पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
25-Feb-2025 07:22 AM
Falgun Amavasya 2025: अमावस्या तिथि हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह दिन विशेष रूप से पितरों की आराधना, पितृ दोष से मुक्ति और पूर्वजों की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम होता है। फाल्गुन अमावस्या का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन किए गए उपाय जीवन में सुख-समृद्धि और पितरों का आशीर्वाद दिलाने में सहायक होते हैं। आइए जानते हैं कि इस पावन दिन पर कौन-कौन से कार्य करने चाहिए।
जरूर करें ये काम
स्नान और पवित्रता: अमावस्या के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करें। यदि यह संभव न हो, तो स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इससे शरीर और मन की शुद्धि होती है।
पीपल पूजन: अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष का पूजन करना शुभ माना जाता है। पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें और इसके नीचे सरसों के तेल में काले तिल डालकर दीपक प्रज्वलित करें।
पितरों की तृप्ति: इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए जल तर्पण करें। तिल, दूध और जल को मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर अर्पित करें। इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और जीवन में शांति बनी रहती है।
इस दिशा का रखें ध्यान
अमावस्या के दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाना अत्यंत लाभकारी होता है। दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है, इसलिए इस उपाय से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
पितृ होंगे प्रसन्न
पितृ चालीसा का पाठ: इस दिन पितृ चालीसा या गीता के 7वें अध्याय का पाठ करना अत्यंत शुभ होता है। इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
भोजन और दान: ब्राह्मणों को भोजन कराना और अपनी क्षमता अनुसार दान-दक्षिणा देना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, धन, वस्त्र आदि दान करें। यह उपाय जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति
पिंडदान और श्राद्ध कर्म: यदि पितृ दोष से परेशान हैं, तो इस दिन विशेष रूप से पिंडदान और श्राद्ध कर्म करें। यह पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।
शिवलिंग पर तिल अर्पित करें: फाल्गुन अमावस्या के दिन शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। इससे पितृ दोष समाप्त होता है और जीवन में खुशहाली आती है।
फाल्गुन अमावस्या पर किए गए ये विशेष उपाय न केवल पितरों को प्रसन्न करते हैं, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी लाते हैं। इस दिन पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धा भाव से तर्पण, दान और पूजन करें। इससे न केवल पितृ दोष से मुक्ति मिलती है, बल्कि घर में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।