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18-May-2021 12:16 PM
PATNA: बिहार में कोरोना का कहर जारी है। कोरोना से बिगड़ते हालात को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक चिट्ठी लिखी है। इस पत्र के जरीय तेजस्वी ने अस्पताल में जाकर मरीज और उनके परिजनों के मिलने और उन तक राहत पहुंचाने की बात रखी है। वही कोविड केयर सेंटर खोलने और सामुदायिक किचन चलाने की सरकार से अनुमति भी मांगी है।
कोरोना से बिहार के हालत पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्र लिखा है। इस चिट्ठी के जरीये तेजस्वी ने CM नीतीश के समक्ष अपनी बातें रखी है। तेजस्वी ने कहा है कि विगत 4 वर्षों में लिखे गये किसी भी पत्र का जबाव आपने नहीं दिया। लेकिन उम्मीद है कि मानवीय हित में आप इस पत्र का जवाब देंगे। गांधी, लोहिया, जेपी और कर्पूरी ठाकुर जी की विचारधारा पर चलने का दंभ भरने वाले मुख्यमंत्री आज इतना अलोकतांत्रिक कैसे हो सकते हैं। जो नेता विरोधी दल के पत्र का जवाब देना भी उचित नहीं समझते। यह लोकतांत्रिक परंपराओं और संसदीय प्रणाली के लिए उचित नहीं है।
बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था, उदासीनता, भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, आवश्यक दवाओं एंव ऑक्सीजन की कालाबाजारी और सरकार की असंवेदनशीलता भी चरण पर है। यह महामारी अब ग्रामीण इलाकों में भी भयावह रुप ले चुका है। वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति क्या है यह किसी से छिपा नहीं है।
विधानसभा में आपने खुद कहा था कि स्वास्थ्य व्यवस्था, कोविड मैनेजमेंट, पर्यवेक्षण में विधानमंडल के निर्वाचित प्रतिनिधि भी अपना योगदान दे सकते हैं। राज्यपाल महोदय के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में हमने 30 महत्वपूर्ण सुझाव रखे थे। जिसमें दिए गये एक सुझाव में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और तमाम राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों को सम्मलित करने का प्रस्ताव था लेकिन दुर्भाग्यवश सरकार ने इसका गठन नहीं किया।
जब किसी तरह की संकट आती है तब लोग अपने जनप्रतिनिधि को खोजते हैं। आपके दल के ही लोग रोजाना आधिकारिक बयान जारी कर कहते हैं कि मुख्यमंत्री की बजाय नेता प्रतिपक्ष को स्वयं फ्रंट पर रहकर कोरोना जांच, दवाओं, बेड, ऑक्सीजन और अस्पताल सुनिश्चित कराने के साथ साथ कोरोना के विरुद्ध इस लड़ाई की अगुआई करनी चाहिए। जब नेतृत्व किंकर्तव्यविमूढ़ दिखे तो अनुयायियों द्वारा नया नेतृत्व खोजा जाने लगना भी अपेक्षित है। बिहार के सत्तारुढ़ दलों द्वारा सरकारी व्यवस्था को दुरुस्त करने के बजाय नेता प्रतिपक्ष को खोजने की कवायद को जनता भी देख रही है।
हम जिम्मेदार विपक्ष है ऐसे में जनता की समस्या को जाने और उसके समाधान के लिए की जा रही कार्यों को जानना और सरकार की कमियों को सामने हमारा अधिकार है। लेकिन देखा गया है कि अनेक बार जब जनहित के मुद्दों को लेकर मैं सड़क पर निकला तब मुझ पर महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
कोरोना महामारी में स्वास्थ्य विभाग की लच्चर व्यवस्था से जुझती जनता के लिए हम और हमारे सभी विधायक अपने अपने क्षेत्रों में लोगों को आवश्य जीवन रक्षक दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर, बेड मुहैया करा रहे हैं। मैं खुद इन सारे कार्यों का पर्यवेक्षण करना चाहता हूं साथ ही अपील है कि सरकार यह सुनिश्चित करें की इससे रोगियों व उनके परिजनों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। विधायकगण सहित मुझे भी राज्य के किसी अस्पताल और कोविड केयर सेंटर आदि के अंदर जाकर मरीजों एवं उनके परिजनों से मिलने और राहत पहुंचाने कोविड केयर सेंटर खोलने और सामुदायिक किचन चलाने की अनुमति प्रदान की जाए।
माननीय मुख्यमंत्री जी से स्वास्थ्य व्यवस्था, बचाव व राहत कार्य दुरुस्त करने और कराने के उद्देश्य से विशेष अनुमति हेतु पत्र लिखा है। एक माह पूर्व सर्वदलीय बैठक में हमने 30 महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे लेकिन किसी पर भी अमल नहीं हुआ।सरकार ना विफलताओं से सीख रही है और ना विपक्ष की सुन रही pic.twitter.com/PwBouCLhEm
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 18, 2021