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09-Nov-2025 02:15 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने चुनावी नामांकन के हलफनामे में उम्र को लेकर गलत जानकारी दी है।
याचिकाकर्ता ने अदालत से सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम पद से हटाने, उनका नामांकन रद्द करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की है। याचिका में दावा किया गया है कि साल 1995 में एक आपराधिक मामले में उन्होंने अपनी उम्र 15 वर्ष बताई थी, जबकि 1999 के विधानसभा चुनाव में खुद को 25 वर्ष बताया।
याचिकाकर्ता के अनुसार, इस विरोधाभास से यह स्पष्ट होता है कि सम्राट चौधरी ने अदालत और निर्वाचन आयोग दोनों को गुमराह किया। याचिका में यह भी कहा गया है कि उनके 2020 और 2025 के चुनावी हलफनामों में भी उम्र के आंकड़े मेल नहीं खाते।
जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी पहले इस मामले को उठाते हुए आरोप लगाया था कि सम्राट चौधरी ने 1995 के तारापुर हत्याकांड (केस संख्या 44/1995) में खुद को नाबालिग बताकर राहत हासिल की थी।
प्रशांत किशोर ने कहा था कि "सम्राट उस वक्त आरोपी नहीं, बल्कि दोषी थे, जिन्होंने जन्मतिथि में हेरफेर कर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया। उनके 2020 के हलफनामे के अनुसार वे 51 वर्ष के हैं, यानी 1995 में उनकी उम्र 24-25 वर्ष रही होगी।"
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ता नजर आ रहा है और विपक्ष इसे नैतिकता का मुद्दा बना रहा है।