21 AM IST

आदिम जनजाति, PVTG, Bihar tribal voters, वोटर लिस्ट, आदिवासी समाज, Bihar election, voter registration, लोकतंत्र में भागीदारी, tribal rights, marginalized communities, वोटर पहचान, आदिवासी वोटर, Election

प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Bihar tribal voters: बिहार में पहली बार आदिम जनजातियों के हर 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को मतदाता सूची में शामिल कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की गई है। चुनाव आयोग के एक साल तक चले विशेष अभियान के बाद यह सफलता मिली है।


ये जनजातियां, जिन्हें सरकारी भाषा में पीवीटीजी (PVTG - Particularly Vulnerable Tribal Group) कहा जाता है, अब तक मुख्यधारा की नागरिक सुविधाओं से काफी हद तक कटे हुए थे। भाषा की बाधा, स्थायी निवास की अनुपस्थिति और संपर्क की कठिनाइयों के बावजूद आयोग ने अभियान को अंजाम तक पहुंचाया।


10 जिलों में खोज और संपर्क 

गया, नवादा, कैमूर, बांका, भागलपुर, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल और किशनगंज, इन दस जिलों में आदिम जनजातियों के परिवारों तक पहुंच बनाकर 3147 वयस्कों को वोटर बनाया गया। इन जिलों में माल पहाड़िया, सौरिया पहाड़िया, पहाड़िया, कोरबा और बिरहोर जैसी जनजातियां निवास करती हैं, जिनकी कुल आबादी आयोग के अनुसार लगभग 7631 है।


संवाद और भरोसे से मिली राह

अभियान के दौरान कई वयस्कों से संपर्क उनके रिश्तेदारों के माध्यम से किया गया। स्थानीय भाषा बोलने वालों की मदद से संवाद स्थापित कर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज किए गए। आदिम जनजातियों की जीवनशैली में जंगलों पर निर्भरता, मौसमी आवास और पत्तों से बनाए गए अस्थायी घर अब भी देखने को मिलते हैं।


लोकतंत्र की ओर एक मजबूत कदम

चुनाव आयोग का यह कदम न केवल लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ाने वाला है, बल्कि यह आदिम जनजातियों के लिए भी एक नई पहचान और अधिकारों की दिशा में अग्रसर होने का अवसर है।