उन्नाव रेप केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भाकपा माले ने किया स्वागत, अरावली और मनरेगा मुद्दों पर बेगूसराय में जोरदार प्रदर्शन

उन्होंने मांग किया कि कुलदीप सिंह सेंगर जैसे बलात्कारियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, यहां तक कि फांसी की सजा मिले। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि यदि कोई सरकार ऐसे अपराधियों को बचाने का प्रयास करती है, तो भाकपा माले उसका विरोध करेगी।

1st Bihar Published by: HARERAM DAS Updated Mon, 29 Dec 2025 03:22:25 PM IST

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सरकार पर गंभीर आरोप - फ़ोटो REPORTER

BEGUSARAI: उन्नाव रेप केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाए जाने और पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को नोटिस जारी किए जाने के फैसले का भाकपा माले ने स्वागत किया है। इसी को लेकर अरावली पहाड़ियों के संरक्षण और मनरेगा से जुड़े मुद्दों के साथ भाकपा माले ने बेगूसराय में बड़ा आंदोलन किया। समाहरणालय स्थित दक्षिणी द्वार पर भाकपा माले के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष, छात्र और नौजवानों ने शहर में आक्रोश मार्च निकाला और जिला समाहरणालय पर धरना-प्रदर्शन किया।


लोगों को संबोधित करते हुए भाकपा माले नेता चंद्र देव वर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने मांग किया कि कुलदीप सिंह सेंगर जैसे बलात्कारियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, यहां तक कि फांसी की सजा मिले। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि यदि कोई सरकार ऐसे अपराधियों को बचाने का प्रयास करती है, तो भाकपा माले उसका विरोध करेगी।


उन्होंने अरावली पहाड़ियों को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार और भाजपा गरीबों के अधिकार, मानवता और प्रकृति—तीनों के साथ खिलवाड़ कर रही है। हजारों वर्षों से पर्यावरण की रक्षा करने वाली अरावली पहाड़ियों को कॉरपोरेट हितों, खासकर बड़े उद्योगपतियों के हाथों सौंपकर नष्ट किया जा रहा है, जिससे जल-जंगल-जमीन और पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।


भाकपा माले के जिला सचिव दिवाकर प्रसाद ने कहा कि इस प्रदर्शन के माध्यम से सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का स्वागत किया गया है, जिसमें कुलदीप सिंह सेंगर की सजा पर रोक लगाने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे लगाया गया है। उन्होंने मांग की कि उन्नाव पीड़िता के मामले में पहले दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा जाए और सेंगर को तत्काल जेल भेजा जाए।


उन्होंने अंकिता भंडारी हत्याकांड का भी जिक्र करते हुए उत्तराखंड में बीजेपी प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम की तत्काल गिरफ्तारी और आजीवन कारावास की मांग की। दिवाकर प्रसाद ने कहा कि आज जंतर-मंतर से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में महिला, पुरुष, छात्र, नौजवान और न्यायप्रिय बुद्धिजीवी सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं। यह जनआंदोलन की ही जीत है कि सुप्रीम कोर्ट ने सेंगर की सजा पर रोक लगाने के फैसले पर हस्तक्षेप किया।


प्रदर्शन के दौरान अरावली पहाड़ियों में खनन पर अविलंब रोक लगाने, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सौहार्द बनाए रखने और सांप्रदायिक हिंसा पर सख्त कार्रवाई की भी मांग की गई। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा, बजरंग दल और आरएसएस के जरिए समाज में सांप्रदायिक जहर घोला जा रहा है, जबकि दूसरी ओर सरकार की नीतियों में दोहरा चरित्र दिखाई देता है।


गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में कुलदीप सिंह सेंगर की आजीवन सजा को निलंबित करते हुए उन्हें जमानत दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले पर रोक लगाते हुए सेंगर को नोटिस जारी किया है। वहीं अरावली हिल्स रेंज से जुड़े मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने 20 नवंबर के अपने फैसले पर रोक लगाते हुए केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी।