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18-May-2020 06:43 AM
SAHARANPUR : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में सड़क जाम कर हंगामा कर रहे हजारों को लोगों को शांत करने के लिए वहां के DIG को बिहार जिंदाबाद का नारा लगाना पड़ा. सहारनपुर के डीआईजी ने जीप के बोनट पर चढ़ कर खुद के बिहारी होने का एलान किया और फिर बिहार की भाषा में मजदूरों को समझाया. उससे पहले पुलिस के तमाम अधिकारी मजदूरों को समझाने की हर कोशिश कर चुके थे लेकिन सारे नाकाम हो गये थे. डीआईजी साहब के जय बिहार ने मजदूरों के आक्रोश को खत्म कर दिया.
पैदल घर लौट रहे बिहारी मजदूरों में भडका आक्रोश
दरअसल लॉकडाउन में जेठ की तपती धूप से जलती सड़कों पर हजारों मजदूर पैदल बिहार लौट रहे थे. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पुलिस ने उन्हें पैदल जाने से रोका. इसके बाद मजदूर भड़क गये. आक्रोशित मजदूरों ने हाई-वे जाम कर दिया और पुलिस पर पथराव करने लगे. उनके गुस्से को शांत करने के लिए खाकी के आला अफसर मिन्नतें करते रह गये लेकिन मजदूरों ने किसी की नहीं सुनी. सहारनपुर के एसएसपी ने सुरक्षा और खाना देने के साथ महफूज घर पहुंचना का भरोसा देकर शांत करने की हर मुमकिन कोशिश की तो लोग और भड़क गये. अंत में डीआईजी ने मोर्चा संभाला और खुद के बिहारी होने की दुहाई दी.
दरअसल सहारनपुर में रविवार को हाईवे पर मजूदूरों ने एक तरह से कब्जा कर लिया. वे अलग-अलग राज्यों से अपने घर लौट रहे थे. हजारों की तादाद में मजदूरों को पैदल घऱ जाते देख प्रशासन के हाथ पैर फूल गये. देश भर में प्रवासी मजदूरों की पैदल घऱ वापसी को लेकर हंगामा मचा है. केंद्र सरकार लगातार पैदल लौट रहे लोगों को रोकने का निर्देश जारी कर रही है. ऐसे में सहारनपुर पुलिस ने पैदल जा रहे मजदूरों को रोक दिया. पुलिस ने उनसे कहा कि वे वहीं रूक जायें. उनके घर लौटने की व्यवस्था प्रशासन करेगी. लेकिन मजदूर आक्रोशित हो गये. उन्होंने सड़क जाम कर पत्थरबाजी शुरू कर दी.
डीआईजी का जय बिहार काम आया
सहारनपुर में हंगामा कर रहे बिहार के मजदूरों को समझाने के लिए पहले थानेदार पहुंचे फिर डीएसपी और तब एएसपी, लेकिन सभी नाकाम हो गए. सहारनपुर के एसएसपी सरकारी जीप के बोनट पर चढ़कर मजदूरों को समझाते रहे लेकिन मजदूर नहीं माने. उन्होंने एसएसपी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. हालात बेकाबू होते देख सहारनपुर रेंज के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने मोर्चा संभाला.
सहारनपुर के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने उन्होंने मजदूरों से खुद का परिचय बतौर बिहारी कराया. उन्होंने बिहार की भाषा में बात करना शुरू कर दिया. डीआईजी ने मजदूरों से अपनत्व दिखाने के लिए पहले जय बिहार बोला. इसके बाद बात को बढ़ाते हुए कहा कि मैं भी बिहार से हूं और आपकी परेशानी को समझ सकता हूं. उन्होंने प्रदेश प्रेम की बात की और कहा कि अगर मजदूरों ने हंगामा जारी रखा तो बिहार का नाम ही खराब होगा. क्या वे लोग बिहार का नाम खराब करना चाहते हैं.
पुलिस के आलाधिकारी को अपनी भाषा में बोलते और जय बिहार का नारा लगाते देख कर मजदूर चौंक गये. उन्हें लगा कि वाकई प्रशासन उन्हें अपने घर तक पहुंचायेगा. डीआईजी की बातों का असर ये हुआ कि मजदूर मान गये और पैदल आगे बढ़ने का फैसला रोक दिया. मजदूरों का बस इतना कहना था कि उन्हें किसी तरह अपने घर पहुंचा दिया जाये. मजदूरों ने कहा कि वे अपने गांव में मजदूरी कर लेंगे, कम से कम भूख से तो नहीं मरेंगे.