ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Land News: बिहार के इस जिले में 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर क्यों लग गई रोक? जानिए.. इसके पीछे की वजह Bihar Land News: बिहार के इस जिले में 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर क्यों लग गई रोक? जानिए.. इसके पीछे की वजह Bihar News: मदरसा शिक्षा बोर्ड का हुआ गठन, JDU नेता को बनाया गया अध्यक्ष तो MLC बने सदस्य, पूरी लिस्ट देखें... Chenab Bridge Story: चिनाब ब्रिज की नींव में बसी है इस प्रोफेसर की 17 साल की मेहनत Andre Russell-Virat Kohli: रसल को रास न आया टेस्ट क्रिकेट पर कोहली का बयान, कहा "सम्मान करता हूँ मगर..." Bihar Politics: VIP नेता संजीव मिश्रा पहुंचे महादलित बस्ती, जनसंवाद के ज़रिए रखी विकास की आधारशिला Bihar Politics: VIP नेता संजीव मिश्रा पहुंचे महादलित बस्ती, जनसंवाद के ज़रिए रखी विकास की आधारशिला जमुई पुलिस और एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई,15 साल से फरार महिला नक्सली सीता सोरेन गिरफ्तार Bihar News: विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में खाद आयोग का गठन, सीएम नीतीश ने इन्हें सौंपी बड़ी जिम्मेवारी Bihar News: विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में खाद आयोग का गठन, सीएम नीतीश ने इन्हें सौंपी बड़ी जिम्मेवारी

SUCCESS STORY: बिहार की दो बहनों ने लिखी सफलता की कहानी, दोनों बन गईं दारोगा; आलू बेचते हैं पिता

SUCCESS STORY: बिहार की दो सही बहनों ने कम संसाधनों के बीच अपने हौसले के बल पर वह सफलता हासिल कर लिया है जो अच्छे अच्छों को हासिल नहीं होता है.

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 24 Jan 2025 10:24:48 PM IST

Success Story

हौसलों को मिली उड़ान - फ़ोटो google

SUCCESS STORY: आजकल की लड़कियां किसी से कम नहीं हैं। इस बात को साबित कर दिया है बिहार के नवादा जिले के पाकरीबरावां गांव की रहने वाली दो बहनों ने, पूजा और प्रिया कुमारी की कहानी है मेहनत, लगन और सपनों को साकार करने की। आलू बेचकर अपनी बेटियों को पढ़ाने वाले पिता के सपने को साकार करते हुए आज दोनों बहनें दारोगा बन गईं हैं।


गांव के सरकारी स्कूल से अपनी पढ़ाई शुरू करने वाली पूजा और प्रिया ने कृषक कॉलेज से इंटर और ग्रेजुएशन किया। आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। गांव से ही पढ़कर उन्होंने वो मुकाम हासिल किया जिसके लिए बड़े शहरों के कॉलेज जाने की जरूरत नहीं होती।


कॉलेज के बाद दोनों बहनें अपने ननिहाल नवादा चली गईं। उनके मामा टिंकू साव ने हर कदम पर उनका साथ दिया। उनकी प्रेरणा और मदद के बिना ये मुकाम पाना मुश्किल होता। आज दोनों बहनें अपनी सफलता का श्रेय अपने मामा को देती हैं।


छोटी बहन पूजा ने पहले प्रयास में ही दारोगा बनने का सपना पूरा किया, जबकि प्रिया ने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की। दोनों बहनें एक साथ दारोगा बनकर पूरे गांव के लिए मिसाल बन गई हैं। उनकी सफलता से गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। पूजा और प्रिया की सफलता बताती है कि अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।