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नीतीश को लालू के ऑफर पर देवेंद्र फडणवीस ने कसा तंज, कहा..मुंगेरीलाल का हसीन सपना कभी पूरा नहीं होगा

नए साल की शुरुआत के साथ ही बिहार की सियासत में नया बवाल छिड़ गया है. लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार को महागठबंधन में आने का खुला ऑफर क्या दिया सियासत में गर्माहट आ गई है. लालू के इस बयान पर अब महाराष्ट्र के सीएम ने भी तंज कसा है।

laloo ne nitish ko diya offer

02-Jan-2025 09:14 PM

Bihar Politics: बिहार का सियासी ऊंट कब किस करवट बैठ जाए किसी को पता नहीं चलता। बिहार की सियासत की धूरी बने नीतीश कुमार अब भी बीजेपी और आरजेडी की जरुरत हैं। दोनों दल चाहते हैं कि नीतीश उनके साथ रहें लेकिन हमेशा आखिरी फैसला नीतीश कुमार का ही होता है। बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन इससे पहले ही लालू ने नीतीश को खुला ऑफर देकर सियासत को गरमा दिया है। उधर, बीजेपी की बेचैनी बढ़ती दिख रही है। राजद सुप्रीमों के इस बयान को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तंज कसा है।


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि लालू जी कितने ही सपने देखें, तब भी वो मुंगेरीलाल के हसीन सपने ही होंगे। वो पूरे होने वाले नहीं है। मीडिया से सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने यह बातें कही। लालू के इस बयान के बाद अब चर्चा इस बात की हो रही है कि क्या नीतीश कुमार फिर लालू से हाथ मिलाएंगे? लेकिन एक और बात की चर्चा हो रही है कि एक तरफ लालू यादव नीतीश कुमार से घर वापसी की बात कर रहे हैं वही दूसरी ओर तेजस्वी यादव इसके खिलाफ है। पिछले दिनों तेजस्वी यहां तक कह चुके हैं कि नीतीश कुमार के साथ जाना अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने के समान है। तेजस्वी यादव नहीं चाहते हैं कि नीतीश कुमार फिर इंडिया गठबंधन में आए लेकिन लालू ने बयान देकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। लेकिन वही मुख्यमंत्री नीतीश ने लालू के ऑफर को खारिज करते हुए मीडिया के सवाल पर हाथ जोड़ते दिखे। उन्होंने कहा कि छोड़िए ई सब।


दरअसल, नए साल के जश्न के बीच आरजेडी चीफ लालू प्रसाद ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन के साथ आने का खुला ऑफर दे दिया। लालू ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि नीतीश कुमार अगर अब भी उनके साथ आते हैं तो उनके लिए दरवाजे खुले हुए हैं। बिहार की जनता के भलाई के लिए सारे गिले सिकवे भुलाकर वह नीतीश को गले लगा लेंगे।


हालांकि इससे पहले लालू के बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीएम नीतीश कुमार के लिए आरजेडी के सभी दरवाजे पूरी तरीके से बंद हैं। नीतीश के साथ सरकार चलाना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। तेजस्वी ने यह भी कहा था कि नीतीश के सिर्फ चेहरे पर सरकार चल रही है। सीएम अब टायर्ड हो चुके हैं और रिटायर्ड अफ़सर सरकार चला रहे हैं, लेकिन लालू के ऑफर के बात तेजस्वी का यह बयान हवा हवाई साबित हो गया है।


लालू और तेजस्वी के बयान अलग-अलग जरूर हैं लेकिन आरजेडी में अब भी लालू ही सुप्रीमो हैं और उनके ऑफर के बाद एक बात तो साफ हो गया है कि आरजेडी एक बार फिर से नीतीश की तरफ ललचाई नजरों से देख रही है। लालू प्रसाद के खुला ऑफर देने के बाद बिहार की सियासत में एक बार फिर से यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या नीतीश फिर से पलटी मारेंगे? उधर, बीजेपी की बेचैनी बढ़ गई है और बीजेपी के नेता दावा कर रहे हैं कि एनडीए एकजुट है।


राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान गुरुवार को जब मीडिया ने लालू के ऑफर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा तो उन्होंने चुप्पी साध ली। पत्रकारों के जब उसे सवाल किया कि, आपका एक बार फिर महागठबंधन में लालू स्वागत कर रहे हैं? इसपर मुख्यमंत्री ने कोई जवाब तो नहीं दिया लेकिन मुस्कुराते हुए मीडिया के सामने हाथ जोड़ लिए। इस दौरान उनके एक तरफ राज्यपाल तो दूसरी तरफ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी खड़े थे। अब बड़ा सवाल उठ रहा है कि आख़िर मुख्यमंत्री रियेक्ट क्यों नहीं कर रहे हैं?