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Success Story: कौन हैं IAS साक्षी साहनी? बाढ़ में फंसे लोगों के लिए बनीं मसीहा, जानिए... क्यों हर कोई कर रहा तारीफ

Success Story: बाढ़ की तबाही से जूझ रहे पंजाब में आईएएस साक्षी साहनी लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आई हैं। अमृतसर जिले में बाढ़ से हालात गंभीर होते जा रहे हैं, राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए साक्षी साहनी खुद मर्चा संभाल लिया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 08 Sep 2025 12:07:59 PM IST

Success Story

सफलता की कहानी - फ़ोटो GOOGLE

Success Story: बाढ़ की तबाही से जूझ रहे पंजाब में आईएएस साक्षी साहनी (IAS Sakshi Sawhney) लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आई हैं। अमृतसर जिले में बाढ़ से हालात गंभीर होते जा रहे हैं, ऐसे में राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए 2014 बैच की IAS अधिकारी और अमृतसर की पहली महिला डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी खुद मैदान में उतर आईं। उन्होंने न केवल मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया, बल्कि प्रभावित लोगों से संवाद कर उनका हौसला भी बढ़ाया। लोग उनकी सादगी और संवेदनशीलता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें गले लगाकर आशीर्वाद दिया।


साक्षी साहनी का प्रशासनिक करियर उतना ही प्रेरणादायक है जितना उनका सेवा भाव। उन्होंने UPSC 2013 में 6वीं रैंक हासिल की थी और लॉ बैकग्राउंड से आने वाली यह महिला अधिकारी शुरू से ही सामाजिक बदलाव लाने की भावना से ओतप्रोत रही हैं। साक्षी ने हैदराबाद के नालसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से BA LLB की पढ़ाई की, जहां उन्होंने 8 गोल्ड मेडल जीतकर टॉप किया। उनके पिता IRS अधिकारी रहे हैं, मां एक स्कूल की प्रिंसिपल हैं, और बहन बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत हैं। सरकारी सेवा का यह माहौल साक्षी के लिए प्रेरणादायक रहा और उन्होंने कानून की पढ़ाई के दौरान ही तय कर लिया था कि वे सिविल सेवा में जाएंगी।


उन्होंने 2012 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी, लेकिन निबंध में कम अंक आने के कारण चयन नहीं हो पाया। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और 2014 में UPSC में दूसरी बार शामिल होकर 6वीं रैंक हासिल की। साक्षी ने खुद बताया कि उन्हें गीतांजलि बैंडन (UPSC रैंक 6, 2011) से प्रेरणा मिली, जिनकी कहानी ने उन्हें कठिन परिस्थितियों में डटे रहने की सीख दी।


इस समय, जब पंजाब 1988 के बाद की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, साक्षी साहनी की भूमिका बेहद अहम हो गई है। अमृतसर में बाढ़ राहत कार्यों का नेतृत्व करते हुए, उन्होंने मौके पर पहुंचकर राहत सामग्री के वितरण, लोगों के पुनर्वास और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी। उनका मानवीय दृष्टिकोण और नेतृत्व कौशल लोगों को नई उम्मीद दे रहा है।


पंजाब में अब तक बाढ़ के कारण 43 लोगों की मौत हो चुकी है और 23 जिलों में 1.75 लाख हेक्टेयर फसलें नष्ट हो चुकी हैं। राज्य सरकार ने हालात को देखते हुए सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों को सात सितंबर तक बंद रखने का निर्णय लिया है। अमृतसर समेत मोहाली, पटियाला, गुरदासपुर और लुधियाना में लगातार बारिश से स्थिति और बिगड़ती जा रही है। ऐसे में साक्षी साहनी जैसे अफसरों की सक्रियता और मानवीय पहलू राज्य के लिए राहत की एक बड़ी किरण बन गई है।


उनकी यह कार्यशैली न केवल प्रशासनिक दक्षता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि एक सच्चा सिविल सेवक कैसे विपरीत परिस्थितियों में लोगों की सेवा कर सकता है। साक्षी साहनी आज सिर्फ अमृतसर ही नहीं, बल्कि पूरे देश के युवाओं और सिविल सेवा aspirants के लिए एक प्रेरणा हैं।