1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 25 Dec 2025 02:55:53 PM IST
कुशवाहा की पार्टी में टूट का खतरा! - फ़ोटो social media
PATNA: उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा में बड़ा खेल होने के स्पष्ट संकेत दिखने लगे हैं. बिहार विधानसभा में पार्टी के चार विधायक हैं. इनमें से एक उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा हैं. लेकिन बाकी के तीन विधायकों ने विद्रोह के स्पष्ट संकेत देना शुरू कर दिया है. बुधवार को तीनों विधायकों ने उपेंद्र कुशवाहा के भोज का बहिष्कार कर दिया. लेकिन बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन से मुलाकात की.
कुशवाहा की पार्टी में खेला
बुधवार की शाम उपेंद्र कुशवाहा ने अपने आवास पर लिट्टी-चोखा का भोज दिया था. इसमें उनकी पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ साथ मीडिया के लोगों को आमंत्रण दिया गया था. लेकिन कुशवाहा की पार्टी के तीन विधायक इस भोज का बहिष्कार कर दिया. राष्ट्रीय लोक मोर्चा के तीन विधायक माधव आनंद, रामेश्वर महतो और आलोक सिंह अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के आवास पर आयोजित लिट्टी चोखा के भोज में शामिल नहीं हुए.
नितिन नवीन से की मुलाकात
खास बात ये है कि तीनों विधायकों ने सिर्फ उपेंद्र कुशवाहा के भोज का ही बहिष्कार नहीं किया बल्कि अलग संकेत भी दिया. तीनों विधायकों ने बुधवार को ही पटना में मौजूद भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन से मुलाकात की. जाहिर तौर पर उन्होंने नई राजनीति का स्पष्ट संकेत दे दिया.
क्यों है विद्रोह?
दरअसल, कुशवाहा की पार्टी के विधायकों में उपेंद्र कुशवाहा के परिवार प्रेम को लेकर नाराजगी है. सूत्रों के मुताबिक विधायकों को ये रास नहीं आ रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बेटे दीपक प्रकाश को डायरेक्ट मंत्री बना दिया. जबकि दीपक प्रकाश विधायक या विधान पार्षद भी नहीं हैं. उनका कहना है कि जीत कर आये विधायकों में से ही किसी को मंत्री बनाना चाहिये था.
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के एक विधायक ने कहा कि हालात तो ये थे कि उपेंद्र कुशवाहा ने न सिर्फ अपने बेटे को मंत्री बना दिया बल्कि पत्नी को विधायक दल का नेता भी बनाना चाह रहे थे. लेकिन उन्हें विधायकों के आक्रोश का अंदाजा हो गया था. लिहाजा पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के बदले माधव आनंद को विधायक दल का नेता बनाया.
बिहार में नई सरकार के गठन के बाद से कुशवाहा की पार्टी में घमासान शुरू हो गया था. पार्टी के विधायक रामेश्वर महतो खुलकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं. बाकी दो विधायकों ने खुलकर कुछ बोला तो नहीं है तो लेकिन उनके हाव भाव से ये साफ झलकता रहा है कि वे नेतृत्व से नाराज हैं.
पार्टी की हास्यास्पद सफाई
लिट्टी चोखा भोज प्रकरण में सबसे दिलचस्प है उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी की ओर से दी गयी सफाई. राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रवक्ता राम पुकार सिन्हा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी के तीन विधायक बुधवार की शाम तक तो पटना में थे. तभी उन लोगों ने बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष से मुलाकात की. लेकिन जबू लिट्टी-चोखा भोज का समय आया तो तीनों विधायक पटना से बाहर चले गये. कोई अपने क्षेत्र में चला गया तो कोई कहीं और बाहर चला गया. तभी वे भोज में नहीं पहुंच पाये. पार्टी के भीतर कोई नाराजगी नहीं है.