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करप्शन किंग तारणी दास के काले कारनामों की सरकार को पहले से थी खबर, ED की रेड में खजाना मिलने के बाद लाज बचाने के लिए अब पद से हटाया

करप्शन किंग और भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता तारणी दास को सरकार ने पद से हटा दिया है, जिनके ठिकानों पर ED की रेड में 11.64 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे. खास बात ये है कि सरकार को पहले से ही उनके भ्रष्टाचार की जानकारी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 28 Mar 2025 09:44:13 PM IST

Bihar News

- फ़ोटो reporter

PATNA: काली कमाई के कुबेर और भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता तारणी दास को सरकार ने पद से हटा दिया है. ये वही तारिणी दास है, जिसके ठिकानों पर रेड में ED को 11 करोड़ 64 लाख कैश मिले थे. शुक्रवार की देर शाम सरकार ने आदेश निकाला है कि तारणी दास को मुख्य अभियंता पद से हटाया जा रहा है.


पिछले साल रिटायरमेंट के बाद आनन-फानन में दो साल के लिए मुख्य अभियंता पद पर बहाल कर लिये गये तारणी दास के मामले में सरकार की भद्द पिट गयी है. सरकार चलाने वाले कई बड़े चेहरे बेनकाब हो गये हैं. ऐसे में सरकार ने तारणी दास को हटाने का दो आदेश निकाला है उससे ही नय़ा खुलासा हुआ है. तारणी दास के काले कारनामों की जानकारी पहले से ही सरकार को थी. लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.


तारणी के करतूत की पहले से थी खबर

सरकार के भवन निर्माण विभाग ने तारणी दास की सेवा रद्द करने का आदेश निकाला है. उस आदेश को पढ़ने के बाद ये साफ होता है कि तारिणी के करतूतों की खबर पहले से ही सरकार को थी. आज जारी किये गये भवन निर्माण विभाग के पत्र में कहा गया है  कि तारणी दास पर सक्षम पदाधिकारी से आदेश लिये बैगर टेंडर रद्द करने का आरोप पहले ही लगा था. तारणी पर निर्धारित अवधि से कम समय के लिए बी०ओ० क्यू० अपलोड रखने का भी आरोप पहले से लगा था.


खामोश बैठी रही सरकार

ऐसे गंभीर आरोपों के बावजूद राज्य सरकार खामोश बैठी रही. ईडी की रेड में भद्द पिटने के बाद सरकार ने आज तारणी को पद से हटाने का आदेश निकाला. उसमें ये कहा गया है कि टेंडर रद्द करने और बी.ओ.क्यू में गड़बड़ी करने के मामलों में उससे स्पष्टीकरण मांगा गया था. लेकिन सरकार ये नहीं बता रही है कि उन मामलों में तारणी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी थी. 


सरकार ने आज के आदेश में कहा है कि दैनिक समाचार पत्रों में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा तारणी दास के आवास पर छापेमारी संबंधी समाचार प्रकाशित की गई है, जिसमें बड़ी मात्रा में नगद राशि बरामद होने की सूचना है. जाँच एजेंसी के द्वारा तारणी दास के आवासीय परिसर पर छापेमारी और भारी मात्रा में नगदी की बरामदगी की घटना गंभीर है. लिहाजा उनकी संविदा पर नियुक्ति रद्द की जा रही है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चलेगी. 


ईडी ने बरामद किया है खजाना

बता दें कि ED ने IAS संजीव हंस से जुड़े टेंडर घोटाला मामले में गुरुवार को 6 अफसरों और एक ठेकेदार के ठिकानों पर छापेमारी की थी. जांच में खुलासा हुआ था कि बिहार सरकार के इन अधिकारियों ने सरकारी टेंडरों में लाभ पहुंचाने और ठेकेदारों के बिलों की मंजूरी के बदले रिश्वत ली थी. ईडी की जांच में भवन निर्माण विभाग, बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (BUIDC) और BMSICL से जुड़े कई टेंडरों में गड़बड़ी के सबूत मिले थे.


11.64 करोड़ कैश मिले

गुरूवार को ED  ने तारणी दास समेत बिहार सरकार के 6 अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसमें 11.64 करोड़ कैश, कई संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज, रिश्वत के लेन-देन से संबंधित डॉक्यूमेंट्स, डिजिटल साक्ष्य मिले. ईडी इन सारे अधिकारियों और उनसे जुड़े ठेकेदारों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. वह इस बात का भी पता लगा रही है कि रिश्वत के इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं.


काली कमाई का कुबेर निकला तारणी दास 

बता दें कि ईडी की रेड के दौरान तारणी दास के घर से बरामद कैश को गिनने के लिए 4 मशीनें मंगाई गई थीं. सारे नोट गिनने में टीम को 8 घंटे लगे. चीफ इंजीनियर तारणी दास के दूसरे ठिकानों पर भी छापेमारी की गई थी. दास पर आरोप है कि वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ठेकेदारों के लिए टेंडर मैनेज करता था और इसके बदले मोटी रकम वसूलता था.


सरकार ने तारणी पर बरसाई थी कृपा

तारिणी दास 31 अक्टूबर 2024 को भवन निर्माण विभाग से रिटायर हुआ था. 9 दिन बाद ही 9 नवंबर को 2 साल का एक्सटेंशन दे दिया गया था. सरकार तारणी दास को पुरस्कृत करने की इस कदर हड़बड़ी में थी कि कैबिनेट की मंजूरी के बगैर मुख्यमंत्री के आदेश से उसे सेवा विस्तार दे दिया गया था. सरकार ने एक महीने बाद ही 11 दिसंबर को तारणी दास को भवन निर्माण निगम में मुख्य महाप्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया था.