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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 17 Sep 2025 01:15:10 PM IST
क्रेडिट कार्ड्स - फ़ोटो GOOGLE
Credit Card Fraud: डिजिटल इकोनॉमी के बढ़ते दौर में क्रेडिट कार्ड्स का उपयोग तेजी से बढ़ा है। आज के समय में बड़ी संख्या में लोग शॉपिंग, बिल पेमेंट, ऑनलाइन बुकिंग और अन्य खर्चों के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये कार्ड न केवल सुविधाजनक होते हैं बल्कि कई तरह के रिवार्ड्स और कैशबैक जैसे फायदे भी देते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे डिजिटल लेनदेन बढ़ा है, वैसे-वैसे क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के मामले भी सामने आने लगे हैं। स्कैमर्स लगातार नए तरीके निकालकर लोगों के कार्ड्स से पैसे चुराने की कोशिश करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हर उपभोक्ता सतर्क रहे और अपने कार्ड्स को लेकर जागरूकता बनाए रखे।
फ्रॉड के प्रमुख तरीके
1. स्किमिंग- स्कैमर्स अक्सर एटीएम मशीनों, पेट्रोल पंप या POS मशीनों पर छिपे हुए कार्ड रीडर डिवाइसेज़ लगा देते हैं। जब कोई व्यक्ति पेमेंट के लिए अपना कार्ड स्वाइप करता है, तो उसकी डिटेल्स स्कैमर के पास चली जाती हैं। इसके बाद वे उन डिटेल्स का दुरुपयोग कर सकते हैं।
2. फिशिंग - इस प्रकार के फ्रॉड में स्कैमर खुद को बैंक या सरकारी संस्था का अधिकारी बताकर ईमेल, कॉल या SMS के ज़रिए कार्डधारक से उसकी संवेदनशील जानकारी (जैसे OTP, CVV, कार्ड नंबर आदि) मांगते हैं। वे आमतौर पर "आपका खाता बंद हो जाएगा" या "आपको इनाम मिला है" जैसे बहानों से लोगों को भ्रमित करते हैं।
3. डेटा लीक - कई बार हैकर्स बड़ी कंपनियों के डेटाबेस को हैक कर लेते हैं और वहां से लाखों यूज़र्स की निजी जानकारी चुरा लेते हैं। इसमें क्रेडिट कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट और CVV जैसे डिटेल्स भी शामिल हो सकते हैं जो स्कैमर्स को आसानी से मिल जाते हैं।
4. कार्ड-नॉट-प्रेजेंट फ्रॉड - यह फ्रॉड तब होता है जब स्कैमर को कार्ड की पूरी जानकारी जैसे कार्ड नंबर, CVV और एक्सपायरी डेट मिल जाती है और वे उस जानकारी की मदद से ऑनलाइन पेमेंट कर लेते हैं बिना कार्ड के फिजिकल इस्तेमाल के।
5. सिम स्वैपिंग- यह एक उभरता हुआ खतरा है, जिसमें स्कैमर आपके मोबाइल नंबर की डुप्लीकेट सिम बनवाकर बैंक से आने वाले OTP या ट्रांजेक्शन अलर्ट्स को अपने पास रीडायरेक्ट कर लेते हैं। इससे वे आपके खाते से पैसे निकाल सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से कैसे बचें?
1. लॉग-इन डिटेल्स को सुरक्षित रखें- कभी भी अपने क्रेडिट कार्ड का पिन, OTP, कार्ड नंबर या CVV किसी से शेयर न करें। यहां तक कि बैंक के नाम पर कॉल करने वाले व्यक्ति से भी नहीं। याद रखें, कोई भी असली बैंक आपसे ये जानकारी कभी नहीं मांगेगा।
2. अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें- अगर किसी अनजान व्यक्ति से कोई ईमेल या मैसेज आता है जिसमें लिंक क्लिक करने या पेमेंट की रिक्वेस्ट है, तो सावधानी बरतें। ऐसे लिंक वायरस, ट्रोजन या स्कैम साइट्स की ओर ले जा सकते हैं।
3. अलग-अलग कार्ड्स का इस्तेमाल करें- ऑनलाइन शॉपिंग, सब्सक्रिप्शन सेवाएं (जैसे Netflix, बिजली-पानी का बिल) और ट्रैवल के लिए अलग-अलग कार्ड का उपयोग करें। इससे किसी एक कार्ड की जानकारी लीक होने पर बाकी कार्ड्स सुरक्षित रहेंगे।
4. पब्लिक वाई-फाई पर ट्रांजेक्शन न करें- कैफे, एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर मिलने वाले फ्री वाई-फाई नेटवर्क पर ऑनलाइन बैंकिंग या पेमेंट ट्रांजेक्शन करने से बचें। अगर बहुत ज़रूरी हो, तो VPN (Virtual Private Network) का इस्तेमाल करें।
5. ट्रांजेक्शन अलर्ट्स चालू रखें-अपने बैंक या कार्ड प्रदाता की SMS और ईमेल अलर्ट सेवा को एक्टिव रखें। इससे किसी भी ट्रांजेक्शन की जानकारी तुरंत मिल जाएगी और आप अनधिकृत लेनदेन को समय रहते रोक सकेंगे।
6. वर्चुअल कार्ड का इस्तेमाल करें- आजकल कई बैंक वर्चुअल कार्ड की सुविधा देते हैं, जिनका इस्तेमाल सिर्फ एक बार के लिए किया जा सकता है। इससे आपकी असली कार्ड डिटेल्स सुरक्षित रहती हैं।
7. मासिक स्टेटमेंट की जांच करें- हर महीने क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को ध्यान से पढ़ें। कोई भी अनजान ट्रांजेक्शन दिखे तो तुरंत बैंक को सूचित करें और आवश्यक कार्रवाई करें।
क्रेडिट कार्ड एक शानदार सुविधा है लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी आती है। डिजिटल युग में खुद को फ्रॉड से बचाने के लिए सतर्कता और जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है। किसी भी प्रकार के संदेहास्पद गतिविधि को नजरअंदाज न करें और हमेशा अपनी जानकारी को सुरक्षित रखें।