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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 27 Mar 2025 09:19:12 PM IST
 
                    
                    
                    प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
Mahindra scorpio: भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने हाल ही में डॉ. पवन गोयनका के जीवन और उनके अभूतपूर्व योगदान को लेकर भावनात्मक बातें साझा कीं। यह एक ऐसा पल था जब पुरानी यादें ताजा हो गईं।
डॉ. पवन गोयनका और आनंद महिंद्रा का रिश्ता 1990 के दशक से शुरू हुआ, जब पवन गोयनका ने अमेरिका में जनरल मोटर्स की शानदार नौकरी छोड़कर भारत लौटने का साहसी फैसला लिया। आनंद महिंद्रा ने उन्हें महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और उन्हें नासिक प्लांट में R&D विभाग का डिप्टी हेड बनाया।हालांकि, जब गोयनका प्लांट पहुंचे, तो वहां के हालात देखकर उन्हें अपने निर्णय पर संदेह हुआ। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और महिंद्रा के रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का बीड़ा उठाया।
महिंद्रा स्कॉर्पियो और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में क्रांति
पवन गोयनका के नेतृत्व में महिंद्रा स्कॉर्पियो जैसी सफल कार बनी, जिसने कंपनी को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती दी। उनके प्रयासों से महिंद्रा का R&D सेंटर विश्वस्तरीय बना और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में नवाचार लाने वाला प्रमुख केंद्र बन गया। समय के साथ, गोयनका महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर बने और कंपनी को नई तकनीकों और बड़े बदलावों की ओर लेकर गए।
जब स्कॉर्पियो बनाने वाले ने खुद महिंद्रा की इलेक्ट्रिक SUV खरीदी
हाल ही में, जब डॉ. पवन गोयनका और उनकी पत्नी ममता ने महिंद्रा की नई इलेक्ट्रिक SUV, XEV 9e खरीदी, तो आनंद महिंद्रा की भावनाएं छलक पड़ीं। यह सिर्फ एक कार की खरीदारी नहीं थी, बल्कि महिंद्रा के विकास में गोयनका के अभूतपूर्व योगदान का प्रमाण थी।
गोयनका ने महिंद्रा के ऑटोमोबाइल सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और अब वह खुद उस नई तकनीक को अपना रहे थे, जिसकी नींव उन्होंने रखी थी। यह देखकर आनंद महिंद्रा भावुक हो गए क्योंकि यह उनके लिए एक पूरा चक्र (Full Circle) पूरा होने जैसा था—एक निर्माता का अपने ही बनाए प्रोडक्ट को अपनाना।
रिटायरमेंट के बाद नई जिम्मेदारियां
2021 में रिटायरमेंट के बाद, डॉ. गोयनका ने IN-SPACe के चेयरमैन का पद संभाला। यह एक सरकारी संस्था है जो भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों को सहयोग देती है। हाल ही में, भारत सरकार ने उन्हें उनके योगदान के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया | डॉ. गोयनका ने 40 से अधिक वर्षों के करियर में 14 साल जनरल मोटर्स के R&D सेंटर में और 28 साल महिंद्रा एंड महिंद्रा में बिताए। वर्तमान में, वह IIT मद्रास के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन और भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की SCALE कमेटी के प्रमुख हैं। वह अब भी भारतीय उद्योग और तकनीकी क्षेत्र को मजबूत करने में जुटे हैं।