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1st Bihar Published by: mritunjay Updated Wed, 04 Jun 2025 10:23:16 PM IST
निजी क्लीनिक की लापरवाही - फ़ोटो google
ARWAL: बिहार के अरवल जिले के कुर्था प्रखंड से एक और दर्दनाक मामला सामने आया है जिसने निजी नर्सिंग होम की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य विभाग की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मोतीपुर बाजार स्थित मां भवानी क्लीनिक में बुधवार को ऑपरेशन के दौरान एक 27 वर्षीय महिला की मौत हो गई।
मृत महिला की पहचान गया जिले के कोच थाना क्षेत्र के सिंघाड़ा मठिया गांव निवासी स्वर्गीय लवकुश राम की पत्नी कविता कुमारी के रूप में की गई है। परिजनों के अनुसार, कविता कुमारी इलाज के लिए मां भवानी क्लीनिक में भर्ती हुई थीं। ऑपरेशन के दौरान अचानक उनकी हालत बिगड़ गई और थोड़ी देर बाद उनकी मौत हो गई।
महिला की मौत की सूचना मिलते ही क्लीनिक के संचालक और स्टाफ मौके से फरार हो गए, जिससे स्थिति और भी संदेहास्पद हो गई। इसके बाद परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए कुर्था थाने के अपर थानाध्यक्ष शमशेर आलम और एसआई रिंकू कुमारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अरवल सदर अस्पताल भेज दिया।
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर सवाल
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि क्लीनिक में मौजूद अन्य मरीजों को एंबुलेंस के माध्यम से कुर्था सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित किया गया है। पुलिस ने बताया कि परिजनों के आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी, और फरार संचालक की तलाश की जा रही है।
स्थानीय लोगों का आरोप: 'मिलीभगत से चल रहे अवैध क्लीनिक'
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में काफी रोष है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और मिलीभगत के चलते निजी नर्सिंग होम धड़ल्ले से अवैध रूप से ऑपरेशन कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे अवैध क्लीनिकों में ना तो पर्याप्त सुविधा होती है, ना प्रशिक्षित डॉक्टर, फिर भी कोई निगरानी नहीं होती। परिणामस्वरूप आए दिन ऐसी दर्दनाक घटनाएं हो रही हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
इस घटना ने एक बार फिर बिहार के ग्रामीण इलाकों में अवैध निजी क्लीनिकों की बढ़ती संख्या और स्वास्थ्य विभाग की कमजोर निगरानी प्रणाली को उजागर किया है। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है, और मृतका को न्याय दिलाने में कितनी संवेदनशीलता दिखाता है।