1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 12 Oct 2025 11:37:43 AM IST
Bihar Assembly Election 2025 - फ़ोटो FILE PHOTO
Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और इस बार चुनाव दो चरणों में करवाया जाएगा। चुनाव आयोग के अनुसार पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा, जबकि नामांकन भरने की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर तय की गई है। इसको लेकर सभी राजनीतिक दल अब पूरी तैयारी में हैं और बिहार में चुनावी हलचल तेज हो गई है।
भाजपा ने भी बड़े नेताओं को बिहार भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी की रणनीति के तहत अलग-अलग नेताओं को नॉमिनेशन और प्रचार के दौरान राज्य में भेजा जाएगा। इसके लिए तारीखों का भी ऐलान कर दिया गया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 16 अक्टूबर को बिहार आएंगे। वहीं भजन लाल शर्मा और रेखा गुप्ता 15 अक्टूबर को उपस्थित रहेंगे। मोहन यादव, पुष्कर सिंह धामी, अश्वनी वैष्णव, शिवराज सिंह चौहान, रवि किशन, भूपेंद्र पटेल जैसे केंद्रीय नेता 17 अक्टूबर को बिहार में सक्रिय रहेंगे।
इसके अलावा विष्णु देव साय, मनसुख मांडविया, अर्जुन राम मेघवाल, पवन कल्याण, मनोज तिवारी और गजेन्द्र सिंह शेखावत 16 अक्टूबर को बिहार में चुनावी गतिविधियों में हिस्सा लेंगे। मनोज तिवारी और दिया कुमारी 16 और 17 अक्टूबर दोनों दिन राज्य में मौजूद रहेंगे। नायब सिंह सैनी भी 18 अक्टूबर को बिहार में प्रचार करेंगे।
भाजपा का यह रणनीतिक कदम माना जा रहा है कि बड़े नेताओं की उपस्थिति से पार्टी के उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा। पार्टी के अनुसार, ये नेता चुनावी तैयारियों और स्थानीय उम्मीदवारों के समर्थन के लिए अलग-अलग जिलों में जाएंगे। भाजपा की यह योजना “कारपेट बमिंग” के तौर पर जानी जा रही है, जिसका उद्देश्य सीमित समय में व्यापक प्रभाव डालना है।
राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि इस बार बिहार चुनाव में बड़ी भीड़ और सक्रिय प्रचार अभियान देखा जा सकता है, क्योंकि केंद्रीय नेताओं की भागीदारी से चुनावी माहौल और गर्म हो जाएगा। इस दौरान स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ विकास, रोजगार और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी जोर दिया जाएगा।
इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा हर चरण में प्रभावी रणनीति अपनाकर राज्य के मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने की पूरी तैयारी में है। चुनाव आयोग ने भी सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है ताकि मतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सके। इस तरह, 6 नवंबर को पहले चरण के मतदान से पहले भाजपा की केंद्रीय और राज्य स्तरीय नेताओं की सक्रियता चुनावी लड़ाई को और दिलचस्प बनाएगी।