Bihar borsi accident : बिहार गयाजी में बोरसी गैस से दम घुटने से नानी और 2 बच्चों की मौत, ठंड में अलाव से हुआ हादसा

गयाजी जिले के कुर्कीहार में बोरसी गैस से दम घुटने से साठ वर्षीय नानी और दो बच्चों की मौत, परिवार में मातमी सन्नाटा, प्रशासन ने चेतावनी जारी की।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 31 Dec 2025 11:26:52 AM IST

Bihar borsi accident : बिहार गयाजी में बोरसी गैस से दम घुटने से नानी और 2 बच्चों की मौत, ठंड में अलाव से हुआ हादसा

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Bihar borsi accident : बिहार में कड़ाके की ठंड ने लोगों की जिंदगी कठिन बना दी है। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव और बोरसी का सहारा ले रहे हैं, लेकिन इसी वजह से अक्सर जानलेवा हादसे भी सामने आ जाते हैं। ताजा मामला गयाजी जिले के वजीरगंज प्रखण्ड के कुर्कीहार महादलित टोला से सामने आया है, जहां बोरसी जलाकर सोते समय नानी समेत दो बच्चों की मौत हो गई।


घटना में मृतकों की पहचान साठ वर्षीय मीना देवी, उनकी नातिन छह वर्षीय आंशी और नाती पांच वर्षीय सुजीत के रूप में हुई है। हादसा बुधवार की सुबह उस समय उजागर हुआ जब परिवार की सदस्य काजल देवी ने अपनी मां मीना देवी और बच्चों को जगाने की कोशिश की। कमरे में बेहोशी की हालत में तीनों पाए गए। तुरंत स्थानीय चिकित्सक को बुलाया गया, लेकिन चिकित्सक ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।


जानकारी के अनुसार, घटना के समय परिवार के चार सदस्य एक ही कमरे में सो रहे थे। ठंड से बचने और कमरे को गर्म रखने के लिए उन्होंने बोरसी जलाई थी। कमरे के बंद होने और वेंटिलेशन न होने के कारण बोरसी से निकलने वाली गैस कमरे में भर गई। इससे ऑक्सीजन की कमी हो गई और तीन लोगों की जान चली गई।


मीना देवी की बेटी अपने बच्चों के साथ बीते दो माह से मायके में रह रही थी। काजल देवी का ससुराल फतेहपुर प्रखंड के बंधुआ स्टेशन के निकट अमरपुर दलित टोले में स्थित है। उनके पति सुदेशी मांझी चेन्नई में मजदूरी कर रहे हैं। वहीं, मीना देवी के पति गांगो मांझी और उनके पुत्र जितेंद्र मांझी व बालम मांझी ईंट भट्ठे पर काम के लिए अन्य स्थानों पर गए हुए थे।


हादसे के बाद कुर्कीहार महादलित टोला में मातमी सन्नाटा छा गया है। पड़ोसी और रिश्तेदार भी हादसे से गहरे सदमे में हैं। लोगों का कहना है कि ठंड से बचने के लिए बोरसी और अलाव का उपयोग करना आम बात है, लेकिन कमरे में उचित वेंटिलेशन न होने से यह हादसा हुआ।


यह घटना पिछले कुछ हफ्तों में बोरसी और अलाव से जुड़ी मौतों की श्रृंखला में एक और दर्दनाक जुड़ाव है। सिर्फ 15 दिन पहले वजीरगंज के दखिनगांव में बोरसी से होने वाली गैस घुटन के कारण दो लोगों की मौत हुई थी। विशेषज्ञ और प्रशासनिक अधिकारी लगातार लोगों को आगाह कर रहे हैं कि कमरे में बोरसी जलाते समय हमेशा उचित हवादारी का इंतजाम किया जाए, ताकि ऑक्सीजन की कमी और गैस से होने वाले हादसों से बचा जा सके।


स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के साथ मिलकर राहत कार्य प्रारंभ किया है और प्रभावित परिवार को तुरंत सहायता प्रदान की गई। पुलिस ने भी घटना की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि सर्दियों में अलाव और बोरसी का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरती जाए और विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए हमेशा सुरक्षित व्यवस्था की जाए।


गौरतलब है कि बिहार में सर्दियों के मौसम में बोरसी और अलाव से होने वाली मौतें आम हो चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि घर के छोटे और बंद कमरे में किसी भी प्रकार की जलने वाली वस्तु का उपयोग खतरनाक हो सकता है। इसके लिए खुली खिड़कियों या वेंटिलेशन की आवश्यकता अत्यंत जरूरी है।


इस घटना ने एक बार फिर लोगों को सर्दियों में सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की चेतावनी दी है। परिवार और समाज को यह समझना होगा कि ठंड से बचने के लिए अपनाई जाने वाली साधारण सावधानियां कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकती हैं। मीना देवी और उनके नाती-नातिन की मौत ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया है और प्रशासन व विशेषज्ञों की चेतावनी को और गंभीर बना दिया है।