ब्रेकिंग न्यूज़

सीएम हाउस पहुंचे संजय झा और अशोक चौधरी, नीतीश कुमार को दी जीत की बधाई Bihar Election : “एनडीए की प्रचंड बढ़त पर गिरिराज सिंह का बड़ा हमला—बिहार ने जंगलराज को हमेशा के लिए नकार दिया” Bodh Gaya election result : बोध गया से आरजेडी को राहत, कुमार सर्वजीत की 881 वोटों से जीत; तेजस्वी के लिए राहत बिक्रम से चुनाव जीतने के बाद बोले सिद्धार्थ सौरव, कहा..ऐसा प्रचंड जीत कभी मिला था जी, तेजस्वी अब दूध दुहने का काम करेगा Bihar Election Result 2025: बिहार चुनाव के रूझानों से पड़ोसी राज्य की सियासत गरमाई, अखिलेश यादव ने बताया क्यों हुई महागठबंधन की दुर्गति Bihar Election Result 2025: बिहार चुनाव के रूझानों से पड़ोसी राज्य की सियासत गरमाई, अखिलेश यादव ने बताया क्यों हुई महागठबंधन की दुर्गति Bihar Election Results 2025: दानापुर सीट से राम कृपाल यादव चुनाव जीते, रीतलाल की करारी हार; औपचारिक ऐलान बाकी Bihar election 2025 : कोई जीते कोई हारे विधानसभा में इतने भूमिहार विधायक की जगह फिक्स;जानिए कौन सी सीट से मिल रही जीत Bihar Election Result: अनंत सिंह की दूसरी सबसे बड़ी जीत, दुलारचंद हत्याकांड के बाद इलाके में इस चीज की हो रही थी चर्चा? बिहार चुनाव 2025: गया टाउन से बीजेपी के डॉ. प्रेम कुमार 20 हजार वोटों से विजयी, कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल

Bihar Election Result: अनंत सिंह की दूसरी सबसे बड़ी जीत, दुलारचंद हत्याकांड के बाद इलाके में इस चीज की हो रही थी चर्चा?

Bihar Election Result: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मोकामा सीट पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बाहुबली नेता अनंत सिंह ने दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। यह जीत खास इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि अनंत सिंह जेल में बंद होने के बावजूद जनता के...

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 14 Nov 2025 02:47:22 PM IST

Bihar Election Result 2025

बिहार चुनाव रिजल्ट 2025 - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Election Result: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मोकामा सीट पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बाहुबली नेता अनंत सिंह ने दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। यह जीत खास इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि अनंत सिंह जेल में बंद होने के बावजूद जनता के मजबूत समर्थन से विजयी हुए। 30 अक्टूबर को टाल इलाके में प्रचार के दौरान हुई झड़प और दुलारचंद यादव की हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में सुरक्षा, बाहुबली राजनीति और कानून के शासन को लेकर गहरी चर्चाएँ हो रही थीं। अनंत सिंह की इस जीत ने साबित कर दिया कि जनता का विश्वास विवादों और कानूनी पेंच से भी ऊपर है।


मोकामा सीट पर यह चुनाव सिर्फ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा नहीं था, बल्कि दो बाहुबली परिवारों की प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा था। अनंत सिंह को इलाके में ‘छोटे सरकार’ के नाम से जाना जाता है, जबकि वीणा सिंह ने RJD के मजबूत वोट बैंक और अपने पति सूरजभान सिंह के राजनीतिक अनुभव का सहारा लिया।


अनंत सिंह की यह जीत उनके राजनीतिक करियर की दूसरी सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है। पहली बड़ी जीत 2005 में आई थी, जब उन्होंने JDU के टिकट पर लगातार मजबूत पकड़ बनाकर बाहुबली दिलीप सिंह के बाद मोकामा में अपनी पहचान स्थापित की थी। 2025 की यह जीत विशेष इसलिए है क्योंकि अनंत सिंह जेल में बंद होने के बावजूद जनता ने उन्हें समर्थन दिया। इस जीत ने साबित कर दिया कि उनकी ‘छोटे सरकार’ वाली छवि और क्षेत्र में लंबे समय से किए गए विकास कार्यों के कारण कानूनी पेंच भी उनकी लोकप्रियता को नहीं रोक पाए।


30 अक्टूबर को प्रचार के दौरान टाल इलाके के बसावन चक गांव में अनंत सिंह और जन सुराज पार्टी समर्थकों के बीच झड़प हुई थी। इसी घटना के बाद स्थानीय नेता दुलारचंद यादव की हत्या हो गई। इस हत्याकांड ने चुनावी माहौल को गर्मा दिया और इलाके में सुरक्षा, बाहुबली राजनीति और कानून के शासन को लेकर व्यापक चर्चाएँ शुरू हो गईं। बहुत से लोग यह सवाल उठा रहे थे कि क्या बाहुबली नेताओं की राजनीतिक पकड़ कानून की सीमाओं को पार कर सकती है, या जनता की नजर में क्षेत्रीय प्रभाव ही ज्यादा मायने रखता है। अनंत सिंह की इस जीत ने इन चर्चाओं को नया आयाम दिया और साबित किया कि जनता का विश्वास बाहुबली छवि और विवादों से भी ऊपर है।


मोकामा का राजनीतिक इतिहास भी बहुत दिलचस्प रहा है। 1952 से 1985 तक यह क्षेत्र कांग्रेस का मजबूत गढ़ था। 1990 के दशक में बिहार में बाहुबल राजनीति के उभार के साथ मोकामा भी इसका हिस्सा बन गया। 1990 और 1995 में बाहुबली दिलीप सिंह JDU के टिकट पर विधायक बने। 2000 में बाहुबली सूरजभान सिंह ने निर्दलीय चुनाव जीतकर इलाके में अपनी पकड़ मजबूत की। 2005 से 2020 तक यह क्षेत्र अनंत सिंह का गढ़ बन गया।


2022 में जब अनंत सिंह जेल गए, तब उनकी पत्नी नीलम देवी RJD के टिकट पर विधायक बनीं और पार्टी ने यहां अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। मोकामा की वोटिंग पैटर्न की बात करें तो भूमिहार वोटरों की संख्या अधिक है और यह हमेशा चुनावी समीकरण तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं। इस बार भी भूमिहार वोट बड़े पैमाने पर JDU के पक्ष में गए।


अनंत सिंह पर हत्या, अपहरण सहित 38 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या के 7 और अपहरण के 4 मामले शामिल हैं। बावजूद इसके, उनकी जनता में लोकप्रियता इतनी मजबूत है कि जेल में रहते हुए भी उन्होंने चुनाव जीत लिया। उनके समर्थक उन्हें क्षेत्र का ‘रक्षक’ मानते हैं, जबकि विरोधी उन्हें ‘बाहुबली’ की श्रेणी में रखते हैं। JDU के टिकट पर 3 बार विधायक बनने के अलावा, RJD से भी उन्होंने एक बार चुनाव जीता।


मोकामा विधानसभा सीट का 2025 का चुनाव बिहार के सामाजिक और राजनीतिक परिवेश का आईना साबित हुआ। बाहुबल, जातीय समीकरण, जनता का विश्वास और राजनीतिक रणनीति—सब कुछ इस चुनाव में दिखाई दिया। अनंत सिंह की दूसरी सबसे बड़ी जीत और दुलारचंद हत्याकांड के बाद इलाके में उठी चर्चाएँ यह दर्शाती हैं कि मोकामा में ‘छोटे सरकार’ की पकड़ अब भी वैसी ही मजबूत है जैसी पिछले दो दशकों में रही।