1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 02 Jul 2025 12:49:24 PM IST
बिहार टीचर न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Teacher News: शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों में जब शिक्षकों के ऐसे शर्मनाक व्यवहार सामने आते हैं, तो समाज की शिक्षा व्यवस्था पर गहरी चोट पहुंचती है। ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला सीतामढ़ी जिले के बोखरा प्रखंड स्थित "प्राथमिक विद्यालय बुद्धनगर बालक" से सामने आया है, जहां दो महिला शिक्षकों के बीच स्कूल परिसर में खुलेआम मारपीट और बदसलूकी का वीडियो वायरल हो रहा है।
दरअसल, वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रभारी प्रधानाध्यापक पूजा पल्लवी अपनी महिला सहकर्मी शिक्षिका से बाल पकड़कर मारपीट कर रही हैं। दोनों के बीच जमकर हाथापाई, गाली-गलौज और अपशब्दों का उपयोग हुआ। यह पूरी घटना बच्चों और अन्य शिक्षकों के सामने हुई, जिससे स्कूल का माहौल पूरी तरह अशोभनीय हो गया।
जब हेडमास्टर और शिक्षिका के बीच होने लगी मारपीट, एक-दूसरे के बाल नोच-नोचकर की हाथापाई। वहीं, मामले की जांच करने पहुंचे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुधीर कुमार राय से भी शिक्षिका बदतमीजी करती नजर आईं।#TeacherFight #HeadmasterVsTeacher #BiharSchoolNews #ViralVideo… pic.twitter.com/QoGtamp3wU
— FirstBiharJharkhand (@firstbiharnews) July 2, 2025
घटना की जानकारी मिलने पर जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) जांच के लिए स्कूल पहुंचे, तो पूजा पल्लवी ने उनसे भी बदसलूकी की और उल्टा धमकाया। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि जब BEO ने उपस्थिति पंजी दिखाने को कहा तो शिक्षिका ने इंकार कर दिया और कहा "जो करना है कीजिए, आपका भी चिट्ठा हमारे पास है।
सिर्फ विवाद ही नहीं, स्कूल में प्रशासनिक लापरवाही भी सामने आई है सहायक शिक्षकों के अनुसार, पूजा पल्लवी अन्य शिक्षकों को उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं करने देतीं। वह स्वयं देर से स्कूल आती हैं, और बाकी शिक्षक खड़े रह जाते हैं। उन्होंने उपस्थिति पंजी दिखाने से इंकार करते हुए कहा कि अब ऑनलाइन हाजिरी होती है। बच्चों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से मिड-डे मील नहीं दिया गया है, जो कि एक गंभीर लापरवाही है।
पूरे घटनाक्रम के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने पंचायत सचिव को पत्र लिखकर पूजा पल्लवी के तत्काल निलंबन की अनुशंसा की है। साथ ही, जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) को भी इस मामले में कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है। शिक्षा विभाग ने इस प्रकरण को "गंभीर अनुशासनहीनता" मानते हुए इसे स्कूल के वातावरण के लिए हानिकारक और अस्वीकार्य बताया है।
रिपोर्ट - सौरभ