Bihar Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने BJP की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा, अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी ने किया था सस्पेंड Bihar Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने BJP की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा, अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी ने किया था सस्पेंड Rohini Acharya: ‘संजय और रमीज का नाम लीजिएगा तो आपको चप्पल से मारा जाएगा’, पार्टी और परिवार छोड़ने के बाद रोहिणी आचार्य का बड़ा बयान Rohini Acharya: ‘संजय और रमीज का नाम लीजिएगा तो आपको चप्पल से मारा जाएगा’, पार्टी और परिवार छोड़ने के बाद रोहिणी आचार्य का बड़ा बयान World Pathology Day: पटना में विश्व पैथोलॉजी दिवस पर हेल्थ इंस्टीट्यूट में आयोजित हुआ भव्य समारोह, छात्र-छात्राओं ने लगाया साइंस एग्जीबिशन World Pathology Day: पटना में विश्व पैथोलॉजी दिवस पर हेल्थ इंस्टीट्यूट में आयोजित हुआ भव्य समारोह, छात्र-छात्राओं ने लगाया साइंस एग्जीबिशन बिहार में प्रेम की मिसाल: पति की मौत के दो घंटे बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम, दोनों ने एकसाथ दुनिया को कहा अलविदा Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में पूरी तरह से हावी रहा परिवारवाद, कई नेताओं के रिश्तेदार जीते; कई को करना पड़ा हार का सामना Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में पूरी तरह से हावी रहा परिवारवाद, कई नेताओं के रिश्तेदार जीते; कई को करना पड़ा हार का सामना Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में इतनी महिला उम्मीदवारों ने मारी बाजी, विधानसभा में दिखेगी आधी आबादी की ताकत
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 24 Jan 2025 10:24:48 PM IST
हौसलों को मिली उड़ान - फ़ोटो google
SUCCESS STORY: आजकल की लड़कियां किसी से कम नहीं हैं। इस बात को साबित कर दिया है बिहार के नवादा जिले के पाकरीबरावां गांव की रहने वाली दो बहनों ने, पूजा और प्रिया कुमारी की कहानी है मेहनत, लगन और सपनों को साकार करने की। आलू बेचकर अपनी बेटियों को पढ़ाने वाले पिता के सपने को साकार करते हुए आज दोनों बहनें दारोगा बन गईं हैं।
गांव के सरकारी स्कूल से अपनी पढ़ाई शुरू करने वाली पूजा और प्रिया ने कृषक कॉलेज से इंटर और ग्रेजुएशन किया। आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। गांव से ही पढ़कर उन्होंने वो मुकाम हासिल किया जिसके लिए बड़े शहरों के कॉलेज जाने की जरूरत नहीं होती।
कॉलेज के बाद दोनों बहनें अपने ननिहाल नवादा चली गईं। उनके मामा टिंकू साव ने हर कदम पर उनका साथ दिया। उनकी प्रेरणा और मदद के बिना ये मुकाम पाना मुश्किल होता। आज दोनों बहनें अपनी सफलता का श्रेय अपने मामा को देती हैं।
छोटी बहन पूजा ने पहले प्रयास में ही दारोगा बनने का सपना पूरा किया, जबकि प्रिया ने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की। दोनों बहनें एक साथ दारोगा बनकर पूरे गांव के लिए मिसाल बन गई हैं। उनकी सफलता से गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। पूजा और प्रिया की सफलता बताती है कि अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।