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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Nov 2025 02:45:22 PM IST
सफलता की कहानी - फ़ोटो GOOGLE
Success Story: उत्तराखंड की बेटी तृप्ति भट्ट आज देश की उन गिनी-चुनी महिला आईपीएस अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत, मजबूत इच्छा शक्ति और दृढ़ संकल्प के दम पर कम उम्र में ही बड़ी उपलब्धि हासिल की। तृप्ति भट्ट ने 2013 में पहले प्रयास में UPSC परीक्षा क्रैक कर 165वीं रैंक प्राप्त की और IPS सेवा में चयनित हुईं। उनका यह सफर आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का बड़ा स्रोत बना हुआ है।
दरअसल, तृप्ति भट्ट का जन्म एक शिक्षित और संस्कारित परिवार में हुआ, जहां शिक्षा और राष्ट्र सेवा को हमेशा प्राथमिकता दी गई। बचपन से ही उनमें देश के लिए कुछ करने का जुनून था। उनके जीवन में बड़ा मोड़ तब आया, जब स्कूली दिनों में कक्षा 9 में उनकी मुलाकात भारत के पूर्व राष्ट्रपति ‘मिसाइल मैन’ डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से हुई। यह मुलाकात उनके जीवन का ‘टर्निंग पॉइंट’ साबित हुई और उन्होंने उसी दिन सिविल सेवा में जाने का लक्ष्य तय कर लिया।
इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद तृप्ति ने UPSC पर फोकस किया। दिलचस्प बात यह है कि तैयारी के दौरान ही उन्हें ISRO समेत करीब 16 सरकारी नौकरी के अवसर मिले, लेकिन उन्होंने सभी को ठुकरा दिया क्योंकि उनका लक्ष्य स्पष्ट था—सिविल सर्विसेज में जाकर जनता के लिए काम करना। इस निर्णय ने उनके मजबूत हौसले और आत्मविश्वास को साबित किया।
IAS न होकर IPS सेवा मिलने के बाद भी तृप्ति भट्ट ने इसे एक अवसर की तरह स्वीकार किया और अपनी ड्यूटी को हमेशा प्राथमिकता दी। उनकी पहली महत्वपूर्ण तैनाती देहरादून में SP के रूप में हुई। इसके बाद उन्होंने चमोली, टिहरी गढ़वाल जैसे संवेदनशील जिलों में भी प्रभावी तरीके से कानून-व्यवस्था संभाली। इन क्षेत्रों में पुलिसिंग के साथ-साथ उन्होंने जनता के बीच भरोसा बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
IPS तृप्ति भट्ट को SDRF कमांडर के रूप में भी विशेष पहचान मिली। आपदा प्रबंधन, रेस्क्यू ऑपरेशन और आपातकालीन स्थितियों में उनकी टीम ने कई बार उत्कृष्ट काम किया। 2019–2021 के दौरान उन्होंने कई बड़े बचाव अभियानों को सफलतापूर्वक लीड किया, जिससे उन्हें जनता और प्रशासन दोनों की सराहना मिली।
वर्तमान में तृप्ति भट्ट देहरादून में खुफिया व सुरक्षा विभाग की एसपी के रूप में कार्यरत हैं और अपने कड़े अनुशासन, त्वरित निर्णय क्षमता और उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए जानी जाती हैं। उनका काम प्रदेश की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
तृप्ति भट्ट की कहानी बताती है कि सपने तभी सच होते हैं जब हिम्मत और मेहनत साथ हो। 16 जॉब ऑफर ठुकराने का साहस, पहले प्रयास में UPSC क्रैक करना और जिम्मेदार पदों पर बेहतरीन प्रदर्शन—इन सबने उन्हें आज देश की एक रोल मॉडल महिला अधिकारी बना दिया है।