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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 05 Nov 2025 07:20:31 AM IST
बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Election 2025: 10 अक्तूबर को नामांकन प्रक्रिया के साथ शुरू हुए बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार का शोर मंगलवार शाम थम गया। अब कल यानी गुरुवार, 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में कुल 3 करोड़ 75 लाख 13 हजार 302 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 1 करोड़ 98 लाख 35 हजार 325 पुरुष, 1 करोड़ 76 लाख 77 हजार 219 महिला और 758 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। इस चरण में 1314 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 1192 पुरुष और 122 महिलाएं हैं।
मजबूत सुरक्षा और तकनीकी निगरानी
पहले चरण के मतदान के लिए 45,341 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। हर केंद्र पर सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है ताकि मतदान शांतिपूर्ण माहौल में हो सके। इसके अलावा 100 प्रतिशत बूथों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है, जिससे चुनाव आयोग मुख्यालय से ऑनलाइन निगरानी रखी जा सकेगी। इसमें किसी भी गड़बड़ी या गड़बड़ी की कोशिश पर तुरंत कार्रवाई संभव होगी।
इनमें से 926 महिला संचालित मतदान केंद्र, 107 दिव्यांग संचालित केंद्र और 320 मॉडल मतदान केंद्र बनाए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 36,733 और शहरी इलाकों में 8,608 केंद्र होंगे। प्रति मतदान केंद्र औसतन 827 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
जिलों और विधानसभा क्षेत्रों की स्थिति
पहले चरण में गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर, बक्सर, पटना, वैशाली, नालंदा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, शेखपुरा, बेगूसराय, लखीसराय, दरभंगा, सहरसा, खगड़िया, मुंगेर और मधेपुरा जिले शामिल हैं। इनमें 102 सामान्य और 19 अनुसूचित जाति आरक्षित सीटें हैं। सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र सबसे बड़े क्षेत्रफल वाला इलाका है, जबकि दीघा विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता हैं। बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र सबसे छोटे क्षेत्रफल वाला और बरबीघा सबसे कम आबादी वाला निर्वाचन क्षेत्र है।
युवा और बुजुर्ग मतदाता
इस चरण में 7 लाख 37 हजार 765 नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। वहीं 18 से 40 वर्ष के बीच के 1 करोड़ 96 लाख 27 हजार 330 युवा मतदाता इस चुनाव का रुख तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 80 वर्ष से अधिक आयु के 5 लाख 24 हजार 687 और 100 वर्ष से अधिक उम्र के 6,736 बुजुर्ग मतदाता भी लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लेंगे।
उम्मीदवारों की स्थिति
पहले चरण में औसतन हर सीट पर 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। मुजफ्फरपुर और कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 20-20 उम्मीदवार हैं, जबकि भोरे, परबत्ता और अलौली में सबसे कम पांच-पांच उम्मीदवार हैं। सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हरिनारायण सिंह (78 वर्ष, जदयू - हरनौत) और अवध बिहारी चौधरी (78 वर्ष, राजद - सीवान) हैं, जबकि सबसे युवा चेहरों में मैथिली ठाकुर (25 वर्ष, भाजपा - अलीनगर) और रवीना कुशवाहा (27 वर्ष, जदयू - विभूतिपुर) शामिल हैं। उम्मीदवारों की औसत आयु 51 वर्ष बताई गई है।
करोड़पति और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार
पहले चरण में 40 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। औसतन हर उम्मीदवार के पास 3.26 करोड़ रुपये की संपत्ति है। सबसे अधिक संपत्ति वाले उम्मीदवार भाजपा के कुमार प्रणय (मुंगेर) हैं, जिनकी घोषित संपत्ति 170 करोड़ रुपये है। वहीं, 32 फीसदी यानी 432 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 354 पर गंभीर धाराओं के तहत मामले चल रहे हैं। यह आंकड़ा चुनावी पारदर्शिता पर सवाल भी खड़ा करता है।
शिक्षा और सामाजिक विविधता
शैक्षणिक दृष्टि से देखा जाए तो 651 उम्मीदवार स्नातक या उससे अधिक शिक्षित हैं। 105 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक, 105 केवल साक्षर और आठ निरक्षर हैं। यह मिश्रण बताता है कि चुनाव में हर वर्ग, हर स्तर के लोग अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
पहले चरण का यह चुनाव बिहार की राजनीति में कई मायनों में अहम साबित होगा। एक ओर जहां युवा मतदाता पहली बार अपना भविष्य तय करने जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अनुभवी राजनेता अपनी पुरानी पकड़ बनाए रखने की कोशिश में हैं। सुरक्षा, पारदर्शिता और तकनीकी निगरानी के इंतजामों के साथ चुनाव आयोग ने निष्पक्ष मतदान का पूरा खाका तैयार कर लिया है। अब देखना यह है कि बिहार के मतदाता किसे चुनकर सत्ता की राह दिखाते हैं।