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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 17 Oct 2025 09:48:52 AM IST
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Bihar Assembly Election : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। पार्टी की तैयारी को खुद मॉनिटर करने के लिए अमित शाह ने प्रदेश भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठकें की हैं। सूत्रों के अनुसार, इन बैठकों में अमित शाह ने पार्टी के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की सीटवार स्थिति की समीक्षा की और वहां के माहौल, पार्टी की तैयारी और गठबंधन के कामकाज के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की।
हालांकि, अमित शाह को जो रिपोर्टें और जवाब मिले, उनसे वे पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिखे। बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब तक जो जानकारी उन्हें मिली है, उससे काम नहीं चलेगा और पार्टी को सक्रिय रूप से चुनावी मैदान में उतरना होगा। उन्होंने प्रदेश भाजपा नेतृत्व को निर्देश दिए कि वे तुरंत कार्यकर्ताओं को सक्रिय करें और बूथ स्तर पर चुनावी तैयारियों को मजबूती से लागू करें। इस दौरान उन्होंने बिहार भाजपा के कई सीनियर लीडर को फटकार भी लगाई और कहा की आपलोग पहले तो गुटबाजी करना बंद करें इससे कार्यकर्ता के अंदर भी असंतोष पैदा होता है।आपलोग सिर्फ जनता की नज़रों में साथ नहीं बल्कि सही मायने में साथ रहिए। यदि अगली बार मुझे गुटबाजी की शिकायत मिली तो आप जानते हैं की मुझे कैसे काम करना है तो आपलोग आज से ही इसपर लग जाइए।
अमित शाह ने प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों और चुनाव समिति के सदस्यों के साथ अलग-अलग मुलाकातें कीं। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य विधानसभा चुनाव की सीटवार तैयारियों की समीक्षा करना था। अमित शाह ने विशेष रूप से टिकट बंटवारे और सीट शेयरिंग के बाद उभरे असंतोष पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं के बीच किसी प्रकार की अनबन चुनावी अभियान को कमजोर कर सकती है, इसलिए इस असंतोष को तुरंत दूर करना आवश्यक है।
बैठकों में अमित शाह ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की स्थिति, स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की सक्रियता, विरोधियों की रणनीति और गठबंधन के समन्वय की जानकारी ली। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में चुनावी परिस्थितियाँ चुनौतीपूर्ण हैं और कार्यकर्ताओं को हर स्तर पर मजबूत किया जाना चाहिए। अमित शाह ने प्रदेश नेतृत्व से रिपोर्ट मांगी कि किस सीट पर कार्यकर्ताओं की सक्रियता कमजोर है और किस क्षेत्र में गठबंधन में तालमेल नहीं है।
अमित शाह ने स्थानीय नेताओं को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि वे बूथ स्तर तक पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करें। उन्होंने कहा कि चुनाव में जीत के लिए केवल नामांकन और उम्मीदवारों की घोषणा पर्याप्त नहीं है। इसके लिए हर बूथ पर कार्यकर्ता सक्रिय होने चाहिए, और गठबंधन के साथ समन्वय भी मजबूत होना चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कुछ सीटों पर असंतोष और नाराजगी की जानकारी मिली है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने कहा कि पार्टी की तैयारी को मजबूती देने के लिए अब समय कम है और हर कार्यकर्ता को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए चुनाव अभियान में योगदान देना होगा। उन्होंने यह भी जोर दिया कि पार्टी नेतृत्व को प्रत्येक जिला और विधानसभा क्षेत्र में नियमित रिपोर्ट प्राप्त होती रहनी चाहिए, जिससे चुनावी रणनीति में तुरंत सुधार किया जा सके।
बैठकों में अमित शाह ने एनडीए गठबंधन के भीतर चल रही राजनीतिक गतिविधियों की भी जानकारी ली। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि गठबंधन में कोई विरोधाभास या असंतोष अभियान को प्रभावित न करे। अमित शाह ने कहा कि गठबंधन के भीतर हर दल के साथ समन्वय बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने प्रदेश नेतृत्व से कहा कि गठबंधन की मजबूत स्थिति ही चुनाव में सफलता की कुंजी है।
अमित शाह ने उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया और उसके बाद की तैयारियों पर भी चर्चा की। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक उम्मीदवार को चुनावी तैयारियों में किसी प्रकार की कमी न हो और उन्हें स्थानीय कार्यकर्ताओं का पूरा समर्थन मिले। देर रात तक चली बैठकों में अमित शाह ने जिलेवार और सीटवार रणनीतियों पर विस्तार से मंथन किया।
अमित शाह आगामी शुक्रवार को सारण जिले के तरैया और अमनौर विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों के नामांकन कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान वे पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं से सीधे संवाद करेंगे और चुनावी माहौल का जायजा लेंगे। इसके बाद अमित शाह पटना स्थित ज्ञान भवन में आयोजित बुद्धिजीवी सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन में राज्यभर के शिक्षाविद्, उद्योगपति, चिकित्सक और विभिन्न वर्गों के प्रमुख लोग शामिल होंगे।
अमित शाह की यह सक्रियता और सीधे मोर्चा संभालना भाजपा के लिए चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उनका फोकस केवल टिकट बंटवारे और उम्मीदवारों की घोषणा तक सीमित नहीं है, बल्कि वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पार्टी हर बूथ पर मजबूत और सक्रिय रहे। बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी में अमित शाह की सक्रियता और पार्टी की तैयारियों की समीक्षा से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा हर स्तर पर चुनावी ताकत दिखाने के लिए पूरी तरह सजग है।
उन्होंने स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे सक्रिय रहें और गठबंधन के साथ समन्वय बनाए रखें। अमित शाह की यह रणनीति यह दर्शाती है कि भाजपा राज्य में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखने और चुनावी सफलता सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। बिहार में चुनावी तैयारियों के इस दौर में अमित शाह की भूमिका पार्टी के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। कार्यकर्ताओं की सक्रियता और गठबंधन के साथ तालमेल ही इस बार भाजपा की जीत की कुंजी हो सकती है।