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Bihar News: फिर से फिसड्डी साबित हुई बिहार पुलिस! नहीं जुटा सकी मजिस्ट्रेट समेत 5 पुलिसकर्मियों की हत्या के सबूत; कोर्ट से चार आरोपित बरी

Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर में 2009 के लोगसभा चुनाव के दौरान बारुदी सुरंग विस्फोट की घटना में मजिस्ट्रेट समेत पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. पुलिस कोर्ट में साक्ष्य पेश नहीं कर सकी, जिसके बाद कोर्ट ने चार आरोपितों को बरी कर दिया है.

1st Bihar Published by: MANOJ KUMAR Updated Sat, 25 Jan 2025 01:23:02 PM IST

Bihar News

सबूत के अभाव में आरोपी बरी - फ़ोटो google

Bihar News: बिहार की पुलिस खुद की पीठ थपथपाने मे पीछे नहीं रहती है लेकिन ऐन वक्त पर फिसड्डी साबित हो जाती है। मुजफ्फरपुर में मजिस्ट्रेट समेत पांच पुलिस जवानों की हत्या के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। इस हत्याकांड के चार आरोपियों को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। पुलिस कोर्ट में इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सकी और एक बार फिर से फिसड्डी साबित हो गई।


दरअसल, साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान 23 अप्रैल को धरफरी हाईस्कूल मतदान केंद्र पर वोटिंग खत्म होने के बाद मजिस्ट्रैट और पुलिस पार्टी ईवीएम लेकर जिला मुख्यालय स्थित बज्रगृह जा रही थी, तभी केदेवरिया थाना क्षेत्र के मुहब्बतपुर गांव के कर्पूरी चौक के पास वैशाली कैनाल पुल पर हुए बारुदी सुरंग विस्फोट में मजिस्ट्रेट सुनील कुमार, दारोगा अमेरिका प्रसाद समेत पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी।


इस घटना की जिम्मेवारी नक्सलियों ने ली थी। इस मामले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। एडीजे वन की कोर्ट में चल रहे ट्रायल के दौरान शुक्रवार को कोर्ट का फैसला आया। कोर्ट ने चतुरपट्टी गांव निवासी राजधारी राम, देवरिया के लखनौरी गांव निवासी उमाशंकर भगत और छपरा के पानापुर के रहने वाले लालाबाबू राय एवं अखिलेश राय को बरी कर दिया। बाकी 17 आरोपितों के खिलाफ अलग ट्रायल चल रहा है।


जानकारी के मुताबिक ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष कोर्ट में साक्ष्य पेश नहीं कर पाया। वहीं कई गवाह भी कोर्ट में गवाही के लिए उपस्थित नहीं हुए। साक्ष्य और गवाहों के अभाव में कोर्ट ने आखिरकार चारों आरोपियों को बरी कर दिया। चारों आरोपितों को कोर्ट के द्वारा बरी किए जाने के बाद मुजफ्फरपुर पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है और लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।