बिहार में नहीं थम रहा जमीन विवाद का मामला: गोपालगंज में दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट, वीडियो वायरल

गोपालगंज के कुचायकोट थाना क्षेत्र के सासामुसा गांव में भूमि विवाद के दौरान दो पक्षों के बीच हुई जमकर मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 29 May 2025 04:24:51 PM IST

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मारपीट का वीडियो वायरल - फ़ोटो google

GOPALGANJ: बिहार में जमीन विवाद को लेकर हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए बिहार सरकार सर्वे करा रही है। इस काम के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में करीब 10 हजार कर्मचारियों और अधिकारियों की बहाली नीतीश कुमार ने की है। लेकिन इसके बावजूद आज भी जमीन को लेकर विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना किसी ना किसी जिले से जमीन विवाद में हिंसा का मामला सामने आ रहा है. 


इस बार बिहार के गोपालगंज से एक तस्वीर सामने आई है। जिसमें जमीन के टुकड़े के लिए दो पक्ष आपस में भिड़ गये। दोनों पक्षों के बीच जमकर लाठी-डंडे और ईंट चले। इस दौरान कुछ लोग चोटिल भी हो गये। सोशल मीडिया पर वायरल यह फुटेज गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र के सासामुसा गांव का है जहां जमीन विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।


वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक जमीन को लेकर दो पक्ष आमने-सामने खड़े हैं और बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, कुछ देर बाद एक पक्ष लाठी-डंडे लेकर घटनास्थल पर पहुंच जाता है और बिना किसी वार्ता के ही दूसरे पक्ष पर अचानक हमला कर देता है। इस हमले में लाठी-डंडों का जमकर प्रयोग होता है और दोनों पक्ष एक-दूसरे पर टूट पड़ते हैं।


 वीडियो में यह भी दिख रहा है कि हमला करने वाले पक्ष के लोग विरोधी समूह को दौड़ाते हुए मारपीट कर रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों के बीच तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। लोग इस हिंसक घटना को लेकर चिंतित हैं और इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि इस गंभीर मारपीट की घटना के बावजूद अभी तक किसी पक्ष के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। 


स्थानीय पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही विवादित जमीन को लेकर दोनों पक्षों से पूछताछ की जाएगी।गोपालगंज जैसे कई जिलों में जमीनी विवाद अक्सर हिंसक संघर्ष में बदल जाते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के विवादों को सुलझाने के लिए स्थानीय प्रशासन को तेजी से और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ताकि साम्प्रदायिक और सामाजिक शांति बनी रहे।



REPORT: NAMO NARAYAN MISHRA