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05-Mar-2025 04:17 PM
By Viveka Nand
Bihar News: बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने पथ निर्माण विभाग छोड़ते-छोड़ते बड़ा काम कर दिया. खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है. जिस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्म्त किसी को नहीं हो रही थी, वो काम विजय सिन्हा ने कर दिया. सिर्फ पुल निर्माण कंपनी SP सिंगला पर ही नहीं, बल्कि अगुवानी घाट पुल गिरने के मामले में संबंधित इंजीनियरों के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दे दिए. डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने आज खुद इस बाद का खुलासा किया. इस खुलासे से हड़कंप मच गया है.
चहेते इंजीनियर को प्रमोशन देने की तैयारी
विजय सिन्हा के खुलासे से ठीक पहले पथ निर्माण विभाग में खेल चालू हो गया था. जैसे ही विजय सिन्हा से पथ निर्माण विभाग लिया गया, नए मंत्री ज्वाइन किए, इसके साथ ही विभाग के अंदर खेल शुरू चालू हो गया. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि अगुवानी घाट पुल गिरने में लापरवाही बरतने वाले इंजीनियर को प्रमोशन देने की फाइल तेजी से बढ़ाई जा रही है. जिस इंजीनियर के खिलाफ मंत्री विजय सिन्हा ने कार्रवाई के आदेश देते हुए, प्रमोशन रोक दिया गया था, उन्हें प्रोन्नति देने की तैयारी है, विभाग के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि उक्त मुख्य अभियंता को प्रमोशन देने को लेकर फाइल दौड़ाई जा रही है. कहा जा रहा है कि उन्हें इसी हफ्ते प्रोन्नति देने की तैयारी चल रही है. यही वजह है कि जैसे ही विजय सिन्हा ने पथ निर्माण छोड़ा, तुरंत फाइल को दौड़ाया जाने लगा है. इसी बीच आज तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री विजय सिन्हा ने अगुवानी घाट पुल गिरने के मामले में हुई कार्रवाई की पूरी पोल पट्टी खोल दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर उन्होंने यह कार्रवाई की है. उनसे पूछा गया कि पथ निर्माण विभाग के मुख्यालय में पदस्थापित एक वरीय अभियंता को प्रमोशन देने की तैयारी है, उनके खिलाफ आपने कार्रवाई की सिफारिश की थी. इस पर उन्होंने कहा कि यह अंदर की बात है, मीडिया को नहीं बताउंगा. लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि हमने अगुवानी घाट पुल गिरने के मामले में संंबधित इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. अब वर्तमान मंत्री नितिन नवीन को देखना है.
वर्तमान मंत्री अगर आरोपी को प्रमोशन देते हैं, तब मुश्किल होगी
कृषि विभाग में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने पथ निर्माण में हो रहे खेल का खुलासा कर दिया. उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्होंने अगुवानी घाट पुल गिरने के मामले में ठेकेदार SP सिंगला को दोषी पाया था. लिहाजा उन्होंने इस बदनाम कंपनी को बिहार के तमाम काम से डिबार करने के आदेश दे दिया था. सिंगला कंपनी के भुगतान पर रोक के बावजूद उसका बिल पेमेंट करने वाले संबंधित इंजीनियर पर कारवाई के भी आदेश दे दिए थे. विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि उन्होंने निर्देश दे दिया था कि विकास आयुक्त के नेतृत्व में कमेटी बनेगी और गंगा पुल पर पुल निर्माण के लिए एजेंसी चयन का काम होगा. उन्होंने कहा कि मैने जो आदेश दिए हैं उस पर कार्रवाई होकर रहेगी. विजय सिन्हा को आखिरकार पथ निर्माण विभाग क्यों छोड़ना था. सत्ता के गलियारे में चर्चा आम थी कि विजय कुमार सिन्हा SP सिंगला कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहे थे लेकिन उससे पहले ही पथ निर्माण विभाग उनसे ले लिया गया. लेकिन विजय सिन्हा ने पथ निर्माण विभाग छोड़ने से पहले बिहार को चलाने वाले ब्यूरोक्रेट्स और कुछ बड़े नेताओं के खास ठेकेदार SP सिंगला के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर दी.
आखिरी फाइल साइन करके छोड़ा थे विभाग
पथ निर्माण विभाग के सूत्र बताते हैं कि पथ निर्माण विभाग छोड़ने से पहले विजय कुमार सिन्हा ने SP सिंगला के खिलाफ कार्रवाई की आखिरी फाइल पर साइन किया था. विजय कुमार सिन्हा ने आज खुद कहा कि वे बदनाम ठेकेदार SP सिंगला की फाइल लंबे समय से ढूंढ रहे थे लेकिन विभाग में फाइल मिल ही नहीं रही थी. फाइल देने में खेल किया जा रहा था, फिर भी मैने फाइल को निकलवाया और कार्रवाई की.
सरकार चलाने वालों में बेचैनी
बता दें कि SP सिंगला वही कंपनी है जो गंगा नदी पर खगड़िया के अगुवानी घाट से भागलपुर के सुल्तानगंज तक पुल बना रही है. निर्माण के दौरान ही ये पुल रेत की दीवार की तरह 3 दफ़े भरभरा कर गिरा. पुल गिरने के वीडियो वायरल हुए और पूरे देश में बिहार की भद्द पीट गई थी. लेकिन बिहार सरकार ने इस पुल के ठेकेदार SP सिंगला पर कोई कार्रवाई नहीं की.
ये जगजाहिर है कि बिहार को जिन अधिकारियों का ग्रुप चला रहा है, उसकी SP सिंगला से कितनी नजदीकी रही रही है. बिहार में SP सिंगला के पास करीब 5 हजार करोड़ के काम हैं और इस कंपनी को काम देने में क्या सब खेल होता रहा इसके चर्चे आम हैं. विजय सिन्हा ने पथ निर्माण मंत्री का पद छोड़ने से पहले SP सिंगला कंपनी पर गाज गिरा कर न सिर्फ कुछ आला अधिकारियों बल्कि कुछ नेताओं को भी भरी बेचैनी में डाल दिया है. चर्चा है कि SP सिंगला को बचाने के लिए रणनीति बनाने का काम भी शुरू हो चुका है.
SP सिंगला का खेल समझिए
बिहार के लोग करीब डेढ़ साल पहले गंगा नदी पर बन रहे अगुवानी घाट पुल का हश्र भूले नहीं होंगे. 4 जून 2023 को भागलपुर के सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी घाट के बीच गंगा नदी पर बन रहा पुल रेत की दीवार की तरह ढ़ह गया था. पुल के गिरने का वीडियो पूरी दुनिया में वायरल हुआ था, जिससे बिहार की फजीहत हो गयी थी. इस पुल की ठेकेदारी एसपी सिंगला कंपनी को मिली हुई थी.
जनवरी 2024 में पथ निर्माण विभाग के मंत्री का पद संभालने के बाद डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा एक साल से बिहार के पथ निर्माण विभाग के मंत्री सिंगला कंपनी के कारनामों और उसमें विभाग के अधिकारियों की भूमिका से संबंधित फाइल मांग रहे थे. तीन दिन पहले एसपी सिंगला कंपनी की फाइल पथ निर्माण विभाग में पहुंची. मंत्री को फाइल देख कर कार्रवाई पर फैसला लेना था, लेकिन तीन दिन के अंदर विभाग के मंत्री को ही बदल दिया गया.
पथ निर्माण मंत्री क्यों बदले गये?
एक सप्ताह पहले बीजेपी ने बिहार सरकार में अपने 7 नये मंत्री बनाये. मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा हुआ. इसमें पहले से विभागों का जिम्मा संभाल रहे सिर्फ दो मंत्री का विभाग बदला गया. डिप्टी सीएम और पथ निर्माण विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा को पथ निर्माण विभाग से बेदखल कर दिया. विजय कुमार सिन्हा कृषि विभाग के मंत्री बना दिये गये. नितीन नवीन का पथ निर्माण विभाग का मंत्री बनाया गया. नये मंत्रियों को एडजस्ट करने के लिए बीजेपी ने अलग फार्मूला निकाला था. पहले से बीजेपी के कुछ मंत्रियों के पास दो-दो विभाग थे. उनसे एक विभाग लेकर नये मंत्रियों को देने का फार्मूला बना. ऐसे में स्वास्थ्य औऱ कृषि विभाग के मंत्री मंगल पांडेय से कृषि विभाग वापस लिया गया. सहकारिता औऱ वन-पर्यावरण का काम देख रहे प्रेम कुमार से वन-पर्यावरण वापस लिया गया. लेकिन पुराने मंत्रियों में सिर्फ विजय सिन्हा ऐसे मंत्री थे जो डिप्टी सीएम होने के बावजूद नगर विकास विभाग से बेदखल कर दिये गये.
एसपी सिंगला का कितना रसूख
बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग में ये चर्चा जोर-शोर से चली. ये संयोग है या सोची-समझी प्लानिंग ? तीन दिन पहले पथ निर्माण विभाग में अगुवानी घाट मामले में एसपी सिंगला की करतूतों की फाइल विभाग में पहुंची थी. पथ निर्माण विभाग के सूत्र बताते हैं कि फाइल में चौंकाने वाली बातें दर्ज थी, लेकिन उसी बीच मंत्री ही विभाग से विदा हो गए. चर्चा थी कि चौंकाने वाली बातें शायद अब फाइलों में ही दफन हो जायेंगी. लेकिन जाने से पहले विजय सिन्हा ने मास्टरस्ट्रोक खेल दिया.
एक साल से फाइल मांग रहे थे सिन्हा
पथ निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगुवानी घाट-सुल्तानगंज गंगा पुल के ठेके से संबंधित फाइल विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा एक साल से मांग रहे थे. ये वो पुल है जो बनने के दौरान तीन बार गिरा. फिर भी ठेकेदार एसपी सिंगला का बाल बांका तक नहीं हुआ. 4 जून 2023 को जब पुल रेत की दीवार की तरह ढ़ह गया तो भी एसपी सिंगला के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई.
विजय कुमार सिन्हा ने जनवरी 2024 में पथ निर्माण विभाग के मंत्री का पद संभाला था. वे उस समय से एसपी सिंगला की फाइल मांग रहे थे. लेकिन फाइल उनके पास पहुंच नहीं रही थी. एक अधिकारी ने बताया कि फाइल नहीं पहुंचने के पीछे बड़ा कारण था. एसपी सिंगला द्वारा बनाया जा रहा गंगा नदी पुल जब पहली बार गिरा था तो विभाग ने फैसला लिया था कि ठेकेदार को पेमेंट नहीं किया जायेगा. लेकिन इसके बावजूद एसपी सिंगला को पेमेंट किया जा रहा था.
कोर्ट में भी हो गया खेल!
पथ निर्माण विभाग के अधिकारी बताते हैं कि देश के किसी राज्य में ऐसा खेल पहली बार हुआ होगा कि कोई पुल ध्वस्त हो गया औऱ ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. पुल ढ़हने के बाद मामला पटना हाईकोर्ट में गया था. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ठेकेदार एसपी सिंगला कंपनी ने कहा कि वह अपने खर्च पर पुल को फिर से बना देगा और राज्य सरकार इस पर मान गयी. ये ऐसा ही उदाहरण हुआ कि किसी इंसान को गोली मारने के बाद अपराधी ये कहे कि मैं इसका इलाज करा दूंगा और उसे बरी कर दिया जायेगा.
पूरे खेल को समझिये
एसपी सिंगला की जड़े बिहार में कितनी मजबूत है, इसे भी समझना होगा. एसपी सिंगला कंपनी बिहार में कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. जानकार बताते हैंकि उसके पास कम से कम पांच हजार करोड़ का काम है, जिसमें अगुवानी घाट-सुल्तानगंज पुल भी शामिल है. अगर राज्य सरकार उसे अगुवानी घाट पुल मामले में नियमों के मुताबिक ब्लैक लिस्टेड कर देती तो उसके सारे काम बंद हो जाते. तभी एक पुल ढ़ह गया और ठेकेदार को इस शर्त पर छोड़ दिया गया कि वह पुल को फिर से बना देगा.
एसपी सिंगला की पकड़ का एक और उदाहरण जानिये. इस कंपनी ने बिहार में अपने काम को देखने के लिए सुरेश सिंगला नाम के व्यक्ति को रखा हुआ था. ये वही सुरेश सिंगला है जिसे ईडी ने कुछ महीने पहले जेल भेजा है. ईडी की जांच में ये पता चला है कि सुरेश सिंगला ने बिहार के बहुचर्चित आईएएस अधिकारी संजीव हंस के मोटे ब्लैक मनी को खपाया. ईडी के मुताबिक संजीव हंस के ब्लैक मनी को खपाने सिंगला अपने कई रिश्तेदारों के साथ लगा हुआ था.
ईडी की जांच में ये सामने आया है कि सुरेश सिंगला नाम का व्यक्ति आईएएस संजीव हंस से तब संपर्क में आया था जब संजीव हंस बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के एमडी हुआ करते थे. इसी पुल निर्माण की ओऱ से एसपी सिंगला कंपनी को बिहार में बड़ा काम दिया गया.बिहार के सत्ता के गलियारे में रहने वाले जानते हैं कि सूबे के कम से कम चार बड़े आईएएस अधिकारियों के पास सुरेश सिंगला का लगभग हर रोज आना-जाना था. सरकार में बड़ा कद रखने वाले दो मंत्रियों के पास भी सुरेश सिंगला का नियमित आना जाना था. शायद इसका का ही असर था कि एसपी सिंगला कंपनी के खिलाफ बिहार सरकार ने कभी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की.
क्या विजय सिन्हा इसके कारण ही बने बलि का बकरा
पथ निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एसपी सिंगला कंपनी ने बिहार में जब से काम करना शुरू किया तब से विजय सिन्हा एक मात्र ऐसे पथ निर्माण मंत्री रहे, जिनसे सिंगला कंपनी का तालमेल नहीं बैठा. दूसरे मंत्रियों से विपरीत विजय कुमार सिन्हा बार-बार एसपी सिंगला कंपनी के पूरे कारनामों की फाइल मांग रहे थे. दिलचस्प बात ये भी है कि एसपी सिंगला ने हाईकोर्ट में अगुवानी घाट-सुल्तानगंज पुल को अपने पैसे से फिर से बनाने की बात कह कर अपने खिलाफ मामला तो खत्म करा लिया था. लेकिन इस पुल का निर्माण अब तक शुरू नहीं कराया था. विजय कुमार सिन्हा इस मामले में भी बार-बार कार्रवाई की घोषणा कर रहे थे