ब्रेकिंग न्यूज़

NAWADA: पुलिस कस्टडी में युवक की मौत पर एक्शन, थानाध्यक्ष सहित 4 पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज जयमाला के दौरान हर्ष फायरिंग: गोली लगने से दुल्हन के फुफेरे भाई की दर्दनाक मौत बिहार फ़िल्म सिटी परियोजना में निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अहम बैठक पश्चिम चंपारण में 2 नाव की टक्कर: गंडक नदी में नाव पलटने से 15 लोग डूबे, 2 बच्चियां लापता GOPALGANJ: भाजपा नेता की पत्नी को मिली धमकी, BJP MLC गप्पू सिंह पर गंभीर आरोप Bihar News: बिहार में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार का बड़ा कदम, राज्य के इन फार्मर्स को मिलेगा बड़ा फायदा Bihar News: बिहार में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार का बड़ा कदम, राज्य के इन फार्मर्स को मिलेगा बड़ा फायदा सुपौल के पिपरा नगर पंचायत में भ्रष्टाचार का बोलबाला, सड़क पर उतरे लोगों ने किया प्रदर्शन Bihar News: बिहार में BSRTC के बेड़े में बढ़ेगी CNG बसों की संख्या, परिवहन विभाग की बैठक में मंत्री ने दिए निर्देश Bihar News: बिहार में BSRTC के बेड़े में बढ़ेगी CNG बसों की संख्या, परिवहन विभाग की बैठक में मंत्री ने दिए निर्देश

Mutual Fund SIP Return: म्यूचुअल फंड और SIP निवेशकों की चिंता, गिरावट के दौर में क्या हो रहा है?

शेयर बाजार में हालिया गिरावट के बीच म्यूचुअल फंड निवेशकों के बीच चिंता की लहर है, खासकर एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) को लेकर। दिसंबर महीने में रिकॉर्ड संख्या में एसआईपी खाते बंद हुए।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 25 Jan 2025 06:10:13 AM IST

Mutual Fund SIP Return

Mutual Fund SIP Return - फ़ोटो Mutual Fund SIP Return

Mutual Fund SIP Return: शेयर बाजार में गिरावट के साथ म्यूचुअल फंड निवेशकों के बीच चिंता की लहर दौड़ गई है, और खासतौर पर एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के प्रति उनकी आस्थाएं कमजोर होती दिखाई दे रही हैं। पिछले कुछ महीनों में म्यूचुअल फंड निवेशकों ने पहले की तुलना में ज्यादा एसआईपी खाते बंद किए हैं। दिसंबर महीने में रिकॉर्ड 45 लाख एसआईपी खाते बंद हो गए, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले मई 2024 में भी 44 लाख एसआईपी खाते बंद हुए थे, लेकिन दिसंबर का आंकड़ा इस बार और भी चौंकाने वाला है।


इस स्थिति ने बाजार के विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है क्योंकि एसआईपी को हमेशा एक लंबी अवधि के निवेश विकल्प के रूप में देखा गया था, जिससे निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हुए बिना अच्छा रिटर्न कमा सकते थे। अब यह धारणा कमजोर हो रही है और लोग तात्कालिक लाभ के बजाय अपनी निवेश योजनाओं में बदलाव कर रहे हैं।


दिसंबर में नए एसआईपी खातों की संख्या भी काफी घट गई है, जो केवल नौ लाख रही, और यह पिछले सात महीनों में सबसे कम थी। इससे यह भी संकेत मिलता है कि नए निवेशक भी म्यूचुअल फंड और एसआईपी की ओर पहले जैसी रुझान नहीं दिखा रहे हैं।


इस बदलाव का कारण कई वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार निवेशकों का तात्कालिक प्रदर्शन या सालभर के रिटर्न के आधार पर फैसले करना है। यह शॉर्ट टर्म परिणाम कभी-कभी लंबे समय में अच्छा रिटर्न देने वाले फंडों को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में निवेशकों को धैर्य रखने की आवश्यकता है और उन्हें अपने निवेश के दीर्घकालिक लक्ष्यों के प्रति सजग रहने की सलाह दी जाती है।


भारत में एसआईपी म्यूचुअल फंड आज भी मजबूत स्थिति में हैं और निवेशकों को इनका लाभ लंबी अवधि में मिल सकता है, लेकिन यह जरूरी है कि निवेशक शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव से प्रभावित होकर जल्दबाजी में निर्णय न लें।