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08-Mar-2025 06:49 AM
By First Bihar
Kamada Ekadashi: कामदा एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। इस व्रत को करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
कामदा एकादशी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, 2025 में कामदा एकादशी 8 अप्रैल को मनाई जाएगी। एकादशी तिथि की शुरुआत 7 अप्रैल की रात 08:00 बजे होगी और समापन 8 अप्रैल की रात 09:12 बजे होगा। हिंदू धर्म में उदयातिथि का विशेष महत्व होता है, इसलिए व्रत 8 अप्रैल को रखा जाएगा।
पारण का समय (व्रत खोलने का समय):
8 अप्रैल 2025 को सुबह 06:02 बजे से 08:34 बजे तक। इस दौरान विधिवत लक्ष्मी नारायण की पूजा करके दान-दक्षिणा देने के पश्चात व्रत खोलना शुभ माना जाता है।
कामदा एकादशी पर बनने वाले शुभ योग
इस वर्ष कामदा एकादशी के दिन कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है:
सर्वार्थ सिद्धि योग – इस योग में पूजा और व्रत करने से सभी कार्य सफल होते हैं।
रवि योग – यह योग विशेष रूप से शुभ माना जाता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है।
अश्लेषा नक्षत्र – यह नक्षत्र भी शुभ माना जाता है और व्रत करने वाले को विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।
कामदा एकादशी व्रत एवं पूजा विधि
प्रातः स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी पत्ता, फल, पंचामृत और प्रसाद अर्पित करें।
श्री हरि के मंत्रों का जाप करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
शाम के समय विष्णु जी की आरती करें और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दान दें।
अगले दिन पारण के समय पूजा कर अन्न-जल ग्रहण करें।
कामदा एकादशी का महत्व
कामदा एकादशी का महत्व 'विष्णु पुराण' में वर्णित है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो अपने जीवन में कष्टों और बाधाओं का सामना कर रहे हैं। इस दिन व्रत करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
कामदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके जीवन में शुभता आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। भक्त इस व्रत को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करें और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करें।