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पटना नगर निगम की बैठक में पार्षदों के बीच हाथापाई, हंगामे के कारण बैठक स्थगित

पटना नगर निगम की बैठक में पार्षदों के बीच विवाद हो गया और हाथापाई हुई। मेयर सीता साहू मौजूद रहीं, लेकिन हंगामे के कारण बैठक बाधित हो गई।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 11 Jul 2025 02:29:17 PM IST

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बैठक में भारी हंगामा - फ़ोटो SOCIAL MEDIA

PATNA: पटना नगर निगम के पार्षदों की आज बुलाई गई। बैठक में शोर-शराबा और हंगामे ने पूरी बैठक का माहौल खराब कर दिया। शुक्रवार को आयोजित इस बैठक में पार्षदों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि वे आपस में भिड़ गए और बात हाथापाई तक पहुंच गई। इस दौरान कई पार्षदों के कुर्ते फट गए,जिससे साफ पता चलता है कि मामला कितना गंभीर था।


हंगामे की वजह से मौके पर अफरा-तफरी मच गई और बैठक पूरी तरह से बाधित हो गई। इस पूरे विवाद के बीच नगर निगम की मेयर सीता साहू भी मौजूद थीं, उन्होंने पार्षदों को शांत कराने की कोशिश की लेकिन वो कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। मिली जानकारी के अनुसार,इस बैठक में पार्षदों के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद था। जिनमें नगर निगम के बजट आवंटन,विकास कार्यों की धीमी प्रगति और संसाधनों के वितरण को लेकर तीखी बहस हुई। यह बहस इतनी बढ़ गयी कि कुछ पार्षद एक-दूसरे को कोसने लगे। जिसके बाद स्थिति हाथ से निकल गई।


मौके पर मौजूद कर्मचारी और अन्य अधिकारी विवाद को शांत कराने का प्रयास करते रहे,लेकिन विवाद इतना बढ़ गया कि अंततः बैठक को स्थगित करना पड़ गया। पार्षदों के इस कृत्य ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। नगर निगम प्रशासन ने फिलहाल इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है,लेकिन संभावना जताई जा रही है कि मामले की जांच की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।


 दरअसल नगर निगम की बैठक में मेयर, उप मेयर, तमाम पार्षद और निगम आयुक्त मौजूद थे। बैठक में जब मेयर ने एजेंडा पास किया तो नगर निगम के आयुक्त विरोध करने लगे। अपने अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया। निगम आयुक्त् ने कहा नियम के विरोध मे निजी एजेंसी को फायदा देने के लिए एजेंडा पास किया है। जिसके बाद मेयर गुट के पार्षदों और विरोधी गुट के बीच जमकर गाली-गौलौज और यहां तक कि हाथापाई भी हुई। स्थायी समिति के सदस्य संजीत कुमार ने बताया की निगम आयुक्त तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं। जब सर्व सम्मति से निगम और स्थायी समिति से एजेंडा पास हो गया तो फिर निगम आयुक्त कैसे इसका विरोध कर सकते हैं? बहिष्कार के बाद सभी एजेंडों को पास कर दिया गया। वही पार्षदों ने इस दौरान नगर निगम आयुक्त के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया और हंगामा मचाया।