बिहार विधानसभा चुनाव 2025: इस दिन जारी होगी जन सुराज पार्टी के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट, प्रशांत किशोर करेंगे नाम की घोषणा बिहार विधानसभा चुनाव 2025: इस दिन जारी होगी जन सुराज पार्टी के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट, प्रशांत किशोर करेंगे नाम की घोषणा Bihar Election 2025: बिहार चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में अरवल जिला प्रशासन, डीएम-एसपी ने लिया तैयारियों का जायजा Bihar Politics: ‘महागठबंधन में सबकुछ तय, जल्द होगी सीटों की घोषणा’ सीट शेयरिंग पर मुकेश सहनी का बड़ा दावा Bihar Politics: ‘महागठबंधन में सबकुछ तय, जल्द होगी सीटों की घोषणा’ सीट शेयरिंग पर मुकेश सहनी का बड़ा दावा BIHAR NEWS : बस की छत पर सवार दो यात्री करंट से झुलसे, हालत गंभीर कैमूर में भीषण जाम से लोग परेशान: मोहनिया से टोल प्लाजा तक NH-19 पर घंटों फंसे वाहन चालक Bihar Crime News: बिहार में नाबालिग लड़के ने चाकू मारकर की लड़की की हत्या, एकतरफा प्यार में वारदात को दिया अंजाम Bihar Crime News: बिहार में नाबालिग लड़के ने चाकू मारकर की लड़की की हत्या, एकतरफा प्यार में वारदात को दिया अंजाम Navi Mumbai Airport : प्रधानमंत्री मोदी ने किया नवी मुंबई एयरपोर्ट का उद्घाटन , जानें कब और कहां के लिए शुरू होंगी फ्लाइट?
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Wed, 25 Jun 2025 02:25:20 PM IST
प्रतिकात्मक - फ़ोटो google
Patna News: बिहार सरकार के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने आज एक ऐतिहासिक नीतिगत निर्णय की घोषणा की है। सरकार के इस ऐलान से 'अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालय' में नियमित पदस्थापित शिक्षक (प्रधानाध्यापक सहित)/ शिक्षकेत्तर कर्मियों के बच्चियों को अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालय में नामांकन मिल सकेगा।
विभाग द्वारा संचालित इन आवासीय विद्यालयों में छात्राओं को शिक्षा एवं आवासन की सुविधा निः शुल्क उपलब्ध हैं। इन विद्यालयों में पदस्थापित प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु परिसर में ही रहना अनिवार्य होता है।
पहले, इन नियमित पदस्थापित शिक्षक (प्रधानाध्यापक सहित)/ शिक्षकेत्तर कर्मियों के बच्चियों के इन आवासीय विद्यालयों में नामांकन के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं था। इससे एक महत्वपूर्ण चुनौती उत्पन्न होती थी, जिससे कई कर्मियों को अपनी बेटियों से दूर रहना पड़ता था और उनकी शिक्षा के बारे में लगातार चिंता करनी पड़ती थी।
इन चुनौतियों को पहचानते हुए, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने अपनी संचालन नियमावली में संशोधन किया है। यह संशोधन अपने कर्मचारियों के कल्याण और कर्मचारियों तथा छात्राओं दोनों के लिए एक अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रमुख प्रावधान:
1. नामांकन: नियमित कर्मचारियों की बेटियों का उसी अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालय में नामांकन होगा जहां उनके माता-पिता पदस्थापित हैं। पदस्थापित नियमित कर्मियों के बच्चियों का पदस्थापन वाले आवासीय विद्यालय में पढ़ना बाध्यकारी नहीं बल्कि एच्छिक होगा।
2. डे स्कॉलर: नियमित कर्मचारियों (प्रधानाध्यापकों/शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों सहित) की अधिकतम दो बेटियों को डे स्कॉलर (दिवाकालीन छात्रा) के रूप में प्रवेश दिया जाएगा।
3. समावेशी प्रवेश: जबकि ये आवासीय विद्यालय मुख्य रूप से पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों की लड़कियों के लिए हैं, नियमित कर्मचारियों की बेटियों के लिए बीसी-I या बीसी-II की जाति की आवश्यकता अनिवार्य नहीं होगी।
4. लिंग विशिष्ट: नामांकन विशेष रूप से लड़कियों के लिए होगा।
5. आवासीय व्यवस्था: बेटियां अपने नियमित कर्मचारी माता-पिता के साथ विद्यालय परिसर के भीतर उनके आवंटित आवासीय क्वार्टर में रहेंगी।
6. माता-पिता की जिम्मेदारी: अपनी बेटियों के भोजन और कपड़े की व्यवस्था की जिम्मेदारी कर्मचारियों की होगी।
7. अतिरिक्त सीटें: कर्मचारियों की बेटियों का नामांकन निर्धारित सीट क्षमता (जैसे, कक्षा 6 में प्रति कक्षा 40 सीटों से अलग, और इसी तरह कक्षा 7, 8, 9 आदि के लिए) से बाहर होगा।
8. स्थानांतरणीयता: नियमित कर्मचारी के स्थानांतरण की स्थिति में, उनकी बेटियों का नामांकन भी उस 'अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालय' में स्थानांतरित किया जा सकेगा जहां माता-पिता नव-पदस्थापित हैं।
यह परिवर्तनकारी निर्णय शिक्षकों और कर्मचारियों पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण बोझ को कम करेगा, जिससे उन्हें अपने परिवारों को एक साथ रखने में मदद मिलेगी, साथ ही यह सुनिश्चित होगा कि उनकी बेटियों को सहायक वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। यह कर्मचारी कल्याण के प्रति बिहार सरकार के प्रगतिशील दृष्टिकोण और अपने शैक्षणिक संस्थानों के भीतर एक समग्र और सहायक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के प्रति उसके समर्पण को रेखांकित करता है।