Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Transfer Posting: नीतीश सरकार ने सात अनुमंडल के SDO को हटाया और बनाया डीटीओ, 54 अफसरों को किया गया है इधऱ से उधर Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम
10-Feb-2025 06:10 AM
By First Bihar
Kalashtami: हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि काल भैरव देव को समर्पित होती है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही भक्त अष्टमी व्रत का पालन करते हैं, जिससे जीवन में सुख-शांति आती है और दुख-संकट दूर हो जाते हैं। खासतौर पर तंत्र साधना में रुचि रखने वाले साधकों के लिए यह तिथि विशेष महत्व रखती है।
काल भैरव देव की कठिन भक्ति से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जो साधक इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं, उनके सभी कार्य सिद्ध होते हैं और भगवान काल भैरव की कृपा से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
कालाष्टमी शुभ मुहूर्त
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि इस वर्ष 20 फरवरी को सुबह 09:58 बजे शुरू होकर 21 फरवरी को सुबह 11:57 बजे समाप्त होगी।
काल भैरव देव की पूजा रात्रि काल में की जाती है। निशा काल में पूजा का समय रात्रि 12:09 बजे से 12:57 बजे तक रहेगा।
कालाष्टमी पर बन रहे विशेष योग
इस कालाष्टमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं:
सर्वार्थ सिद्धि योग
रवि योग
शिववास योग
इन शुभ संयोगों में की गई पूजा से भक्तों को दोगुना फल मिलता है। साथ ही विशाखा और अनुराधा नक्षत्र के प्रभाव से यह दिन और भी खास हो जाता है।
पंचांग और मुहूर्त
सूर्योदय: सुबह 06:55 बजे
सूर्यास्त: शाम 06:15 बजे
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:14 बजे से 06:04 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:28 बजे से 03:14 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:12 बजे से 06:38 बजे तक
निशिता मुहूर्त: रात्रि 12:09 बजे से 12:57 बजे तक
कालाष्टमी व्रत का महत्व
कालाष्टमी का व्रत रखने और भगवान काल भैरव की पूजा करने से भक्तों को असीम शक्ति, साहस और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है। विशेष रूप से तंत्र साधक इस दिन कठिन साधना करते हैं ताकि अपने जीवन के उद्देश्य को प्राप्त कर सकें।
पूजा विधि
प्रात: स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
भगवान काल भैरव की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं।
उन्हें पुष्प, धूप, काले तिल, नारियल और मिठाई अर्पित करें।
काल भैरव स्तोत्र, भैरव चालीसा या शिव मंत्रों का जाप करें।
रात्रि के निशा काल में विशेष पूजा करें।
कालाष्टमी पर भगवान काल भैरव की पूजा विधि-विधान से करने से सभी प्रकार के भय, बाधाएं और रोग दूर होते हैं। यह दिन साधकों के लिए अद्वितीय सफलता और सिद्धि पाने का दिन है।