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तेजस्वी अब कोम्प्रोमाईज़ के मूड में नहीं, दो नेताओं पर एक्शन का मैसेज समझिए..

तेजस्वी अब कोम्प्रोमाईज़ के मूड में नहीं, दो नेताओं पर एक्शन का मैसेज समझिए..

03-Mar-2022 09:38 PM

PATNA : बिहार में विधान परिषद के चुनाव की घोषणा के साथ ही राष्ट्रीय जनता दल ने बागी तेवर दिखाने वाले अपनी पार्टी के दो बड़े नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया। पार्टी के पूर्व विधायक गुलाब यादव और थोड़े अरसे पहले ही आरजेडी का दामन थामने वाले पूर्व विधायक महेश्वर सिंह को आरजेडी ने चलता कर दिया। इन दोनों को पार्टी विरोधी गतिविधियों का दोषी पाते हुए 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है। दोनों नेताओं के ऊपर जो कार्यवाही की गई है वह विधान परिषद के चुनाव के नजरिए से है। दरअसल तेजस्वी यादव बिहार विधान परिषद के लिए स्थानीय कोटे से हो रहे चुनाव को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। यही वजह है कि तेजस्वी ने पहले ही अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। विधान परिषद चुनाव में आरजेडी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन तक नहीं किया, केवल वामदलों के साथ सीट साझा की। गुलाब यादव और महेश्वर सिंह लगातार बागी तेवर अपनाते हुए विधान परिषद चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाने के काम में लगे हुए थे लिहाजा अब उन्हें बाहर कर दिया गया है। 


विधान परिषद चुनाव की घोषणा के अगले ही दिन में दो पूर्व विधायकों को पार्टी से बाहर निकाले जाने के फैसले को तेजस्वी यादव ने हरी झंडी दी थी। तेजस्वी यादव इन दोनों नेताओं को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं थे। गुलाब यादव मधुबनी से विधान परिषद के लिए अपनी पत्नी के उम्मीदवारी का दावा कर रहे थे जो नहीं होने पर लगातार वह विरोध में अनाप-शनाप बयान दे रहे थे जबकि पूर्वी चंपारण सीट से महेश्वर सिंह इसी तरह की गतिविधियों में शामिल थे। यहां पार्टी ने बबलू देव को उम्मीदवार बनाया है। आरजेडी ने मधुबनी सीट पर मेराज आलम को उम्मीदवार घोषित किया है जिससे गुलाब यादव नाराज थे वह अपनी पत्नी अंबिका गुलाब यादव को चुनाव में उतारने का ऐलान कर चुके थे। उन्हें पार्टी की तरफ से शो कॉज नोटिस भेजा गया था लेकिन अब एक्शन भी ले लिया गया है। महेश्वर सिंह के मामले में भी पार्टी ने इसी तरह की सख्ती दिखाई है। महेश्वर सिंह को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पत्र लिखकर यह बताया है कि वह पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार नहीं कर रहे हैं और दल विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। मोतिहारी सीट से टिकट नहीं मिलने के बाद महेश्वर सिंह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। 


तेजस्वी यादव बिहार विधान परिषद चुनाव को एक अवसर के तौर पर देख रहे हैं। विधानसभा चुनाव में बागियों के कारण जो गलती हुई तेजस्वी इस बार उसको नहीं दोहराना चाहते, इसलिए समय रहते तेजस्वी ने इस बार एक्शन लिया है। जाहिर है नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधान परिषद चुनाव में फ्रंट फुट पर आकर सियासी स्ट्रोक लगा रहे हैं। अब देखना होगा कि आरजेडी के बागी उनका खेल बिगाड़ते हैं या विधान परिषद चुनाव में तेजस्वी सफलता हासिल कर लेते हैं।