शहादत को सलाम: बिहार के लाल का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, शहीद को नम आंखों से दी गई विदाई शहादत को सलाम: बिहार के लाल का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, शहीद को नम आंखों से दी गई विदाई Bihar News: मासूम बेटे के साथ घर से निकली थी महिला, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar News: मासूम बेटे के साथ घर से निकली थी महिला, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में शराब की बड़ी खेप जब्त, पुलिस की कार्रवाई से शराब तस्करों में हड़कंप Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में शराब की बड़ी खेप जब्त, पुलिस की कार्रवाई से शराब तस्करों में हड़कंप Bihar Crime News: बिहार में छापेमारी करने पहुंची उत्पाद विभाग की टीम पर फिर से हमला, दो पुलिसकर्मी घायल Bihar Crime News: बिहार में छापेमारी करने पहुंची उत्पाद विभाग की टीम पर फिर से हमला, दो पुलिसकर्मी घायल Katihar News: मखाना निकालने को लेकर आदिवासी समुदाय के बीच जमकर मारपीट, तीर-धनुष से किया हमला; दोनों पक्ष के कई लोग घायल Bihar Crime News: बिहार में दिल को दहला देने वाली वारदात, बच्चे की हत्या कर शव को जलाया; गांव में दहशत का माहौल
02-Sep-2025 02:21 PM
By First Bihar
Chandra Grahan 2025: साल 2025 का दूसरा और बेहद खास पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को पड़ रहा है, जो पितृ पक्ष के दौरान घटित होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह ग्रहण न केवल खगोलीय दृष्टि से, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी बेहद शक्तिशाली माना जा रहा है। यह ग्रहण 100 वर्षों में एक बार आने वाला विशेष संयोग है, जो रविवार की रात 9:58 बजे से शुरू होकर 8 सितंबर की रात 1:26 बजे तक चलेगा। इस दौरान चंद्रमा "ब्लड मून" के रूप में दिखाई देगा, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर उसकी रोशनी रोक देती है।
सनातन धर्म के अनुसार, ग्रहण काल में शुभ कार्य, पूजा-पाठ और मंदिर प्रवेश वर्जित होता है, क्योंकि इस समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है। मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और ग्रहण के बाद शुद्धिकरण व धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
ग्रहण के समय भोजन विषाक्त हो सकता है, इसलिए पकाए गए भोजन में तुलसी के पत्ते डालने की परंपरा है। वहीं, यह समय आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इस दौरान जपे गए मंत्रों का प्रभाव हजार गुना अधिक होता है। विशेषकर महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र का जाप लाभकारी माना गया है। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, जिसमें घर के अंदर रहें, ग्रहण न देखें, नुकीली वस्तुओं का प्रयोग न करें, और सोने के बजाय जाप या प्रार्थना करें।ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगाजल से स्नान, कपड़े व घर की सफाई, तथा दान-पुण्य और ईश्वर का स्मरण करना शुभ माना गया है। यह ग्रहण केवल खगोलीय घटना नहीं, बल्कि एक ऐसा आध्यात्मिक अवसर है जो आत्मशुद्धि और पूर्वजों के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है।