ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: सासाराम में सीएम योगी की ललकार, महागठबंधन पर जमकर बरसे; उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए मांगे वोट Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar Assembly Elections : बिहार चुनाव को लेकर बॉर्डर हुआ सील, बड़ी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक Bihar Election 2025: वोटिंग करने से पहले जरुर जान लें यह बातें, पोलिंग बूथ पर जाकर नहीं होगी कोई परेशानी Bihar Special Trains: यात्रियों के लिए खुशखबरी! बिहार से चलेंगी इतनी स्पेशल ट्रेनें, जानें क्या है टाइमिंग और रुट? Bihar Election : पटना में गंगा नदी में नाव परिचालन पर रोक, SDO ने जारी किया आदेश; जानिए क्या है वजह Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, आशा कार्यकर्ता के घर से 32.42 लाख कैश जब्त

तेजस्वी के मास्टरस्ट्रोक से BJP और JDU में बेचैनी, भूमिहार–ब्राम्हण के खिसकने का डर

तेजस्वी के मास्टरस्ट्रोक से BJP और JDU में बेचैनी, भूमिहार–ब्राम्हण के खिसकने का डर

04-May-2022 07:07 AM

PATNA : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जिस तरह बिहार में ए टू जेड का फार्मूला अपनाने की बात कही और तेजस्वी जिस तरह अपने कट्टर विरोधी माने जाने वाले तबके के साथ इन दिनों खड़े नजर आ रहे हैं, उसे देख कर विरोध ही बेचैनी में हैं। दरअसल तेजस्वी यादव के इस कदम में जेडीयू और बीजेपी को बेचैन कर रखा है। तेजस्वी यादव ने परशुराम जयंती के मौके पर जिस तरह भूमिहार ब्राह्मण समाज को साथ लेकर चलने की बात कही उसके बाद उनके विरोधियों में ज्यादा बेचैनी है। तेजस्वी ने यह संकेत दे दिया कि बिहार में नए सियासी समीकरण की कहानी लिखी जाएगी। उन्होंने भूमिहार ब्राह्मण समाज को साथ लेकर चलने की बात कही और एलान कर दिया कि अभी तक आरजेडी के साथ जुड़ जाए तो ऐसे में बिहार में कमाल हो जाएगा।


तेजस्वी यादव ने सामाजिक न्याय को लेकर नई परिभाषा भी गढ़ी है। तेजस्वी ने कहा कि सामाजिक न्याय का मतलब यह नहीं कि किसी तबके को इससे अलग रखा जाए। यादव के इस दांव को लेकर उनके विरोधी कितने बेचैन दिखे इसका अंदाजा दो आयोजनों से लगाया जा सकता है। पटना के विद्यापति भवन में ही मंगलवार को परशुराम जयंती का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बीजेपी से जुड़े नेता शामिल हुए। मकसद था कि किसी तरह तेजस्वी की सेंधमारी वाली पॉलिसी का काट निकाला जा सके। इस मंच से बीजेपी के नेताओं ने पुराने दौर की याद ताजा करा दी।


उधर जेडीयू के नेताओं का भी परशुराम जयंती के मौके पर जुटान हुआ। मोकामा में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और पूर्व मंत्री नीरज कुमार समेत कई लोग परशुराम जयंती के मौके पर इकट्ठा हुए। मोकामा में परशुराम जयंती के मौके पर राजकीय समारोह का उद्घाटन किया। ललन सिंह ने कहा कि बाबा परशुराम की तरह और धर्म के खिलाफ संघर्ष करना जरूरी है। आयोजन भले ही अलग-अलग हुए हो लेकिन तेजस्वी यादव के विरोधियों का मकसद एक नजर आता है, किसी तरह आरजेडी के साथ भूमिहार और ब्राह्मण समाज को साथ जाने से रोका जाए। अब देखना होगा कि जेडीयू और बीजेपी इस काउंटर प्लान को किस हद तक एक्टिवेट कर पाते हैं।