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महापौर विभा कुमारी ने सरहुल पूजा पर पूर्णियावासी को हाईमास्ट और तिरंगा लाइट का दिया तोहफा, बोलीं..नगर निगम मेरा परिवार

महापौर ने कहा कि सीमांचल की धरती की यही खूबसूरती है, आज ईद मनाए और कल सरहुल मनाएंगे। उसके बाद रामनवमी की तैयारी में जुट जाएंगे। यह कोई नई बात नहीं है, यही हमारा संस्कार है,यही हमारी संस्कृति है, यही हमारी परंपरा रही है।

1st Bihar Published by: Tahsin Ali Updated Mon, 31 Mar 2025 10:01:41 PM IST

BIHAR

पूर्णिया महापौर - फ़ोटो GOOGLE

PURNEA: पूर्णिया की महापौर विभा कुमारी ने राजकीय महोत्सव, सरहुल बाहा पूजा को लेकर नगर निगम द्वारा शिव मंदिर चौक हांसदा से सरहुल पूजा स्थल (हांसदा तरबन्ना) तक लगाए गए स्ट्रीट तिरंगा लाइट एवं शिव मंदिर चौक हांसदा पर लगाए गए हाईमास्ट लाइट का उद्घाटन किया। उद्घाटन के मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए महापौर विभा कुमारी ने कहा कि कल सरहुल-बाहा का त्योहार है और आगे रामनवमी का त्योहार है। सोमवार को बरकत और रहमत का महीना पूरा हुआ और ईद मनाई गई। 


महापौर ने कहा कि सीमांचल की धरती की यही खूबसूरती है, आज ईद मनाए और कल सरहुल मनाएंगे। उसके बाद रामनवमी की तैयारी में जुट जाएंगे। यह कोई नई बात नहीं है, यही हमारा संस्कार है,यही हमारी संस्कृति है, यही हमारी परंपरा रही है। हम नफरत का कारोबार नहीं करते हैं, मोहब्बत की फसल उगाते रहे हैं।  महापौर विभा कुमारी ने कहा कि हम सनातनी हैं, समरस समाज के पैरोकार हैं, न्याय के साथ विकास में विश्वास रखते हैं और सबको साथ लेकर सबका विकास करते रहे हैं। ईद से पहले मुस्लिम बाहुल्य इलाके में रात-दिन अपनी निगहबानी में नाले की सफाई कराती रही तो अब सरहुल जहां-जहां आयोजित होगा, वहां नगर निगम द्वारा हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। 


विभा कुमारी ने आगे कहा कि आप लोग देख रहे हैं कि यहां नगर निगम द्वारा साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल, साफ-सफाई, शौचालय के साथ-साथ हाईमास्ट लाइट एवं स्ट्रीट तिरंगा लाइट भी लगाए गए हैं। इसके अलावा हमलोगों द्वारा पूजा स्थल का साजो-सज्जा भी कराया जा रहा है। आगे रामनवमी के लिए भी नगर निगम मुकम्मल तैयारी में जुटी हुई है। महापौर विभा कुमारी ने कहा कि नगर निगम मेरे लिए परिवार है और इसका पूरा क्षेत्र मेरा घर है और किसी को अपने घर में आने के लिए किसी आमंत्रण या बुलावे की जरूरत नहीं पड़ती है। किन्हीं का आमंत्रण मिले अथवा या ना मिले मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मैंने सदैव अपने कर्तव्य का पालन किया है और आगे भी करती रहूंगी। मेरी सेवा ही मेरी पहचान और पूंजी है और इसी सेवा भावना ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है। कहा कि जो भी जनप्रतिनिधि हैं उन्हें दिल बड़ा रखना चाहिए। कोई भी धर्म नफरत का पैगाम नहीं देता है। 


उन्होंने कहा कि आजकल यहां एक नई परिपाटी शुरू हुई है जो दुखद है। आप देखिए, सरहुल राजकीय समारोह के रूप में मनाया जा रहा है लेकिन इस कार्यक्रम से नगर निगम से जुड़े जनप्रतिनिधियों को दूर रखा जा रहा है। सदर विधायक महोदय इसे निजी कार्यक्रम में तब्दील कर चुके हैं। पूर्व में भी शीतला महोत्सव में भी इसी तरह की ओछी राजनीति की गई। आखिर कब तक लोग चुप्पी साधे रहेंगे, प्रतिकार करना हमारा धर्म है। सनातन धर्म भी कहता है कि अन्याय सहन करना भी अधर्म है बावजूद, हम लोगों ने बड़े दिल का परिचय दिया है और इस कार्यक्रम स्थल को सजाने का काम कर रहे हैं। सभी आदिवासी भाइयों को प्रकृति पर्व सरहुल की ढेर सारी शुभकामनाएं।


मौके पर मुख्य रूप से समाजसेवी जितेंद्र यादव, आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र उरांव, वार्ड पार्षद लखेंद्र साह, राकेश राय, नवल जायसवाल, अंजनी साह, अमित कुमार सोनी, प्रदीप जायसवाल, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि मनोज साह, बहादुर यादव, मुरारी झा, दिलीप चौधरी, सरहुल पूजा समिति के अध्यक्ष राजेंद्र बड़ा, उपाध्यक्ष सुरेंद्र उरांव, विजय कुमार उरांव, महासचिव सुनिल लकड़ा, कोषाध्यक्ष संजय टोप्पो, सह कोषाध्यक्ष प्रताप लकड़ा, उप सचिव मदन तिर्की, दीपचंद कच्छप, संयोजक समिति के सदस्य सुरेश उरांव, जगदीश उरांव, बीरबल उरांव, बीरबहादुर उरांव, रामबहादुर उरांव, एमेल तिग्गा, उदय लकड़ा, रमेश पावर, सुरेंद्र बड़ा, योगेंद्र बड़ा, सुंदरलाल उरांव, धमेंद्र उरांव, मानिकचंद उरांव, खुशीलाल उरांव, दीपक कूजूर, रितलाल उरांव, बिनोद तिर्की, बिहारी उरांव, टिंकू बड़ा, सर राजेंद्र उरांव, पृथ्वी राज कश्यप, युगल उरांव, विजय उर्फ बबलू लकड़ा, तुफानी खलको, मनोज कच्छप सहित कई स्थानीय एवं ग्रामीण लोग मौजूद थे।