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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 Sep 2025 04:48:43 PM IST
- फ़ोटो सोशल मीडिया
ARWAL: बिहार के अरवल सदर अस्पताल परिसर स्थित औषधि नियंत्रण कार्यालय में तैनात ड्रग्स इंस्पेक्टर शैलेंद्र नारायण को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance) की टीम ने बुधवार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। वह दवा दुकान का लाइसेंस देने के नाम पर 40 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था।
होलसेल मेडिकल स्टोर के लाइसेंस के नाम पर घूस
धावा दल के प्रभारी विनोद कुमार पांडे ने बताया कि प्रसादी इंग्लिश निवासी जितेंद्र कुमार ने 18 जुलाई को मुस्कान मेडिकल एजेंसी के नाम से होलसेल मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवेदन दिया था। आवेदन प्रक्रिया के दौरान ड्रग्स इंस्पेक्टर ने लाइसेंस जारी करने के लिए पैसे मांगे।
शिकायत पर कार्रवाई
जितेंद्र कुमार ने इस घूसखोरी की शिकायत निगरानी विभाग को दी। शिकायत की जांच के लिए टीम गठित की गई और आरोप सही पाए गए। इसके बाद बुधवार को निगरानी विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया।
रंगे हाथों दबोचा गया ड्रग्स इंस्पेक्टर
जैसे ही शिकायतकर्ता ने ड्रग्स इंस्पेक्टर को 40 हजार रुपये दिए, पहले से मौजूद निगरानी टीम ने उसे मौके पर रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उसे मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया। इस कार्रवाई में धावा दल के अधिकारी राकेश कुमार, मुरारी प्रसाद सहित कई अधिकारी शामिल थे।

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर घूसखोर का फोटो जारी किया है। यह बताया है कि मुख्यालय टीम के द्वारा आज दिनांक 03.09.2025 को निगरानी थाना कांड सं0-74/25, दिनांक 02.09.2025 में श्री शैलेन्द्र नारायण, औषधि निरीक्षक, जिला- अखल को 40,000/- (चालीस हजार) रूपये रिश्वत लेते सदर अस्पताल, जिला- अरवल स्थित इनके कार्यालय कक्ष से रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। परिवादी श्री जितेन्द्र कुमार, पिता सगीना सिंह, ग्राम- संतनगढ़, पो०- वारा कोरियम, थाना+जिला- अरवल द्वारा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, बिहार, पटना के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराया गया था कि आरोपी (जो औषधि निरीक्षक हैं) के द्वारा दूकान खोलने हेतु अनुज्ञप्ति देने के एवज में रिश्वत की मांग की जा रही है।
ब्यूरो द्वारा प्राप्त शिकायत का सत्यापन कराया गया एवं सत्यापन के क्रम में आरोपी द्वारा रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण पाया गया। प्रथम द्रष्ट्या आरोप सही पाये जाने के पश्चात् उपरोक्त कांड अंकित कर अनुसंधानकर्ता श्री विनोद कुमार पाण्डेय, पुलिस उपाधीक्षक, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना के नेतृत्व में एक धावादल का गठन किया गया। धावादल द्वारा कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी अभियुक्त श्री शैलेन्द्र नारायण, औषधि निरीक्षक, जिला- अरवल को 40,000/- (चालीस हजार) रूपये रिश्वत लेते सदर अस्पताल, जिला-अरवल स्थित इनके कार्यालय कक्ष से रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।गिरफ्तारी उपरान्त प्राथमिकी अभियुक्त श्री शैलेन्द्र नारायण के गोबर्धन चौक स्थित इनके किराये के आवास से तलाशी की कार्रवाई की गयी है,
जिसमें से लगभग (1) कुल नगद राशि- 2,30,000/- (दो लाख तीस हजार) रुपये (2) सोने का आभूषण कुल मूल्य 12,90,000/-(बारह लाख नब्बे हजार) रुपये (3) विभिन्न बैंकों का तीन पास बुक एवं (4) डाकघर का एक पास बुक बरामद किया गया है। तलाशी की अन्य कार्रवाई जारी है। अभियुक्त से पूछताछ के उपरांत माननीय विशेष न्यायालय, निगरानी, पटना में उपस्थापित किया जायेगा। अग्रतर अनुसंधान की कार्रवाई की जा रही है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, बिहार, पटना का वर्ष 2025 में भ्रष्टाचार के विरूद्ध यह 74वीं प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई है। जिसमें यह ट्रैप संबंधी 61 वां कांड है, जिसमें कांड दर्ज कर अभी तक कुल 70 अभियुक्तों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा चुका है तथा रिश्वत की कुल बरामद राशि 22,54,000/- (बाईस लाख चौवन हजार) रूपये है।