पटना के लोदीपुर में महिला सिपाही ने की आत्महत्या, किराए के मकान से मिला शव Bihar News: पटना से जा रही पैसेंजर ट्रेन में अचानक लगी आग, रेल यात्रियों में मचा हड़कंप; रेलवे ने दिए जांच के आदेश Bihar News: पटना से जा रही पैसेंजर ट्रेन में अचानक लगी आग, रेल यात्रियों में मचा हड़कंप; रेलवे ने दिए जांच के आदेश Bihar Crime News: नदी किनारे महिला का शव मिलने से मची सनसनी, घर छोड़ फरार हुए ससुराल पक्ष के लोग Bihar News: बिहार के 13 पुलिस अधिकारियों की सैलरी पर SP ने लगाई रोक, सामने आई यह बड़ी वजह Bihar News: बिहार के 13 पुलिस अधिकारियों की सैलरी पर SP ने लगाई रोक, सामने आई यह बड़ी वजह पटना के हेल्थ इंस्टीट्यूट में पाठ्यक्रम पूर्णाहुति समारोह का आयोजन, कुलपति ने कहा..रोगियों की सेवा का व्रत लेकर समाज में जाएं डॉक्टर Bihar Crime News: जमुई में महिला का कंकाल मिलने से हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस Bakrid 2025: वर्चुअल बकरीद और ग्रीन बकरीद क्या है? सोशल मीडिया पर अचानक क्यों हो रहे हैं ट्रेंड Bakrid 2025: वर्चुअल बकरीद और ग्रीन बकरीद क्या है? सोशल मीडिया पर अचानक क्यों हो रहे हैं ट्रेंड
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 15 Jan 2025 01:38:56 PM IST
साईकिल से वैष्णो देवी - फ़ोटो google
Bihar News: धार्मिक आस्था के साथ सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए गया के रहने वाले प्रकाश कुमार गुप्ता अपने बेटे यशराज के साथ साइकिल से वैष्णो देवी की यात्रा कर रहे हैं। वे हर दिन 90-100 किलोमीटर साइकिल चलाएंगे। इस यात्रा का मकसद धार्मिक आस्था के साथ-साथ सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार और विश्व में शांति की कामना करना है।
बोधगया के रहने वाले प्रकाश कुमार गुप्ता मकर सक्रांति पर मां मंगला गौरी के दर्शन करने के बाद अपने 8 साल के बेटे यशराज के साथ साइकिल से वैष्णो देवी की यात्रा शुरू की है। अपने बेटे की इच्छा पूरी करने और सनातन धर्म का प्रचार करने के लिए वे ये अनोखी यात्रा कर रहे हैं। इस यात्रा में वे रोजाना 90 से 100 किलोमीटर साइकिल चलाएंगे।आपको बता दें कि इससे पहले भी पिता-पुत्र की ये जोड़ी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय साइकिल से अयोध्या गई थी।
प्रकाश कुमार गुप्ता बोधगया के रामपुर में एक छोटा सा ढाबा चलाते हैं। उनके बेटे यशराज ने साइकिल से वैष्णो देवी जाने की इच्छा जाहिर की थी। जिसके बाद उन्होंने साइकिल से वैष्णो देवी को यात्रा करने की सोची। वे लोगों को ये संदेश देना चाहते हैं कि अगर इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कुछ भी मुमकिन है।