1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 27 Sep 2025 12:39:04 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार के किसान अब धीरे-धीरे ही सही मगर खेती के पुराने तरीकों से हटकर आधुनिक तकनीक की ओर बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में जहानाबाद जिले में एक नई पहल शुरू हो रही है, जहां पंचायत स्तर पर किसानों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से दी जाएगी, ताकि किसान खुद अपने खेतों में दवा और खाद का छिड़काव कर सकें। अभी तक किसान 300 रुपये प्रति एकड़ किराए पर ड्रोन लेते थे, लेकिन ट्रेनिंग के बाद यह खर्च बचेगा और काम खुद के ही हाथ में होगा। बिहार कृषि विभाग और इफको के सहयोग से ड्रोन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इस ट्रेनिंग के शिविर 3 से 18 अक्टूबर तक संभावित तारीखों पर लगेंगे। हर पंचायत में ये कैंप आयोजित होंगे, जहां किसान ड्रोन के बेसिक ऑपरेशन, सॉफ्टवेयर हैंडलिंग और सुरक्षित उड़ान सीखेंगे। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि ट्रेनिंग से पहले सॉफ्टवेयर से खेत का नक्शा बनाया जाएगा, जिसमें ड्रोन का रूट और छिड़काव की मात्रा तय हो जाएगी। फिर ड्रोन ऑटो-पायलट मोड में काम करेगा, वो भी बिना किसी हस्तक्षेप के। यह किसानों का समय बचाएगा और फसल प्रबंधन को भी बेहतर बना देगा।
ड्रोन तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जिस काम में घंटों लगते थे, वह मिनटों में ही पूरा हो जाएगा। मैनुअल छिड़काव में किसान थकान महसूस करते थे और कभी-कभी दवा बराबर से नहीं फैल पाती थी। लेकिन ड्रोन से बिल्कुल समान वितरण होता है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है और रसायनों का कम इस्तेमाल होता है। पर्यावरण के लिए भी यह अच्छा है, क्योंकि ज्यादा दवा बर्बाद नहीं होती। किसान भाइयों को अब मेहनत कम करनी पड़ेगी और खेती ज्यादा स्मार्ट हो जाएगी। इच्छुक किसान स्थानीय कृषि केंद्र से संपर्क कर शिविरों में हिस्सा ले सकते हैं।