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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Nov 2025 12:05:21 PM IST
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बिहार में नई सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में राज्य के औद्योगिक, तकनीकी और शहरी विकास को दिशा देने वाले कई बड़े फैसलों को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, शहरी विकास और चीनी मिल नीति से जुड़े 10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इन सभी प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में बिहार एक नए औद्योगिक और तकनीकी युग में प्रवेश करने वाला है।
बिहार बनेगा पूर्वी भारत का नया टेक हब
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय उद्योग विभाग से संबंधित रहा। राज्य सरकार ने बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक हब (Tech Hub) बनाने के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार करने और उसके अनुश्रवण के लिए एक शीर्ष समिति के गठन को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, मेगा टेक सिटी, फिनटेक सिटी जैसे बड़े प्रोजेक्ट बिहार में स्थापित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य राज्य में हाई-टेक उद्योगों को आकर्षित करना और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करना है।
बिहार बनेगा ‘वैश्विक बैक-एंड हब’
उद्योग विभाग के एक अन्य प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली, जिसके तहत बिहार को अगले पाँच वर्षों में ‘ग्लोबल बैक-एंड हब’ और ‘ग्लोबल वर्कप्लेस’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए भी एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी, जो कार्ययोजना के निर्माण और उसके निरंतर अनुश्रवण का जिम्मा संभालेगी। नई एज इकोनॉमी के तेजी से बदलते परिदृश्य को देखते हुए यह निर्णय बिहार को आईटी, बीपीओ, केपीओ, कंटेंट मैनेजमेंट, डेटा प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में नई पहचान दिलाने में मदद करेगा।
स्टार्टअप और उद्यमिता को मिलेगा नया बढ़ावा
उद्योग विभाग ने तीसरे प्रस्ताव के रूप में यह भी पेश किया कि राज्य के प्रतिभाशाली उद्यमियों और युवाओं को स्टार्टअप एवं अन्य रोजगार आधारित गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाए।इसके लिए भी एक शीर्ष समिति के गठन को मंजूरी दी गई है। यह समिति—स्टार्टअप को बढ़ावा देने, फंडिंग सुविधा उपलब्ध कराने,नई एज इकोनॉमी के रोजगारोन्मुखी क्षेत्रों को मजबूती देने की दिशा में काम करेगी। यह कदम बिहार के स्टार्टअप इकोसिस्टम को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत स्थिति में ला सकता है।
बिहार में स्थापित होगा ‘बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन’
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रस्तावित बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन (Bihar Artificial Intelligence Mission) को भी मंजूरी मिल गई है। इस मिशन का लक्ष्य बिहार को AI तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल करना है। इस तहत— AI आधारित सेवाएं, स्किल डेवलपमेंट, सरकारी विभागों में AI का उपयोग, स्टार्टअप एवं टेक कंपनियों के साथ साझेदारी जैसी गतिविधियाँ संचालित की जाएँगी। यह मिशन बिहार के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
11 नए सैटेलाइट और ग्रीनफील्ड टाउनशिप को हरी झंडी
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रस्ताव के अनुसार बिहार में 11 नए सैटेलाइट टाउनशिप / ग्रीनफील्ड टाउनशिप विकसित किए जाएंगे। कैबिनेट ने इसके लिए सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है तथा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का निर्देश दिया है। इन नई टाउनशिपों से—तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण को व्यवस्थित किया जा सकेगा। इससे आवास, सड़क, पानी, स्वच्छता जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाया जाएगा।
राज्य में नए शहरी केंद्र विकसित होंगे
ग्रेटर पटना के विस्तार और नगरों के आधुनिक विकास की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। नए चीनी मिलों की स्थापना और बंद पड़े मिलों का पुनरुद्धार कैबिनेट का दसवाँ और बेहद महत्वपूर्ण निर्णय राज्य की बंद पड़ी चीनी मिलों से संबंधित रहा।
नई चीनी मिलों की स्थापना
राज्य में नई चीनी मिलों की स्थापना और पुरानी बंद पड़ी मिलों के पुनरुद्धार के लिए सरकार नेमुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति के गठन को स्वीकृति दी है। यह समिति नीति निर्धारण, कार्ययोजना, निवेश आकलन, निजी क्षेत्र की भागीदारी,पुनरुद्धार मॉडल जैसे विषयों पर व्यापक रिपोर्ट तैयार करेगी। यह निर्णय उत्तर बिहार के किसानों, खासकर गन्ना उत्पादक क्षेत्रों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। लंबे समय से चीनी मिलों के बंद रहने से किसानों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही थी। अब नई नीति तैयार होने से रोजगार, उद्योग और कृषि—तीनों क्षेत्रों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।
बिहार कैबिनेट के इन फैसलों से यह साफ है कि सरकार तकनीकी आधुनिकता, औद्योगिक विकास, शहरी विस्तार और कृषि आधारित उद्योगों में संतुलित वृद्धि की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। आने वाले वर्षों में इन योजनाओं के लागू होते ही राज्य नई औद्योगिक पहचान बना सकता है और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।