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वैभव लक्ष्मी व्रत; सुख, समृद्धि और सौभाग्य का पर्व

भारतीय सनातन परंपरा में वैभव लक्ष्मी व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक शुक्रवार को मनाए जाने वाले इस व्रत में धन, सौभाग्य और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है।

Vaibhav Lakshmi Vrat

30-Jan-2025 09:06 PM

Vaibhav Lakshmi Vrat: भारतीय सनातन धर्म में वैभव लक्ष्मी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत प्रत्येक शुक्रवार को किया जाता है और इसे करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है, आर्थिक तंगी दूर होती है और पारिवारिक जीवन में खुशहाली आती है। इस व्रत को महिलाएं विशेष रूप से करती हैं, लेकिन पुरुष भी इसे रख सकते हैं।


वैभव लक्ष्मी व्रत का महत्व

सनातन धर्म में मां लक्ष्मी को धन, वैभव और सौभाग्य की देवी माना गया है। जो भी व्यक्ति सच्चे मन से मां लक्ष्मी की आराधना करता है, उसके जीवन में किसी भी प्रकार की आर्थिक समस्या नहीं रहती। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस व्रत को करने से कुंडली में शुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ता है और बिगड़े हुए कार्य बनने लगते हैं।


वैभव लक्ष्मी व्रत की पूजा विधि

वैभव लक्ष्मी व्रत को करने के लिए भक्त को शुद्ध मन और तन से मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। व्रत की विधि निम्नलिखित है:


1. व्रत का संकल्प लें:

सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के सामने व्रत का संकल्प लें।


2. पूजन सामग्री तैयार करें:

मां लक्ष्मी की पूजा के लिए दीपक, फूल, जल, चावल, धूप, नैवेद्य (मिठाई या फल), लाल वस्त्र और सफेद कमल या गुलाब के फूल की व्यवस्था करें।


3. मां लक्ष्मी का पूजन करें:

मां लक्ष्मी की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें।

लाल वस्त्र अर्पित करें और अक्षत (चावल) चढ़ाएं।

घी या तेल का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी की आरती करें।

सफेद या पीले रंग के फूल चढ़ाकर मंत्रों का जाप करें।


4. वैभव लक्ष्मी व्रत कथा सुनें:

पूजा के दौरान वैभव लक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें। कथा सुनने से मां लक्ष्मी की कृपा जल्दी प्राप्त होती है।


5. मंत्रों का जाप करें:

मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करें या निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें:

मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः


6. भोग और प्रसाद अर्पण करें:

मां लक्ष्मी को खीर, गुड़ और फल का भोग लगाएं। पूजन के बाद परिवारजनों के साथ प्रसाद ग्रहण करें।


7. व्रत खोलने की विधि:

शुक्रवार के दिन यह व्रत रखने के बाद अगले दिन भोजन ग्रहण करें। यदि संभव हो तो यह व्रत 11 या 21 शुक्रवार तक करें।


वैभव लक्ष्मी व्रत के लाभ

धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

कुंडली में शुभ ग्रह मजबूत होते हैं।

सभी प्रकार के कष्ट और परेशानियां दूर होती हैं।

पारिवारिक जीवन में खुशहाली आती है।

व्यापार और नौकरी में उन्नति मिलती है।

वैभव लक्ष्मी व्रत के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां

व्रत के दिन नकारात्मक विचारों से बचें।

साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

किसी भी प्रकार की अशुद्धता से दूर रहें।

सात्त्विक भोजन करें और लहसुन-प्याज का सेवन न करें।

पूजा विधि को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।


मां लक्ष्मी के 108 नाम

मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करने से व्रत का विशेष फल प्राप्त होता है। कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

ॐ महालक्ष्म्यै नमः

ॐ अनन्तलक्ष्म्यै नमः

ॐ धनलक्ष्म्यै नमः

ॐ गजलक्ष्म्यै नमः

ॐ विजयलक्ष्म्यै नमः

ॐ अन्नपूर्णलक्ष्म्यै नमः

ॐ विद्यालक्ष्म्यै नमः

ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नमः

(पूरे 108 नामों की सूची पूजन ग्रंथों में उपलब्ध है)


वैभव लक्ष्मी व्रत करने से न केवल आर्थिक संकट दूर होते हैं, बल्कि जीवन में सुख-शांति और ऐश्वर्य का वास होता है। यदि इस व्रत को विधिपूर्वक और श्रद्धा से किया जाए, तो मां लक्ष्मी की कृपा से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। अतः इस व्रत को करने वाले साधकों को नियमों का पालन करते हुए सच्चे मन से मां लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए।