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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 11 Oct 2025 10:32:07 AM IST
बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक मिश्रीलाल यादव ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी में पिछड़ों का सम्मान नहीं है और पार्टी अब घमंड में चूर हो गई है। मिश्रीलाल ने साफ कहा कि वे अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। उनका यह कदम न केवल बीजेपी के लिए झटका है, बल्कि दरभंगा और मिथिलांचल क्षेत्र में राजनीतिक समीकरणों को भी बदल सकता है।
मिश्रीलाल यादव ने कहा, “बीजेपी में रहते हुए हमें अपमानित महसूस हुआ। हमें पार्टी में टॉर्चर किया गया और हमारे स्वाभिमान की रक्षा नहीं की गई। मैंने 2020 में ऐसी सीट से चुनाव जीता था जहां पिछले 30 वर्षों से एनडीए का कोई विधायक नहीं जीत पाया था, लेकिन फिर भी पार्टी ने मेरा सम्मान नहीं किया। अब ऐसी पार्टी में रहना मेरे जैसे स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए उचित नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी में आज केवल चापलूसी करने वालों की सुनी जाती है, मेहनती और ईमानदार नेताओं की नहीं। मिश्रीलाल ने कहा बीजेपी अब उस राह पर नहीं रही जो कभी कार्यकर्ताओं की ताकत से चलती थी। अब ये पार्टी सिर्फ सत्ता के नशे में डूबी हुई है।
हालांकि उन्होंने अभी यह साफ नहीं किया कि वे आगे किस पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, “मैं एक सेकुलर सोच वाला व्यक्ति हूं, इसलिए संभव है कि मैं किसी सेकुलर पार्टी में जाऊं। लेकिन फिलहाल इतना कह सकता हूं कि मैं हर हाल में अलीनगर से चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा भी।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि उनका बेटा, जो पिछले दस वर्षों से मुखिया है, इस बार विधानसभा चुनाव में उतर सकता है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि बेटा किस पार्टी से चुनाव लड़ेगा।
मिश्रीलाल यादव का राजनीतिक सफर दिलचस्प रहा है। वे 2020 में मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) से अलीनगर से चुनाव जीते थे। उस समय वीआईपी पार्टी एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी। लेकिन 2022 में वीआईपी पार्टी में टूट हुई और चार में से तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए इनमें मिश्रीलाल यादव भी शामिल थे। बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने पार्टी के प्रति निष्ठा दिखाई, लेकिन हाल के महीनों में उनके तेवर बदलते नज़र आ रहे थे।
कुछ समय पहले मिश्रीलाल यादव को राजद (आरजेडी) के कुछ नेताओं के साथ देखा गया था, जिससे राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई थीं कि वे पार्टी बदल सकते हैं। हालांकि तब उन्होंने इस बात से साफ इनकार किया था और कहा था कि वे बीजेपी में ही रहेंगे। लेकिन अब टिकट कटने के बाद उनका धैर्य टूट गया और उन्होंने खुलकर बगावत कर दी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मिश्रीलाल यादव का इस्तीफा एनडीए के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि वे दरभंगा क्षेत्र में ओबीसी समाज के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। उनके जाने से अलीनगर सीट पर बीजेपी की स्थिति कमजोर हो सकती है। वहीं, अगर मिश्रीलाल किसी विपक्षी पार्टी, विशेषकर राजद या कांग्रेस से जुड़ते हैं, तो यह एनडीए के लिए और बड़ी चुनौती बन सकती है।
इस इस्तीफे के साथ मिश्रीलाल यादव ने यह भी संकेत दे दिया है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में ओबीसी नेताओं की नाराजगी और बढ़ सकती है। उनके बयान ने यह साफ कर दिया है कि राज्य की सियासत में टिकट वितरण और जातीय समीकरण अब एक बार फिर केंद्र में हैं और आने वाले चुनाव में यह समीकरण कई दलों की किस्मत तय करेगा।