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16-Mar-2025 08:42 AM
By Viveka Nand
Bihar Education News: चंपारण में पदस्थापित रहे जिला शिक्षा पदाधिकारियों की खूब चर्चा हो रही है. बच्चों में शिक्षा की रोशनी फैलाने वाले पदाधिकारियों के कारनामें जान दंग रह जायेंगे. संयुक्त चंपारण(पूर्वी और पश्चिमी) के जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने गजब का खेल खेला. एक की वसूली का पर्दाफाश हो गया, दूसरे के खिलाफ जांच के आदेश हुए है. जांच टीम गठित कर दी गई है. अब रिजल्ट की बारी है. हम बात कर रहे हैं पश्चिमी चंपारण के पूर्व डीईओ रजनीकांत प्रवीण और उसी काल में पूर्वी चंपारण(मोतिहारी) के डीईओ रहे संजय कुमार की. संजय कुमार के स्थानांतरण के बाद गड़बड़ी की फाइल दबा दी गई थी. हालांकि फिर से मामले में तेजी आई है. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के पत्र के बाद बवाल मच गया है. मंत्री ने पूर्व डीईओ संजय कुमार की भूमिका के जांच के आदेश दिए हैं. मंत्री के पत्र के बाद मोतिहारी के जिलाधिकारी ने जांच टीम गठित कर दी है. होली बाद जांच में तेजी आने की संभावना है.
1st Bihar ने मामले का किया है खुलासा
शिक्षा विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने जब मोतिहारी के जिलाधिकारी को पत्र लिखा, और जांच कर तीन हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा, इसके बाद जांच के आदेश तो दिए गए, पर जांच की गाड़ी आगे नहीं बढ़ी. 1st बिहार/झारखंड ने जब पूरे मामले से पर्दा उठाया तो हड़कंप मच गया. जांच टीम भले ही गठित हो गई थी, पंद्रह दिनों में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा गया था, लेकिन वह फाइल भी दबा दी गई थी. जिला शिक्षा कार्यालय ने पूर्व डीईओ संजय कुमार के खिलाफ जांच से संबंधित फाइल जांच टीम को दी ही नहीं थी.खबर चलने के बाद, अगले दिन यानि 11 मार्च को जिला शिक्षा कार्यालय ने उप विकास आयुक्त कार्यालय को पूर्व डीईओ संजय कुमार से संबंधित 10 संचिकाएं उपलब्ध कराई हैं.
खबर के बाद पूर्व डीईओ संजय कुमार से संबंधित 10 संचिका जांच टीम को सौंपी गई
जिला शिक्षा कार्यालय पूर्वी चंपारण(मोतिहारी) की तरफ से 11 मार्च को उपविकास आयुक्त को 10 संचिकाओं की सूची एवं मूल सूची दिया गया है. पत्र में कहा गया है कि आपकी तरफ(उप विकास आयुक्त) से प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बेंच- डेस्क आपूर्ति, विद्यालय मरम्मति, मतदान केंद्रों के रखरखाव, सबमर्सिबल, खेलकूद, किचन सेट, चाहरदिवारी एवं भवन निर्माण से संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था. इसका अनुपालन करते हुए तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023- 24 में स्वीकृत योजनाओं से संबंधित तत्काल कुल 10 मूल संचिकाएं सूची में संलग्न कर कर उपलब्ध कराई जा रही हैं. शेष संचिकाएं सूचीबद्ध की जा रही है, जो यथाशीघ्र उपलब्ध करा दिया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने मोतिहारी के पूर्व डीईओ के खिलाफ जांच के दिए हैं आदेश
सरकारी योजनाओँ में भ्रष्टाचार करने के मामले में पूर्वी चंपारण के वर्तमान डीईओ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया गया है, पर पूर्व डीईओ संजय कुमार साफ बच गए थे. जबकि पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यकाल में ही बड़ा खेल हुआ था. पूर्व डीईओ संजय कुमार के कार्यकाल के दौरान हुए खेल की जांच नहीं होने पर भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया था. इसके बाद शिक्षा मंत्री ने पूर्व डीईओ संजय कुमार के खिलाफ लगे आरोपों की पूरी जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. संजय कुमार वर्तमान में पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी है.
17 फरवरी को गठित हुई थी जांच टीम
17 फरवरी 2025 को मोतिहारी के उप विकास आयुक्त ने वरीय उप समाहर्ता यशवंत कुमार, वरीय कोषागार पदाधिकारी विजय कुमार सिंह, सहायक आयुक्त राज्य कर रविशंकर प्रसाद और कार्यपालक अभियंता मनरेगा को जांच टीम में रखा है. जांच वाले आदेश में मंत्री कोषांग के पत्र का हवाला दिया गया है. जांच टीम को एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट देने को कहा गया था. पत्र में कहा गया था कि जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी से अभिलेख प्राप्त कर जांच करें और रिपोर्ट दें. बता दें, पूर्वी चंपारण के तत्कालीन डीईओ संजय कुमार, जिनके खिलाफ गंभीर आरोप है, ये वर्तमान में पटना जिले के डीईओ के पद पर पदस्थापित हैं.
डीईओ संजय कुमार ठेकेदार बन गए हैं- शिक्षा मंत्री का पत्र
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के सरकारी आप्त सचिव इश्तेयाक अजमल ने पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. 4 फरवरी 2025 को लिखे पत्र में शिक्षा मंत्री सह प्रभारी मंत्री के 21 जुलाई 2024 के पत्र का उल्लेख किया गया है. शिक्षा मंत्री के सरकारी आप्त सचिव ने मंत्री के निर्देश पर यह पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि 7 जुलाई 2024 को पूर्वी चंपारण में समीक्षा बैठक जो शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई थी. उक्त समीक्षा बैठक में कई विधायकों ने शिक्षा से संबंधित समस्याओं उठाया था. जिसमें कंडिका 22 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्वी चंपारण संजय कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. शिक्षा मंत्री की तरफ से कहा गया है कि, ‘’ढाका विधानसभा सहित सभी प्रखंडों में प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में बेंच-डेस्क सप्लाई, विद्यालय मरम्मत, मतदान केंद्रों के रखरखाव, समरसेबल लगाने, खेलकूद, किचन सेट, चाहरदीवारी एवं भवन निर्माण के कार्य में बिना टेंडर किए ही तकनीकी कर्मियों एवं पदाधिकारी की मिलीभगत से राशि की निकासी कर ली गई है.’’ सैकड़ो विद्यालयों के लिए वेंडर को राशि का भुगतान कर दिया गया है. लेकिन बेंच डेस्क विद्यालय में नहीं दिया. साथ ही तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ठेकेदार बन गए हैं. प्रत्येक विद्यालय में ₹2400 की कुर्सी बेंच आपूर्ति कर ₹5000 का भुगतान किया गया है.
संजय कुमार के खिलाफ जांच कर तीन हफ्ते में दें रिपोर्ट
शिक्षा मंत्री की तरफ से पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इन आरोपों की जांच के लिए पूर्वी चंपारण के उप विकास आयुक्त को निर्देशित किया गया था. जो जांच प्रतिवेदन भेजा गया है, उसके अनुसार वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार के खिलाफ विभाग द्वारा आरोप गठित की गई है. तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार,जिनके सेवा काल में विधायकों ने गंभीर आरोप लगाए थे, जांच रिपोर्ट में उसका उल्लेख नहीं किया गया है. ऐसे में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच 3 सप्ताह के अंदर उप विकास आयुक्त से कराते हुए आवश्यक कार्रवाई करें.
वर्तमान में पटना डीईओ हैं संजय कुमार
बता दें, पूर्वी चंपारण के पूर्व डीईओ संजय कुमार जिनके खिलाफ सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे, शिक्षा विभाग ने उपकृत करते हुए राजधानी पटना का जिला शिक्षा पदाधिकारी बना दिया. वर्तमान में संजय कुमार पटना जिले के डीईओ के पद पर पदस्थापित हैं.
बेतिया के डीईओ रहे प्रवीण के ठिकानों से 3.60 करोड़ नकदी मिले थे
पश्चिम चंपारण के डीईओ रहे रजनीकांत प्रवीण के ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई ने 23 जनवरी को छापेमारी की. भ्रष्ट डीईओ के बेतिया से लेकर दरभंगा, मधुबनी के कई ठिकानों पर रेड हुआ. विशेष निगरानी इकाई की छापेमारी में जिला शिक्षा पदाधिकारी के ठिकानों से 3 करोड़ 60 लाख नकदी मिले हैं. जमीन-जायदाद की बात छोड़ दीजिए.यह तो सिर्फ एक डीईओ की बात हुई, 'प्रवीण' के ठिकानों पर नोटों की गड्डी मिलने के बाद चर्चा शुरू है कि ये तो छोटी मछली हैं,बड़ी मछली पर कार्रवाई तो हुई ही नहीं. हाल के समय में सूबे में कम से कम पांच ऐसे डीईओ रहे, जिन्होंने बिना डर-भय के अकूत संपत्ति अर्जित की है. ये सभी पूर्व एसीएस के समय से ही जिलों में शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थापित रहे.