8th Pay Commission : 8वां वेतन आयोग गठित: 50 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनरों की वेतन संरचना में बदलाव की तैयारी, सरकार ने जारी की नई सरकार की नई अधिसूचना Bihar Election 2025: चुनाव में मतदाताओं को धमकाने पर हो सकती है कौन सी कार्रवाई? जान लीजिए नियम Bihar Election 2025: चुनाव में मतदाताओं को धमकाने पर हो सकती है कौन सी कार्रवाई? जान लीजिए नियम DGCA New Rules 2025: फ्लाइट से यात्रा करने वालों के लिए बड़ी राहत: अब टिकट बुकिंग के 48 घंटे के भीतर कर सकेंगे फ्री कैंसिलेशन और मोडिफिकेशन? जानिए पूरी डिटेल Lalan Singh : 'घरे में बंद कर दिहो ...', केंद्रीय मंत्री ललन सिंह को अनंत सिंह के वोट अपील में यह बातें बोलना पड़ा महंगा, पटना DM ने दर्ज किया FIR; जानिए क्या है पूरा मामला Patna accident : पटना में बाकरगंज नाले पर बना मकान धंसा, चार लोग फंसे; राहत-बचाव कार्य जारी Success Story: कौन हैं IAS आशीष कुमार? जिन्होंने अनंत सिंह के गिरफ्तारी से ठीक पहले संभाली थी मोकामा की कमान Bihar Election 2025: ‘लालू का अपना इतिहास रहा है, वह खुद सजायप्ता हैं’ रीतलाल यादव के लिए रोड शो करने पर बोले दिलीप जायसवाल Bihar Election 2025: ‘लालू का अपना इतिहास रहा है, वह खुद सजायप्ता हैं’ रीतलाल यादव के लिए रोड शो करने पर बोले दिलीप जायसवाल Bihar Election 2025 : पहले चरण के चुनाव प्रचार के आखिर दिन अमित शाह के बड़े वादे,कहा - डिफेंस कॉरिडोर, नई रेललाइन और रामायण सर्किट से बदलेगा बिहार का भविष्य
                    
                            26-Jun-2023 10:47 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है और इस सरकार में यह दावा किया जाता है कि भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार की तरफ से अक्सर कहा जाता है ना हम लोग किसी को फंसाते हैं और ना हम लोग किसी को छोड़ते हैं लेकिन अब इसी सरकार के अधिकारी जमीन विवाद का निपटारा करने में बड़ी खेल कर रहे हैं।
दरअसल, दानापुर थाने में तैनात एक दरोगा गरीब महिला की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा दिला रहा था। जबकि इस जमीन पर पहले ही रेरा के तरफ से किसी भी निर्माण कार्य करने से रोक लगा दी गई है। इसके बाबजूद एक बिल्डर के तरफ से दारोगा से मिलीभगत कर निर्माण कार्य को अंजाम दिया है। इतना ही नहीं दारोगा ने रात में गरीब महिला के घर जाकर बिल्डर को जमीन देने का दवाब भी बनाया। जिसके बाद पटना डीएम के औचक निरिक्षण में इसकी सच्चाई निकल कर सामने आई है।
वहीं, इस मामले को लेकर अधिकारियों का कहना है कि इस मामले दारोगा की भूमिका संदिग्ध है। क्योंकि जिस जमीन पर रेरा ने किसी प्रकार का निर्माण कार्य रोक लगा दी है ऐसी स्थिति में बिल्डर ने दरोगा से मिलीभगत से निर्माण कार्य कैसे करा लिया। खासकर गरीब महिला के घर रात में जाकर दारोगा क्यों बिल्डर को जमीन देने का दबाव बना रहा था। जबकि दरोगा की ओर से सुनवाई थाने में सुनवाई के दौरान बड़ी अधिकारियों को यह जानकारी दी गई थी कि उसके द्वारा बिल्डर पर धारा 107 लगाने की अनुशंसा ऑडियो दानापुर को भेजी गई। अब छानबीन में 107 की कार्रवाई का प्रस्ताव के कागजात नहीं मिले हैं। जिसके बाद अब दारोगा पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
इसके अलावा अंचल कर्मियों की लापरवाही और मिलीभगत से एक ही जमीन की दूरी जमाबंदी करने से दो पक्ष आमने-सामने हो गए। डीएम चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी राजीव मिश्रा ने दानापुर थाने में विवाद के मामले में जब समीक्षा की तो यह सामने आया कि मई महीने के अंत तक 275 मामले में धारा 107 तथा 15 मामलों में धारा 144 की कार्रवाई की गई है।
अधिकारियों का कहना है कि दानापुर क्षेत्र में हर माह औसतन 30 से 40 मामले दर्ज कराए जा रहे हैं इसके अलावा रूपसपुर थाने में भी औसतन 30 मामले हार्ड में आ रहे हैं। इसमें सबसे अधिक जमीन पर कब्जे की शिकायत है। राजधानी के अंदर दानापुर, रुपसपुर,शाहपुर, खगौल, मनेर, बिहटा,नेउरा में सबसे अधिक मामला दर्ज किया गया है।