ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: ‘बिहार के बच्चे ट्रेनों में धक्के खा रहे हैं’, प्रशांत किशोर का पीएम मोदी और अमित शाह पर हमला Bihar Election 2025: ‘बिहार के बच्चे ट्रेनों में धक्के खा रहे हैं’, प्रशांत किशोर का पीएम मोदी और अमित शाह पर हमला एक बोरी सिक्का लेकर बेटी को स्कूटी दिलाने पहुंचा पिता, शोरूम के कर्मचारियों ने किया स्वागत Bihar News: बिहार में चेकिंग के दौरान CRPF जवानों और दारोगा के परिवार के बीच मारपीट, बीच सड़क पर खूब चले लात-घूंसे; वीडियो वायरल Bihar Election 2025: ‘सरकार बनी तो 20 महीने में चीनी मिल चालू करेंगे’, दरभंगा में तेजस्वी यादव की बड़ी घोषणा Bihar Election 2025: ‘सरकार बनी तो 20 महीने में चीनी मिल चालू करेंगे’, दरभंगा में तेजस्वी यादव की बड़ी घोषणा मंत्री अशोक चौधरी और JDU महासचिव रंजीत झा का जहानाबाद में जनसंपर्क, कहा- CM नीतीश के नेतृत्व में विकसित बिहार का सपना हो रहा साकार Bihar Election 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की दहाड़, नाम लिए बिना पाकिस्तान को कुत्ते की पूंछ बताया Bihar Election 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की दहाड़, नाम लिए बिना पाकिस्तान को कुत्ते की पूंछ बताया देश मे अमन शांति बनाए रखने के लिए महागठबंधन की सरकार जरूरी: मुकेश सहनी

Chara Ghotala : चारा घोटाले के 950 करोड़ की वापसी के लिए बिहार सरकार का बड़ा कदम, जो 29 साल में नहीं हुआ वो अब होगा

Chara Ghotala : बिहार सरकार के इस कदम के बाद लालू महकमें में हड़कंप मचा हुआ है, क्या बेच दी जाएगी सारी संपत्ति

Chara Ghotala

28-Mar-2025 10:27 AM

By First Bihar

Chara Ghotala : बिहार सरकार ने बहुचर्चित चारा घोटाले में गबन किए गए 950 करोड़ रुपये को वापस लाने के लिए नई पहल शुरू की है। सरकार इस राशि की वसूली के लिए कोर्ट जाने की तैयारी में है और CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) व इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT) से भी बातचीत करेगी। उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, "हम हर संभव उपाय कर रहे हैं ताकि यह राशि बिहार के खजाने में वापस आ सके। जरूरत पड़ी तो कोर्ट जाएंगे, जांच एजेंसियों से बात करेंगे।"  


29 साल से हो रहा इंतजार

चारा घोटाला 1990 के दशक में बिहार में हुआ एक बड़ा भ्रष्टाचार कांड है, जिसमें पशुपालन विभाग से फर्जी बिलों के जरिए 950 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई थी। मार्च 1996 में पटना हाईकोर्ट ने CBI को जांच सौंपते हुए गबन की राशि को बिहार सरकार के खजाने में वापस लाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों की संपत्ति जब्त कर और नीलाम कर यह राशि वसूली जानी चाहिए। लेकिन 29 साल बाद भी एक रुपया भी खजाने में वापस नहीं आया।


इस दौरान कई बड़े नेता और अफसर जेल गए, सजा पाए, और कुछ जमानत पर हैं। लालू प्रसाद यादव, जो उस समय बिहार के मुख्यमंत्री थे, इस घोटाले के मुख्य आरोपी रहे। उन्हें डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में 2022 में पांच साल की सजा हुई थी, हालांकि वे स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर हैं। लेकिन राशि वसूली का दूसरा महत्वपूर्ण टास्क अधूरा पड़ा है।


वसूली में चुनौतियां 

चारा घोटाले में शामिल नेताओं और अफसरों ने गबन की राशि से खासी संपत्ति बनाई। CBI और अन्य एजेंसियों को इस संपत्ति को जब्त कर नीलाम करना था, लेकिन यह प्रक्रिया बेहद जटिल साबित हुई है। जांच एजेंसियों का ज्यादातर समय रसूखदार आरोपियों को सजा दिलाने में बीता, जिसके चलते संपत्ति जब्ती और नीलामी की प्रक्रिया पीछे छूट गई। पटना के पॉश इलाकों में कुछ संपत्तियों पर जब्ती के बोर्ड लगे हैं, लेकिन नीलामी नहीं हो पा रही।


वहीं, कई आरोपियों की संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई। रविशंकर प्रसाद, जो इस मामले के याचिकाकर्ता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री हैं, ने कहा, "घोटाले की राशि की वापसी इस मामले के 'लॉजिकल कन्क्लूजन' के लिए जरूरी है। कोर्ट का आदेश पूरा होना चाहिए। एजेंसियों को सक्रिय होना होगा और कानूनी पेचीदगियों का समाधान करना होगा।", याचिकाकर्ता सरयू राय ने भी कहा, "संपत्ति की जब्ती और नीलामी बहुत कठिन काम है। प्रक्रिया को सहज बनाना होगा, तभी सार्थक नतीजे मिलेंगे।"


क्या है चारा घोटाला?

चारा घोटाला 1990 के दशक तक चला। इसमें फर्जी पशुओं के नाम पर चारा, दवाइयां और उपकरणों की खरीद दिखाकर सरकारी खजाने से पैसे निकाले गए। 1996 में चाईबासा के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापा मारकर इस घोटाले का खुलासा किया था। घोटाले में बिहार और झारखंड (तब अविभाजित बिहार) के कई जिलों जैसे रांची, चाईबासा, दुमका, गुमला, जमशेदपुर और बांका के कोषागारों से अवैध निकासी की बात सामने आई थी।