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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 04 Nov 2025 01:47:57 PM IST
सफलता की कहानी - फ़ोटो GOOGLE
Success Story: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मोकामा एक बार फिर सुर्खियों में है। 30 अक्टूबर को हुई दुलारचंद यादव की हत्या ने इस क्षेत्र को राजनीतिक रूप से गर्मा दिया है। इस मामले में मोकामा के बाहुबली नेता पर हत्या की साजिश का आरोप लगाते हुए पुलिस ने गिरफ्तारी की है। इसके बाद चुनाव आयोग ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई प्रशासनिक फेरबदल किए। मोकामा के एसडीओ और रिटर्निंग ऑफिसर चंदन कुमार का तबादला कर दिया गया और उनकी जगह आईएएस अधिकारी आशीष कुमार को बाढ़-सह-रिटर्निंग ऑफिसर (मोकामा) के पद पर नियुक्त किया गया है। यह फैसला 178-मोकामा विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए तत्काल प्रभाव से लिया गया, ताकि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित किया जा सके। क्या आप जानते है कि कौन है आशीष कुमार?
आशीष कुमार की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास करने का सपना देखते हैं। बिहार के सारण जिले से ताल्लुक रखने वाले आशीष का जन्म पश्चिम बंगाल में हुआ था, जहां उनके पिता राजकुमार सिन्हा मिरिक के एक चाय बागान में प्रबंधक थे। बचपन से ही अनुशासन और मेहनत उनके जीवन का हिस्सा रहे। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा कर्सियांग में पूरी की, जबकि माध्यमिक शिक्षा सुकना स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल से की।
आशीष कुमार का झुकाव शुरू में बैंकिंग क्षेत्र की ओर था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र (Economics) में ग्रेजुएशन किया और बैंकिंग में करियर बनाने की योजना बनाई। लेकिन दिल्ली में पढ़ाई के दौरान उनमें एक बड़ा परिवर्तन आया उन्हें एहसास हुआ कि वे केवल खुद के लिए नहीं, बल्कि अपने समाज और गांव के विकास के लिए भी कुछ करना चाहते हैं। इसी सोच ने उन्हें IAS अधिकारी बनने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद, 2017 में आशीष ने पूरी लगन से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की। पहले प्रयास में वे कुछ अंकों से असफल रहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी गलतियों का विश्लेषण किया और दूसरे प्रयास के लिए रणनीति बदली इस बार उन्होंने मॉक टेस्ट, नोट्स तैयारी और समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया।
दूसरे प्रयास में आशीष कुमार ने ऑल इंडिया रैंक 53 हासिल की और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चयनित हुए। यह उनकी कड़ी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास का नतीजा था। वे मानते हैं कि सफलता का रास्ता कठिन जरूर होता है, लेकिन अगर व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार है, तो सफलता देर-सवेर मिलती ही है।
अब आशीष कुमार को मोकामा जैसे संवेदनशील क्षेत्र की जिम्मेदारी मिली है, जहां उन्हें निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के साथ-साथ कानून-व्यवस्था को बनाए रखना है। उनका प्रशासनिक अनुभव और शांत स्वभाव इस समय क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
IAS आशीष कुमार की सफलता की कहानी इस बात का प्रमाण है कि असफलताएं केवल दिशा बदलने का अवसर होती हैं, रुकने का नहीं। उन्होंने दिखा दिया कि परिस्थितियां कैसी भी हों, यदि मन में जज्बा और नीयत साफ हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।