भ्रष्ट इंजीनियर इनोवा गाड़ी में भरकर ला रहा था नोट..EOU की टीम पीछे-पीछे पहुंच गई घर, S.E. विनोद राय अरेस्ट..पत्नी पर केस, टंकी में छुपाकर रखा 39 लाख बरामद...12.50 लाख का अधजला करेंसी बरामद Bihar Ips Officer: बिहार कैडर के 1 IAS अधिकारी को प्रधान सचिव व दो IPS अफसरों को DG रैंक में प्रोन्नति, सरकार ने जारी की अधिसूचना Bihar DElEd Exam 2025: कल से शुरू होगी DElEd परीक्षा, इसे पहनकर गए तो सेंटर में नहीं मिलेगी एंट्री AIR INDIA : Air India की फ्लाइट अचानक लौटी वापस, मुंबई एयरपोर्ट पर मचा हड़कंप BIHAR JOB : बिहार में इतने पोस्ट के लिए निकली ADEO की बहाली, यहां पढ़ें हर डिटेल्स सासाराम रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत एक्सप्रेस का भव्य स्वागत, ड्राइवर और गार्ड को लोगों ने खिलाई मिठाई, माला पहनाकर किया स्वागत EOU RAID : अधीक्षण अभियंता के घर पर रेड, EOU से बचने के लिए पत्नी ने जलाया नोटों का बंडल, फिर भी 35 लाख कैश...करोड़ों के जमीन के कागजात बरामद Governor salary in India: राज्यपाल की कितनी होती है सैलरी? जानें... कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती है इस पद पर Bihar Politics: मुंगेर में राहुल और तेजस्वी का भारी विरोध, आंबेडकर की प्रतिमा का करना था अनावरण,लेकिन नहीं रुका काफिला Becoming doctor in USA: बिना रेजिडेंसी अमेरिका में प्रैक्टिस कर सकते हैं भारतीय MBBS डॉक्टर? जानिए...पूरी डिटेल
1st Bihar Published by: Tahsin Ali Updated Wed, 26 Mar 2025 05:04:17 PM IST
- फ़ोटो reporter
Bihar News: बिहार के पूर्णिया में लोगों ने सरकार को आईना दिखाने का काम किया है। एक अदद पुल के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक से गुहार लगा चुके इलाके के लोगों की फरियाद जब किसी ने नहीं सुनी तो गांव के लोगों ने बड़ा कदम उठा लिया और खुद से पुल का निर्माण शुरू करा दिया।
दरअसल, पूर्णिया में सरकार, नेता व प्रतिनिधियों के उदासीनता से ग्रामीणों ने एक ऐसा कदम उठा लिया है, जिसे सुनने वाले हैरत में पड़ गए है। ग्रामीणों ने खुद के पैसों से पुल निर्माण का कार्य ही शुरू करवा दिया है। ग्रामीणों ने जमींदार से ज़मीन की मदद ली और खुद से पाई पाई जोड़कर पुल निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया। पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 4, बिन टोली के समीप कारी कोसी नदी पर ग्रामीणों द्वारा पुल का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। यह पुल पूर्णिया के विधायक और सांसद तथा बिहार सरकार के अधिकारियों के प्रति लोगों की नाराजगी की पहचान है।
इस इलाके के सैकड़ो किसानों की हजारों एकड़ जमीन नदी के उस पार पड़ती है। जिसमें खेती करने के लिए लोगों को भारी दिक्कत हो रही थी। लोग फसल तो लगाते थे लेकिन नदी बीच में रहने के कारण सही तरीके से फसल को घर तक नहीं ला पाते थे। कई बार किसानों को भारी क्षति भी हुई। जिसके बाद यहां के लोगों ने जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों से काफी फरियाद की लेकिन उनकी बातें नहीं सुनी गई। तब इस इलाके के किसानों, ग्रामीणों तथा मजदूरों ने आपसी सहयोग से यहां पुल बनाने का निर्णय लिया और काम प्रारंभ किया गया।
इलाके के लोगों ने बताया कि जो काम सरकार के अधिकारियों जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए था वो किया ही नहीं गया। जब नहीं किया तभी उन लोगों ने खुद इसका बीड़ा उठा लिया और अब निर्माण कार्य हो रहा है। हौंसला दिखाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि हर हाल में वे लोग अपनी समस्याओं को दूर कर के ही रहेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि इस पुल के बनने से उन लोगों की वर्षों की समस्याएं खत्म हो जाएंगी। फसल आसानी से घर तक पहुंच पाएगी। मजदूरी कम लगेगा और नदी पार करने में लोगों के डूब मरने का खतरा भी खत्म हो जाएगा। स्थानीय लोगों ने इसके लिए सभी जमींदारों को धन्यवाद दिया और कहा कि सभी के सहयोग से बन रहा यह पुल समाज कल्याण के लिए है।
इलाके के लोग इस पुल के बनने से काफी खुश हैं। ग्रामीणों में बहुत से ऐसे लोग भी थे जिन्हें यह पता नहीं था कि पुल किसके माध्यम से बन रहा है, लेकिन पुल बनने पर उन लोगों ने भी काफी खुशी जाहिर की और कहा कि इस इलाके के लिए बहुत ही जरूरी था। सामाजिक लोगों, जमींदारों और ग्रामीणों के सहयोग से बन रहा पुल चर्चा का विषय बन गया है।
ग्रामीणों ने इस पुल निर्माण में आनेवाली बाधाओं के बारे में भी जिक्र किया। उनका कहना था कि हम लोग दशकों से पुल की मांग करते आ रहे थे लेकिन सरकार या अधिकारी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं थे। ग्रामीणों जब खुद से ये बीड़ा उठाया कि कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और पुल निर्माण करवाने में अड़चनें डालने लगे। जिन लोगों का इससे कोई सरोकार नहीं है। ग्रामीण और जमींदार के आपसी सहयोग से पुल निर्माण हो रहा है। अब चाहे जो भी हो पुल निर्माण पूरा होकर रहेगा।