मधुबनी में अपराधी बेलगाम: बाइक सवार उचक्कों ने 3 लाख रुपये से भरा बैग दंपति से छीना बिहार में अपराधियों का तांडव जारी: दंपति पर अंधाधुंध फायरिंग, महिला की हालत गंभीर 2025 में 21 से ज्यादा खिलाड़ी कर चुके संन्यास की घोषणा, इनमें से 7 Team India के E-Rickshaw Safety: अब ई-रिक्शा में भी पाएं गाड़ियों वाली सुरक्षा, जनता का सबसे बड़ा डर ख़त्म करने चली मोदी सरकार सुपौल में यथासंभव काउंसिल का शिक्षक सम्मान समारोह, संजीव मिश्रा ने किया सम्मानित मुजफ्फरपुर में चिराग की सभा में लगा यह नारा.."बिहार का सीएम कैसा हो, चिराग पासवान जैसा हो" Katihar News: कटिहार में फिर से उफान पर नदियां, गोदाम की दीवार गिरने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान Katihar News: कटिहार में फिर से उफान पर नदियां, गोदाम की दीवार गिरने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान Bihar Politics: इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को मुकेश सहनी ने दी शुभकामनाएं, MP-MLA से की यह अपील Bihar Politics: इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को मुकेश सहनी ने दी शुभकामनाएं, MP-MLA से की यह अपील
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 14 May 2025 08:42:53 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार के गया जिले में पुलिस की गुंडागर्दी का एक और मामला सामने आया है, जहां बहेरा थाने की पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान आर्मी जवान मनोज कुमार को बेरहमी से पीट दिया। जवान का आरोप है कि अपशब्द का विरोध करने पर पुलिस ने लाठी और प्लास्टिक पाइप से हमला किया, फिर कमर में गमछा बांधकर थाने ले गए।
आर्मी जवान मनोज कुमार ने बताया कि सोमवार शाम को वह झारखंड से मजदूरों को छोड़कर अपने गांव पाठक बिगहा लौट रहे थे। बहेरा थाने के पास पुलिस वाहन चेकिंग कर रही थी। मनोज की बाइक को रोककर जांच शुरू की गई। हेलमेट न पहनने पर पुलिस ने फाइन की बात कही, जिसे मनोज ने स्वीकार कर लिया। लेकिन इसी दौरान एक पुलिसकर्मी ने अपशब्द कहे, जिसका मनोज ने विरोध किया।
विरोध से गुस्साए पुलिसकर्मियों ने मनोज पर लाठी और प्लास्टिक पाइप से हमला कर दिया। मनोज का आरोप है कि वहां मौजूद एक अधिकारी के आदेश पर उनकी कमर में गमछा बांधकर उन्हें थाने ले जाया गया। थाने में जबरन एक कागज पर "सकुशल हूं" लिखवाया गया और रात 10 बजे छोड़ा गया।
जिसके बाद मनोज ने अपने शरीर पर डंडों के निशान और पैर में जख्म भी दिखाए। उन्होंने शेरघाटी डीएसपी संजीत कुमार प्रभात को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, इस घटना की सूचना अपने आर्मी हेडक्वार्टर को भी दी। मनोज ने बताया कि वह बीमारी के कारण ड्यूटी से घर आए थे। रात में उन्होंने एक प्राइवेट क्लिनिक में इलाज कराया और मंगलवार को डोभी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दोबारा इलाज करवाया था।
इस मामले में बहेरा थानाध्यक्ष रविरंजन ने कोई जवाब देने से इनकार कर दिया है। उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। क्या पुलिस अपनी गलती छिपाने की कोशिश कर रही है? बिहार में पुलिस द्वारा इस तरह की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। जो जवान सरहद पर अपनी जान की बाजी लगाकर हमारी रक्षा करते हैं उनके साथ इस तरह का व्यवहार कहीं से भी उचित नहीं।