ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर खूनी संघर्ष, दबंगों ने पीट-पीटकर की युवक की हत्या Bihar Crime News: ‘यादवों के खिलाफ बोला तो गोली मार दूंगा’, बीजेपी सांसद रवि किशन को जान से मारने की धमकी Bihar Crime News: ‘यादवों के खिलाफ बोला तो गोली मार दूंगा’, बीजेपी सांसद रवि किशन को जान से मारने की धमकी Bihar Politics: बारिश और खराब मौसम के बीच भी RJD प्रत्याशी रामबाबू सिंह का तूफानी जनसंपर्क, क्षेत्र की जनता ने किया भव्य स्वागत Bihar Politics: बारिश और खराब मौसम के बीच भी RJD प्रत्याशी रामबाबू सिंह का तूफानी जनसंपर्क, क्षेत्र की जनता ने किया भव्य स्वागत Bihar Election 2025: चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे रीतलाल यादव, पटना हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका Bihar Election 2025: चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे रीतलाल यादव, पटना हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Dharmendra Health: बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार धर्मेंद्र की तबीयत बिगड़ी, ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुए भर्ती

Bihar News: पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, तीन बार से अधिक फेल होने पर भी परीक्षा दे सकते ये उम्मीदवार

Bihar News: पटना हाईकोर्ट ने MBBS में तीन बार से ज्यादा फेल हुए उम्मीदवारों को मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए अंतरिम राहत दी है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 08 May 2025 09:37:51 AM IST

Bihar News

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: पटना हाईकोर्ट ने बिहार के मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने उन MBBS उम्मीदवारों को अंतरिम राहत दी है, जो अपनी परीक्षा में तीन बार से ज्यादा फेल हुए थे। एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने डॉ. चक्रपाणी कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि ये राहत याचिका के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी। ये फैसला बिहार के उन मेडिकल छात्रों के लिए बड़ी उम्मीद लेकर आया है, जो इस नियम से बाहर हो रहे थे।


बताते चलें कि, बिहार लोक सेवा आयोग ने मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। इसमें शर्त थी कि MBBS में तीन बार से ज्यादा फेल होने वाले उम्मीदवार इस पद के लिए योग्य नहीं होंगे। याचिकाकर्ता के वकील प्रणव कुमार ने कोर्ट में दलील दी कि ये नियम उचित नहीं है और उम्मीदवारों के बीच भेदभाव पैदा करता है। उन्होंने बताया कि पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स जैसे MD या MS में ऐसी कोई पाबंदी नहीं है, तो MBBS में ऐसा करना समानता के अधिकार का उल्लंघन है। जिसके बाद कोर्ट ने इस दलील को गंभीरता से लिया।


बता दें कि, ये नियम 2013 में लागू किया गया था, जिसके तहत तीन बार से ज्यादा फेल होने वाले MBBS उम्मीदवारों को असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती से बाहर रखा जाता था। याचिकाकर्ता की ओर से प्रणव कुमार और सृष्टि सिंह ने कोर्ट में तर्क दिया कि ये कानून मनमाना है और मेडिकल शिक्षा में योग्यता को अनदेखा करता है। दूसरी ओर, राज्य सरकार के महाधिवक्ता पीके शाही ने कहा कि सरकार इस नियम पर दोबारा विचार करने को तैयार है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अंतरिम राहत दी, जिससे प्रभावित उम्मीदवार अब भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।


केवल यही नहीं, इस फैसले ने बिहार के मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव की उम्मीद जगा दी है। कई उम्मीदवार, जिन्होंने MBBS में शुरुआती असफलताओं के बावजूद MD या MS में शानदार प्रदर्शन किया, इस नियम की वजह से भर्ती से वंचित थे। अब कोर्ट के इस आदेश ने उन्हें नया मौका दिया है। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि अंतिम फैसला याचिका की सुनवाई पूरी होने के बाद ही आएगा। अगली सुनवाई 3 जुलाई 2025 को होगी।