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05-Mar-2025 10:48 AM
बिहार की राजनीतिक गलियारों ने इन दिनों एक नई चर्चा शुरू हो गई है। यह चर्चा बिहार की सत्ता में काबिज पार्टी के सांसद से जुड़ी हुई है। सांसद महोदय ने गलती से भारी मिस्टेक कर दिया है। इसके बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। सांसद जी को यह समझ नहीं आ रहा है कि अब करें तो करें क्या और जाएं तो जाएं कहां। तो चलिए सबसे पहले यह जानते हैं कि हुआ क्या है यानी कह लें की यह मामला है क्या ?
जमीन खरीदने के बाद भी निर्माण पर रोक
दरअसल, जदयू के सांसद रामप्रीत मंडल ने पार्टी कार्यालय बनाने के लिए नगर परिषद के वार्ड 20 में एक कट्ठा जमीन खरीदी। इसको लेकर उन्होंने पैसे भी चुकाए लेकिन अब सांसद महोदय को यहां निर्माण कार्य करने से मना कर दिया गया। इसके बाद सांसद महोदय को यह समझ नहीं आ रहा है की करें तो करें क्या आखिर यह गलती से भारी मिस्टेक उनसे जो हुआ है उसकी भरपाई कैसे करें।
जमीन खरीदने के बाद निकली सरकारी
जानकारी के अनुसार, मधुबनी जिले के झंझारपुर में बेहट गांव स्थित इस जमीन को अंचल अधिकारी ने बिहार सरकार की भूमि बताते हुए सीओ को इस पर निर्माण कार्य तत्काल रोकने के लिए पत्र लिखा है। जबकि सांसद का कहना है कि उन्होंने सभी ने कागजात देखकर जमीन खरीदी है। इसके बाद भी यह जमीन सरकारी कैसे हो सकती है। लेकिन, सीओ का साफ़-साफ़ कहना है कि यह जमीन सरकारी है। इसके बाद अब सांसद ने कहा कि यदि जांच में जमीन सरकारी निकलती है तो बेचने वाले से पैसा वापस लूंगा।
वार्ड पार्षद ने सरकारी जमीन होने का किया दावा
बताया जा रहा है कि, वार्ड 20 की पार्षद सुलेखा कुमारी और अन्य ने बेहट गांव के दुर्गा मंदिर के समीप स्थित उक्त जमीन के सरकारी होने का दावा करते हुए 1 मार्च को अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर निर्माण रोकने की मांग की। मामले में अग्रेतर कार्रवाई लंबित है। इसी बीच, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार ने 1 मार्च को ही लखनौर अंचल अधिकारी रितु सोनी को पत्र भेज जमीन की किस्म और रैयत बताने को कहा। अंचल अधिकारी ने 4 मार्च को भेजी अपनी रिपोर्ट में संबंधित खाता खेसरा नंबर को अनावाद बिहार सरकार का बताया है।
जबकि, कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि सीओ को निर्माण पर तत्काल रोक लगाने के लिए पत्र भेजा गया है। लखनौर अंचल अधिकारी रितु सोनी ने बताया कि संबंधित खाता खेसरा नंबर की जांच कराई गई। वह सरकारी भूमि है।इसकी रिपोर्ट कार्यपालक पदाधिकारी को दी गई है।
क्या बोले JDU सांसद
इधर, सांसद रामप्रीत मंडल ने कहा कि बेहट गांव के अर्जुन मंडल से उचित पैसा देकर एक कट्ठा जमीन खरीदी है। जमीन झंझारपुर में जदयू कार्यालय खोलने के लिए ली है। खरीदने से पहले सभी कागजात देखे थे। रजिस्ट्रार ने स्थल निरीक्षण किया था। अभी दाखिल-खारिज नहीं हुआ है। जांच में जमीन सरकारी निकलती है तो बेचने वाले से पैसा वापस लूंगा। मेरी मंशा सरकारी या किसी की जमीन हड़पने की नहीं है।