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10-Jan-2025 01:18 PM
By Viveka Nand
Bihar Teacher Transfer: बिहार में शिक्षकों की समस्या का समाधान होने का नाम नहीं ले रहा. स्थानांतरण एक अबूझ पहेली सी बन गई है. शिक्षा विभाग के निर्णय से शिक्षकों को समझ में नहीं आ रहा कि वे क्या करें..? विभाग ने शिक्षकों से स्थानांतरण को लेकर आवेदन लिए. इसके बाद निर्णय लिया कि पहले कैंसर पीड़ित शिक्षकों के आवेदन पर विचार होगा. विभाग ने विचार तो किया, पर रिजल्ट देखकर स्थानांतरण की आस लगाए बैठे शिक्षकों के माथे पर फिर से चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं.
राबड़ी राज में बहाल नियमित शिक्षकों के आवेदन पर किया विचार
शिक्षा विभाग ने जो जानकारी दी है, उसके अनुसार कैंसर पीड़ित शिक्षकों के कुल 759 आवेदन मिले, जिनमें सिर्फ 35 शिक्षकों के स्थानांतरण की स्वीकृति दी गई है. जिन कैंसर पीड़ित शिक्षकों के स्थानांतरण आवेदन को स्वीकृत किया गया है, वो बीपीएससी से बहाल या नियोजित शिक्षक नहीं हैं. ये वे शिक्षक हैं जो लालू-राबड़ी राज में नियुक्त हुए थे, यानि सभी नियमित शिक्षक हैं. पहले फेज में कैंसर पीड़ित शिक्षकों में सिर्फ नियमित शिक्षकों के आवेदन पर विचार किया गया. बीपीएससी से नियुक्त या नियोजित शिक्षक जो कैंसर पीड़ित हैं, इनके स्थानांतरण आवेदन पर शिक्षा विभाग ने विचार ही नहीं किया है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि कैंसर पीड़ित विद्यालय अध्यापक और नियोजित शिक्षकों के आवेदन पर विचार कब होगा ? स्थानांतरण को लेकर सबसे अधिक मांग बीपीएससी से नियुक्त शिक्षक और नियोजित शिक्षक ही कर रहे थे. लेकिन शिक्षा विभाग ने पहले फेज में सिर्फ नियमित शिक्षक के आवेदन पर विचार किया है.
स्थापना समिति की बैठक में हुआ फैसला
10 जनवरी को शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता में शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर स्थापना समिति की बैठक हुई. जिसमें महज 35 शिक्षकों के स्थानांतरण आवेदन को स्वीकृत किया गया . प्रथम चरण में कैंसर पीड़ित शिक्षकों के स्थानांतरण आवेदन पर विचार किया जाना था. लिहाजा 10 जनवरी की बैठक में कैंसर ग्रस्त शिक्षकों के स्थानांतरण आवेदन पर विचार किया गया. इस श्रेणी में कुल 759 आवेदन मिले थे. जिसमें से 47 नियमित शिक्षक, 260 विद्यालय अध्यापक एवं 452 नियोजित शिक्षक के आवेदन आए थे. इन आवेदनों में दोनों तरह के मामले थे..अंतर जिला स्थानांतरण एवं जिला के अंदर स्थानांतरण किया जाना था.
नियमित शिक्षकों के 47 आवेदन में 35 स्वीकृत
नियमित शिक्षकों से मिले 47 आवेदनों की स्क्रुटनी की गई. 3 जनवरी को हुए स्क्रुटनी को स्थापना समिति ने समीक्षा की. समीक्षा में 35 आवेदन स्वीकृत पाए गए, शेष तीन आवेदनों में कोई दस्तावेज जमा नहीं था. लिहाजा उस पर विचार नहीं किया गया. जबकि 9 आवेदन अन्य श्रेणी के होने के कारण अलग रखा गया. स्वीकृत 35 आवेदनों में संबंधित शिक्षकों द्वारा दिए गए प्रथम विकल्प जिला, प्रखंड एवं पंचायत के आलोक में विभिन्न शर्तों के तहत निर्णय लिया गया है.
अंतर जिला स्थानांतरण के मामलों में संबंधित शिक्षक का ट्रांसफर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा पदस्थापन आदेश जारी किया जाएगा. ऐसे शिक्षक वर्तमान पदस्थापन स्थान के जिला शिक्षा पदाधिकारी से विरमित होकर नव पदस्थापित स्कूल में अपना योगदान देंगे . संबंधित जिला द्वारा स्थानांतरित शिक्षक एवं शिक्षिका का पदस्थापन आदेश एक कार्य दिवस के अंदर निर्गत किया जाएगा. संबंधित शिक्षक-शिक्षिका स्थानांतरित जिला में सात कार्य दिवस के अंदर योगदान देना सुनिश्चित करेंगे .
विरमित होने के पूर्व या सुनिश्चित कर लेना होगा कि संबंधित शिक्षक जिला संवर्ग के वेतनमान के शिक्षक हैं. साथ ही उनके खिलाफ कोई आरोप संचालित तो नहीं है ? किसी प्रकार का बकाया न हो, अगर ऐसा है तो स्थानांतरित जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी को सूचित करेंगे . अंतर जिला स्थानांतरण की स्थिति में उनकी वरीयता का निर्धारण नए जिला में योगदान की तिथि से किया जाएगा.