Bihar Government Jobs: दूसरी इंटर लेवल संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू, जान लें पूरी डिटेल Bihar Assembly Election 2025 : पहले चरण की 121 सीटों पर मैदान में 1314 उम्मीदवार, तेजस्वी यादव और NDA के दिग्गजों की होगी अग्निपरीक्षा Bihar political strategy : MY समीकरण से आगे निकले तेजस्वी ! अब 'K' कार्ड से बदलेगी महागठबंधन की किस्मत; जानिए RJD को कितना फायदा देगा यह नया समीकरण बड़हरा विधानसभा में रामबाबू सिंह का जनसंपर्क अभियान, बबुरा में दुखद मृत्यु पर जताई संवेदना Bihar News: बिहार में मिट्टी लाने गई 3 मासूमों की डूबने से मौत, गांव में पसरा मातम Bihar Assembly Election 2025 : नीतीश कुमार आज मुज़फ्फरपुर से शुरू करेंगे चुनावी प्रचार, एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा Bihar News: दीपावली की खुशियों में मातम: अररिया में करंट से पिता-पुत्र की मौत, लोगों ने जमकर किया हंगामा Bihar politics : अल्लावरु कांग्रेस की डुबो रहे लुटिया ! बिहार में अपनों से ही कर रहे दगाबाजी,जानिए विधानसभा चुनाव को लेकर अंदरखाने क्या चल रही चर्चा Bihar Election 2025 : चुनाव बाद डिप्टी सीएम पद पर लोजपा (रामविलास ) करेगी दावेदारी ! बिहार चुनाव पर LJP (R) सुप्रीमो का बड़ा बयान Bihar Election 2025: तेजस्वी पर चिराग का बड़ा हमला, कहा - जब खुद के गठबंधन को नहीं रख सकते सुरक्षित तो बिहार कैसे ? राहुल से भी पूछे यह सवाल
24-Aug-2025 02:27 PM
By First Bihar
Hartalika Teej 2025: हर साल की आखिरी तीज, यानी हरतालिका तीज, 26 अगस्त 2025 को बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी। यह पर्व महिलाओं के अखंड सौभाग्य और दांपत्य सुख का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे विधि-विधान से व्रत रखती हैं, रात्रि जागरण करती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। हरतालिका तीज को प्रकृति से भी जोड़कर देखा जाता है, क्योंकि सावन के बाद पेड़-पौधों में नई हरियाली आ जाती है।
हरतालिका तीज पर विशेष रूप से 16 प्रकार की पत्तियां शिवलिंग पर चढ़ाई जाती हैं, जिनमें प्रत्येक पत्ती का अपना विशिष्ट महत्व होता है। महिलाएं इन पत्तियों को चढ़ाकर अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना करती हैं। ये पत्तियों में शामिल है।
बिल्वपत्र : सौभाग्य
शमी के पत्ते : धन और समृद्धि
आम के पत्ते : मंगल कार्य
जातीपत्र : संतान की प्राप्ति
भृंगराज : पराक्रम और शक्ति
सेवंतिका : दांपत्य सुख
अगस्त्य : वैभव और ऐश्वर्य
केले के पत्ते : सफलता
बांस के पत्ते : वंश वृद्धि
देवदार पत्र : ऐश्वर्य और समृद्धि
पान के पत्ते : परस्पर प्रेम और समझदारी
धतूरा : मोक्ष और पाप नाश
चंपा : सौंदर्य और स्वास्थ्य
कनेर के पत्ते : यश और सुख
नीम : सुंदर चरित्र
अशोक के पत्ते : शांति और सुखमय जीवन
इस पर्व पर शिवलिंग पर आमतौर पर पांच प्रकार के फल चढ़ाए जाते हैं, जो आमतौर पर मौसमी होते हैं। इनमें केला, सेब, नाशपाती, पपीता, अनार, और अमरूद प्रमुख हैं। ये फल भी जीवन में समृद्धि और शुभता का प्रतीक माने जाते हैं।
हरतालिका तीज का व्रत निराहार रहकर रखा जाता है। शाम के समय बालू या मिट्टी से शिवलिंग बनाया जाता है। प्रदोष काल से पूजा आरंभ की जाती है और हर प्रहर में शिवलिंग पर 16 प्रकार की पत्तियां क्रम से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में चढ़ाई जाती हैं। पत्तियों को उल्टा (नीचे की ओर) चढ़ाना शुभ माना जाता है, जबकि फूल और फल सीधे (ऊपर की ओर) अर्पित किए जाते हैं। पूजा के दौरान भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण अनिवार्य होता है।
हरतालिका तीज महिलाओं के जीवन में खुशहाली, सौभाग्य और दांपत्य जीवन की सौंदर्यता बढ़ाने वाला पर्व है। इस दिन शिव-शक्ति की पूजा से न केवल उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि प्रकृति की नवीनता और हरियाली भी जीवन में नए उत्साह का संचार करती है। यह पर्व नारी शक्ति की सशक्तता का भी प्रतीक है, जहां महिलाएं अपने परिवार और समाज की खुशहाली के लिए पूरी श्रद्धा से व्रत करती हैं।